बिच्छू राउंड-अप/प्रशांत किशोर ने कहा- राजनीति करूंगा तो सबको बताकर

 प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा- राजनीति करूंगा तो सबको बताकर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें फिलहाल अब खत्म हो गई हैं। क्योंकि जहां कांग्रेस ने न इसकी पुष्टि की न खंडन किया लेकिन प्रशांत किशोर ने इन सारी अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया है कि अभी वह किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हैं और न ही 2022 के प्रारंभ में होने वाले पांच राज्यों के चुनावों में उनकी कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा चाहे पंजाब का मामला हो या कोई और मसला, कांग्रेस के किसी भी फैसले में उनकी कोई भूमिका न पर्दे के पीछे है और न ही पर्दे के बाहर। प. बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद दो मई को उन्होंने जो घोषणा की थी वह पूरी तरह उस पर कायम हैं और अब जब भी कोई फैसला लेंगे तो उसकी सार्वजनिक घोषणा करेंगे। पीके ने कहा कि आगे राजनीति में सक्रिय होंगे या नहीं होंगे इसका अभी तक उन्होंने कोई फैसला नहीं किया है। उधर कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पीके पार्टी में शामिल होंगे या नहीं ये उन्हें और कांग्रेस नेतृत्व को तय करना है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने अनौपचारिक तौर पर पीके से राय मशविरा करना शुरू कर दिया है। जिसकी झलक पार्टी संगठन में होने वाले बदलाव के फैसलों में देखी जा सकती है।

मप्र पेट्रोल और राजस्थान डीजल पर वसूल रहे सबसे ज्यादा टैक्स
मध्य प्रदेश पेट्रोल और राजस्थान डीजल पर देश में सर्वाधिक टैक्स वसूलता है। यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में दी। एक लिखित जवाब में उन्होंने बताया, ‘मध्यप्रदेश पेट्रोल पर 31.55 रुपए प्रति लीटर वैट लगाता है, जो देश में सर्वाधिक है। वहीं, राजस्थान डीजल पर 21.82 रुपए प्रति लीटर वैट लेता है। पेट्रोल और डीजल पर सबसे कम वैट अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में क्रमश: 4.82 रुपए और 4.74 रुपए प्रति लीटर है। दरअसल, लोकसभा सदस्य उदय प्रताप सिंह और रोडमल नागर ने पूछा था कि क्या सरकार पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को एक समान करने की योजना बना रही है? इस पर पुरी ने बताया, ‘पेट्रोल और डीजल के मूल्य वैट और स्थानीय वसूलियों जैसे घटकों के कारण हर जगह अलग होते हैं। इसलिए देश में पेट्रोल, डीजल की कीमतें एक समान करने की योजना नहीं है।

बच्चों के लिए परीक्षण में खरी उतरी स्वदेशी वैक्सीन
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच देश की एक और स्वदेशी वैक्सीन परीक्षण में खरी उतरी है। खास बात यह है कि जायकोव-डी वैक्सीन 12 साल और इससे ज्यादा उम्र के बच्चों समेत सभी पर कारगर है। जायडस कैडिला कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल  ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। कंपनी ने लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है। इसके साथ ही कुछ औपचारिकताओं के बाद इस वैक्सीन को जल्द ही बाजार में उतारने की भी तैयारी है। जायकोव-डी ने क्लीनिकल ट्रायल पास किए हैं। वैक्सीन को मान्यता देने वाली सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने बाकायदा अपनी वेबसाइट में इसकी पुष्टि की है। कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल के लिए वैक्सीन के बैच कसौली भेजे थे। अब कंपनी डीसीजीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलते ही वैक्सीन के पब्लिक बैच जांच के लिए दोबारा सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी भेजेगी। यहां से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद कंपनी तीसरी भारतीय वैक्सीन को बाजार में उतारेगी। सूत्रों के अनुसार विषय विशेषज्ञ समिति जल्द जायडस कैडिला द्वारा जमा किए गए डेटा के आधार पर अंतिम मंजूरी कुछ दिनों में दे सकती है। उल्लेखनीय है कि भारत में दो स्वदेशी वैक्सीन को-वैक्सीन, कोविशील्ड समेत रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को सीडीएल कसौली ने मान्यता दी है। सीडीएल कसौली से भारत में उत्पाद, आयात व निर्यात होने वाली वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद ही बाजार में उतारा जाता है।

क्या बीजेपी का गुजरात फॉर्मूला उत्तर प्रदेश में भी होगा हिट!
बीजेपी ने यूपी के विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अपनी चुनावी रणनीतियों पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। यही नहीं, बीजेपी एक बार फिर यूपी की सत्ता पर काबिज होने के लिए गुजरात फॉर्मूला अपनाने की तैयारी कर रही है। इसी वजह से यूपी के मौजूदा विधायकों के काफी संख्या में टिकट कट सकते हैं। हालांकि इस वक्त बीजेपी हाईकमान के आदेश पर सीएम योगी आदित्यनाथ के विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करवाने की कवायद चल रही है। बीजेपी गुजरात में हर बार एंटी इनकम्बेंसी की काट के लिए पुराने विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगाती आ रही है, जो कि काफी समय से कामयाब भी है। बीजेपी आलाकमान इसी फॉर्मूले को अपनाते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीब 100 मौजूदा विधायकों की जगह नये और युवा चेहरों को वरीयता देने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए बीजेपी अपने विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करवा रही है और उसी के आधार पर विधायकों के भविष्य फैसला होगा।

Related Articles