स्पेशल स्टोरी

‘बाहरी’ दमदार अपने ‘बेकाम’

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। एक वक्त था जब भाजपा चाल, चरित्र और चेहरे की बात भी करती थी और उस पर अमल भी। लेकिन समय के साथ पार्टी पूरी तरह…

Read More

नेहा मारव्या को ईमानदारी पड़ रही भारी

तेज तर्रार महिला अधिकारी को 7 साल से नहीं मिली मैदानी पदस्थापना विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। लंबे समय से लूप लाइन में नौकरी कर रहीं 2011 बैच की आईएएस अधिकारी…

Read More

हर चरण में भाजपा के लिए… मुश्किल वाली दो सीटें

भाजपा के लिए रणनीति बनाना हुई आसान भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। केन्द्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित लोकसभा चुनाव की तारीखों में मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान…

Read More

इंदौर से जीतू और गुना से जयवर्धन को लड़ाने की तैयारी

बड़े नेताओं के इंकार के बाद कांग्रेस की मुश्किल बढ़ी भोपाल/पॉलिटिक्स वालाचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने अपने सभी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।…

Read More

भोपाल में फिर शुरू हो सकता है सीपीए

नगरीय विकास विभाग से मुख्य सचिव ने मांगी रिपोर्ट… भोपाल<बिच्छू डॉट कॉमशहर को व्यवस्थित तरीके से डेवलप करने के लिए साल 1960 में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत सीपीए…

Read More

पुस्तक समीक्षा- अयोध्या: इतिहास व घटनाओं का चित्रण

संजीव परसाई अयोध्या 22 जनवरी, पुस्तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर निर्माण की जानकारियों को समाहित करके लाया गया संभवत: देश का प्रथम दस्तावेज है। ये सच है कि…

Read More

भिंड लोकसभा सीट: एक को बयान तो दूसरे को संपर्क न करना पड़ रहा भारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भिंड-दतिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी घोषित हो जाने की वजह से चुनावी प्रचार शुरु हो गया है। प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी फूल…

Read More

साढ़े 5 लाख पेंशनर्स को मिली होली की सौगात

पेंशनर्स को 1 मार्च से मिलेगा 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता गौरव चौहान प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने के चौबीस घंटे बाद राज्य सरकार…

Read More

अपने ही घर में उलझे पटवारी… प्रतिष्ठा दांव पर

पार्टी के लिए दमदार प्रत्याशी की तलाश का मामला विनोद उपाध्यायविधानसभा चुनाव में हारने के बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की प्रतिष्ठा एक बार फिर से दांव पर लग…

Read More

लोकतंत्र भले ही शोकतंत्र है, लेकिन आप तो अभी जिंदा हैं

अवधेश बजाज कहिन यदि लिखने और बताने के लिहाज से व्यावसायिक आवश्यकता न हो तो इस दिशा में रत्ती-भर भी ध्यान देने की आवश्यकता महसूस नहीं होती है।  क्योंकि देश…

Read More