बिहाइंड द कर्टन/पवैया ने दी मुस्लिमों को सद्भाव बनाने की सीख

  • प्रणव बजाज
जयभान सिंह पवैया

पवैया ने दी मुस्लिमों को सद्भाव बनाने की सीख  
बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके जयभान सिंह पवैया ने ज्ञानवापी मुद्दे पर मुस्लिमों को सद्भाव  बनाने की सीख देते हुए एक ट्वीट किया है। इसमें उनके द्वारा मुस्लिम समाज से अनुरोध करते हुए कहा गया है कि उन्हें काशी और मथुरा के सत्य के सामने समर्पण कर भविष्य के लिए सद्भाव की नींव रखने का मौका मिला है। इसका वे सदुपयोग करें, अन्यथा तीन नहीं तो तीस हजार लेंगे। इस ट्वीट में उनके द्वारा काशी और ज्ञानवापी का फोटो भी लगाया गया है। उन्होंने अपने ट्वीट में महाभारत का उदाहरण देते हुए लिखा है कि ध्यान रखें पांडवों ने पांच ही मांगे थे। मगर दुर्योधन की जिद का नतीजा क्या हुआ ? दरअसल वे प्रखर हिन्दुवादी नेता माने जाते हैं। वे राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं। बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में भी उन्हें नामजद किया गया था। ज्ञानवापी के मुद्दे पर ट्वीट से पवैया सुर्खियों में आ गए हैं। यह बात अलग है की इस मामले में अन्य किसी भाजपा नेता का कोई बयान नहीं आया है।

पुलिस का खौफ अपराधियों में समाप्त
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में एक के बाद एक गंभीर व जघन्य वारदातें हो रही है , उससे तो यह तय है की अब प्रदेश में अपराधियों पर पुलिस का खौफ समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा की जिस तरह से मंडला जिले के पातादेही में अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है, वह विचलित करने वाली घटना है।  उन्होंने कहा, प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त और स्थिति आराजक हो गई है। हालात यह हो गई है की अब तो लोगों को घरों में डर लगने लगा है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर क्या कारण है कि चारों तरफ दंगे-फसाद और हत्याएं हो रही हैं। सरकार इसे रोकने में विफल क्यों है।

भाजपा खुद परिवार वाद का शिकार
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है की भाजपा खुद परिवारवाद का शिकार है और हम पर आरोप लगाती है। उनका कहना है की भाजपा कांग्रेस को जिन राजा महाराजाओं के नाम पर कोसते थे, अब उन्हीं का गुणगान कर रहे हैं। मप्र , उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल सहित कई राज्यों में भाजपा नेता पुत्र और परिवारवाद के जीवंत उदाहरण है। कांग्रेस योग्य, मेहनती कार्यकर्ताओं को सामंजस्य के साथ आगे लाने का मन बना चुकी है। अब जनता सब कुछ जान चुकी है। उन्होंने इस दौरान पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा की उनकी पार्टी बेरोजगारों को रोजगार के अवसर दिलाने वाली असल नीतियां बनाने जा रही है। किसान दो साल से संघर्ष कर रहा है और मोदी सरकार सुन तक नहीं रही है। कांग्रेस उन्नत कृषि को बढ़ावा देने का खाका तैयार कर चुकी है। भारत कृषि प्रधान देश है, चंद उद्योगपतियों का ही नहीं। किसान गरीबी में डूबता जा रहा है और चंद उद्योगपतियों की रकम के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।

कांग्रेस का आधी आबादी पर रहेगा फोकस
निकाय चुनाव में प्रदेश कांग्रेस ने आधी आबादी पर पूरी तरह से फोकस करने का निर्णय लिया है, यही वजह है की पार्टी निकाय चुनाव में कुल मिलकार 63 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय कर चुकी  है। इसमें एससी वर्ग को 20 फीसदी, एसटी को 16 फीसदी और ओबीसी को 27  फीसदी आरक्षण के हिसाब से टिकट तो दिए ही जाएंगे, साथ ही कु़ल सीटों पर 50 फीसदी महिलाओं को भी चुनाव में उतारेगी। इसके साथ ही पार्टी ने टिकट वितरण के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। इसमें स्थानीय चुनाव में पार्षद प्रत्याशियों के नामों का चयन जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जाएगा। इस समिति का गठन प्रदेश कांग्रेस कमेटी करेगी। प्रत्येक जिले के लिए एक वरिष्ठ नेता को प्रभारी बनाया जाएगा। एक उप प्रभारी एवं एक समन्वयक भी होगा। इसके साथ ही समितियों को पार्षद प्रत्याशी के आवेदन लेकर अपने सदस्यों से गोपनीय सर्वे करवाने को भी कहा गया है।

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