पवैया का नाम लगभग तय… भाजपा में दूसरे नाम का इंतजार

जयभान सिंह पवैया
  • कांग्रेस प्रत्याशी तन्खा कल भरेंगे नामाकंन

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश से अगले महीने खाली हो रही राज्यसभा की 3 सीटों के लिए कांग्रेस की ओर से अपने नाम की घोषणा कर दी गई है , जबकि शेष दो सीटों के लिए भाजपा द्वारा अब तक नामों का खुलासा नहीं किया गया है , लेकिन एक सीट पर हिंदूवादी नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का नाम लगभग तय कर लिया गया है , जबकि दूसरे नाम को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है। भाजपा में यह स्थिति तब है जबकि नामाकंन पत्र जमा करने में अब दो दिन का ही समय रह गया है।  माना जा रहा है की भाजपा केंद्रीय नेतृत्व केन्द्रीय मंत्रीमंडल के किसी एक सदस्य को मप्र से प्रत्याशी बना सकता है। इसमें प्रमुख नाम पीयूष गोयल का बताया जा रहा है। इस मामले में प्रदेश संगठन को पार्टी हाईकमान के निर्देशों का इंतजार बना हुआ है। दरअसल भाजपा हाईकमान से अब तक जो संकेत मिले हैं ,उसके मुताबिक एक सीट प्रदेश के तो  एक सीट दिल्ली के खाते में जाना तय है। फिलहाल दोनों सीटों के लिए प्रदेश के कई दिग्गज नेता भोपाल से लेकर दिल्ली तक एक किए हुए हैं। इस बीच प्रखर हिंदूवादी चेहरा पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का नाम दिल्ली भेज दिया गया है । उनके नाम की घोषणा भी दिल्ली से ही की जाएगी। पवैया के पास फिलहाल महाराष्ट्र के सह प्रभारी का दायित्व है, राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहने के कारण उनकी पहचान कट्टर हिंदुत्व चेहरे की है। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल की राजनीति में भी उनका प्रभाव माना जाता है। बताया जा रहा है की उन्हें  ग्वालियर-चंबल अंचल में पार्टी के अंदर संतुलन बनाने के लिए राज्यसभा भेजने की तैयारी की गई है। वैसे भी उन्हें स्थानीय राजनीति में महल विरोधी माना जाता है। यही वजह है की श्रीमंत को भाजपा के कोर ग्रुप में शामिल किया गया तो उसमें भी पवैया को भी जगह दी गई है। उल्लेखनीय है कि मप्र के कोटे से राज्यसभा में अभी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (ओडिशा) और एल मुरूगन (तमिलनाडु) प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
तन्खा कल करेंगे नामाकंन
 पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश से राज्यसभा के उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने के साथ ही तय कर दिया है की वे  सोमवार को नामाकंन फार्म जमा करेंगे। इससे तय हो गया है कि विवेक तन्खा एक बार फिर राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे। नाथ ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने मध्य प्रदेश से विवेक तन्खा के नाम पर मुहर लगाई है। एमपी में राज्यसभा की 3 सीटें खाली हो रही है। जिसमें 2 सीटें बीजेपी की है और 1 सीट कांग्रेस की है। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का कार्यकाल आने वाली 29 जून 2022 को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में विवेक तन्खा को लेकर पार्टी के अंदर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन कमलनाथ ने सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए तन्खा को राज्यसभा भेजने की घोषणा की है। गौरतलब है कि तन्खा कांग्रेस के उन असंतुष्ट नेताओं में शामिल रहे हैं, जो ग्रुप 23 के माध्यम से कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती देते रहे हैं, लेकिन तन्खा ने कभी भी पार्टी नेतृत्व के प्रति तल्खी नहीं दिखाई, जिसका उन्हें फायदा मिला। कांग्रेस के बदले हुए समीकरणों में भी तन्खा जैसे कानूनविद् की पार्टी को जरूरत थी। मनमोहन सिंह सरकार में कानून मंत्री रहे कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी, ऐसे हालात में कांग्रेस तन्खा को नहीं छोड़ सकती थी। चाहे कानूनी विवाद हों या प्रियंका गांधी वाड्रा के निज सचिव की गिरफ्तारी का मामला हो, सुप्रीम कोर्ट में तन्खा ने ही कांग्रेस का मोर्चा संभाला है। तन्खा कश्मीरी पंडित भी हैं, जाहिर है कांग्रेस कश्मीर में भी तन्खा का उपयोग करेगी। यही वजह है कि तन्खा को उनके धैर्य का प्रतिफल मिला।
गुर्जर व धुर्वे भी दावेदार  
उधर अगले साल होने वाले विधानसभा आगामी 2023 के चुनाव को देखते हुए जातिगत और सामाजिक आधार पर प्रत्याशी चयन की संभावना को देखते हुए पार्टी के किसान नेता बंशीलाल गुर्जर पिछड़ा वर्ग से और अजजा वर्ग से पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे भी दावेदार बने हुए हैं। हालांकि उनकी संभावना कम ही बताई जा रही है। गौरतलब है की प्रदेश की जो तीन राज्यसभा की सीटें अगले माह रिक्त हो रही हैं उनमें कांग्रेस के विवेक तन्खा के अलावा भाजपा की सम्पतिया उइके और एम जे अकबर की सीट शामिल है। धुव्रे की दावेदारी की वजह सम्पतिया उइके हैं। वे आदिवासी वर्ग से आती हैं।

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