देश का दुधारू प्रदेश बना मध्यप्रदेश, शीर्ष तीन में स्थान

दुधारू प्रदेश
  • हर व्यक्ति को 545 ग्राम की दूध उपलब्धता

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र इन दिनों दुधारू प्रदेश बना हुआ है। यहां दूध की नदियां बह रहीं हैं। दूध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान वाले मप्र में अब रिकार्ड दूध उत्पादन की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस वर्ष राज्य में दूध उत्पादन 19 हजार टन का आंकड़ा पार कर चुका है ,हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि अभी नहीं हो सकी है। राष्ट्रीय स्तर पर रिपोर्ट जारी होने के बाद ही सही स्थिति सामने आएगी। स्थिति ये है कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 545 ग्राम प्रति दिन पर पहुंच गई है।
दूध की यह उपलब्धता राष्ट्रीय औसत 405 ग्राम से भी ज्यादा है। प्रदेश में 10 हजार 205 दुग्ध सहकारी समितियां हैं जिनसे दूध का संकलन बढ़ाया गया। हाल ही में गुजरे वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश को यह उपलब्धि प्राप्त होने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2016-17 में 13 हजार 445 टन दूध उत्पादन हो रहा था, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 में बढ़कर 17 हजार 999 टन हो गया। प्रदेश के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि वित्तीय वर्ष 2015-16 से पहले प्रदेश का दूध उत्पादन 12 हजार टन से भी कम था। जिसे देखते हुए सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने के प्रयास शुरू किए। गाय-भैंस को खुरा (पैर और मुंह में होने वाला रोग) सहित अन्य बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। पौष्टिक पशु आहार की इकाइयां खुलवाई गईं। प्रदेश में सिंचाई रकबा और फसल उत्पादन बढृने से भी गाय-भैंस की सेहत सुधरी है। इसी का असर है कि प्रदेश में महज चार साल में साढ़े चार हजार टन से अधिक दूध उत्पादन बढ़ गया।
मध्य प्रदेश में दूध उत्पादन की यह है स्थिति
वित्तीय वर्ष उत्पादन (हजार टन में)
2016-17 13,445
2017-18 14,713
2018-19 15,911
2019-20 17,109
2020-21 17,999
10,205 समितियां कर रही दूध संकलन का काम
प्रदेश में वर्ष 2001 में 190 दुग्ध सहकारी समितियां थीं, जिन्हें बढ़ाकर 10 हजार 205 किया गया। जाहिर है दूध का संकलन बढ़ गया। जिससे दूध उत्पादन के सही आंकड़े आना शुरू हुए। इन समितियों ने कोरोना संक्रमण काल में भी दूध संकलन का सिलसिला जारी रखा। भारत सरकार की देखरेख में हर साल दूध उत्पादन का सर्वे कराया जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी सर्वे हुआ है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार दूध उत्पादन का आंकड़ा 19 हजार टन को पार कर जाएगा। पशुपालन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सर्वे के आंकड़े केंद्र स्तर पर घोषित किए जाते हैं। संचालक पशुपालन डा. आरके मेहिया का कहना है कि प्रदेश में पालतु पशुओं के लिए विभिन्न् योजनाएं चलाई जा रही हैं। सिंचाई का रकबा बढ?े, कृषि उत्पादन बढ?े से प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी उत्पादन बढ़ने के संकेत हैं।

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