- अनुराग जैन, मो सुलेमान व आशीष उपाध्याय के नाम भी उभरे
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। अब सूबे के प्रशासनिक मुखिया यानि की मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के रिटायर्ड होने का जैसे-जैसे समय पास आ रहा है वैसे-वैसे नए सीएस पद के लिए नामों की चर्चा तेज होती जा रही है। इसके लिए फिलहाल चार नाम चर्चा में बने हुए हैं। इनमें से एसीएस वीरा राणा का नाम सबसे आगे चलता दिख रहा है। अगर बीरा राणा सूबे की नई सीएस बनती हैं तो तीन दशक बाद प्रदेश की प्रशासनिक कमान एक बार फिर से किसी महिला अफसर के हाथों में आएगी। उनके अलावा जिन तीन अन्य नाम चर्चा में बने हुए हैं, उनमें अनुराग जैन, मो सुलेमान और आशीष उपाध्याय शामिल हैं। इसकी वजह है प्रदेश में पहली बार किसी महिला को मुख्य सचिव बने हुए 31 साल हो चुके हैं, उस समय प्रदेश की कमान भाजपा नेता सुंदरलाल पटवा के हाथों में थी। उन्होंने महिला आईएएस अधिकारी निर्मला बुच को प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया था। उनके पहले और बाद में अब तक कोई अन्य महिला अधिकारी सीएस नहीं बन सकी हैं। अब प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल अगले माह नवंबर में समाप्त हो रहा है। यही वजह है कि अब इस पद के लिए नामों को लेकर चर्चा तेज हो चुकी है लेकिन इस बार भी हालात महिला अफसरों के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं। इस पद के लिए पूरी योग्यता रखने वाली महिला अफसरों में माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष वीरा राणा और अलका उपाध्याय भी शामिल हैं। यह दोनों ही अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की अधिकारी हैं। अलका अभी केंद्र में सचिव के पद पर पदस्थ हैं। लेकिन फिर भी इनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है। इनके अलावा अन्य जो नाम चर्चा में हैं उनमें , उनमे 1989 बैच के अनुराग जैन, मोहम्मद सुलेमान और आशीष उपाध्याय के नाम शामिल हैं। यह बात अलग है कि इस पद के दावेदारों में विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया के प्रयासों की भी चर्चा है। सीनियर अफसरों में शामिल जय तिर्की और संजय बंदोपाध्याय अभी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो प्रदेश में पदस्थ अधिकारियों में 1988 बैच की अधिकारी वीरा राणा ही ऐसी हैं, जो अगले विधानसभा चुनाव के बाद सेवानिवृत्त होंगी। उनके ही बैच के शैलेंद्र सिंह इसी साल दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे।
गिरता है मनोबल
इस मामले में नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी का कहना है कि जब महिला अधिकारियों में मुख्य सचिव बनने की योग्यता है तो उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए । मुख्य सचिव के लिए जरुरी अर्हताएं महिला अफसरों के पास भी हैं तो फिर उन्हें सीएस बनाने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यह बात अलग है कि मुख्य सचिव बनाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है और उन्हें कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे महिला अधिकारियों के मनोबल गिरे।
शिव के अब तक के कार्यकाल में बने सात मुख्य सचिव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अब तक के कार्यकाल में 7 मुख्य सचिव बन चुके हैं। इनमें विजय सिंह, राकेश साहनी, अवनि वैश्य, आर परशुराम, अंटोनी डिसा, बसंत प्रताप सिंह और इकबाल सिंह बैंस के नाम शामिल हैं। यह बात अलग है कि शिवराज सिंह के लगभग 16 साल के बग तक के कार्यकाल में किसी भी महिला अफसर को सीएस बनने का मौका नहीं मिला है। गौरतलब है कि सुंदरलाल पटवा के बाद 10 वर्षों तक दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ भी मुख्यमंत्री रहे। मगर, यह सभी भी महिला अधिकारी पर भरोसा नहीं जता सके हैं। ऐसा नहीं है कि मुख्य सचिव पद के लिए योग्य महिला अफसर नहीं थी, मगर दिवंगत पटवा जी के अलावा कोई भी महिला अधिकारी पर भरोसा नहीं जता सका है।