तम्‍बाकू उत्‍पादों पर ट्रेक एण्‍ड ट्रेस व्‍यवस्‍था लागू करें : वित्त मंत्री देवड़ा

वित्त मंत्री देवड़ा

भोपाल। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने जीएसटी कॉउंसिल से पान मसाला, गुटका एवं तम्‍बाकू उत्‍पादों पर कर अपवंचन की रोकथाम के लिए ट्रेक एण्‍ड ट्रेस व्‍यवस्‍था को शीघ्र लागू करने की जरूरत रेखांकित की है। मंत्री श्री देवड़ा नई दिल्ली में जीएसटी कॉउंसिल की 49वीं बैठक में शामिल हुए। आयुक्त, वाणिज्यिक कर श्री लोकेश कुमार जाटव भी उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश पान मसाला, गुटका एवं तम्‍बाकू उत्‍पादों पर केपेसिटी लेवी पर बने मंत्री-मण्‍डल समूह का सदस्य रहा है।

बैठक में कर विवादों के त्वरित निपटारे के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल बेंच के गठन के संबंध में सुझाव देने के लिए गठित मंत्री-मंडलीय समूह के प्रयास की सराहना की गई। श्री देवड़ा ने बेंच में तकनीकी सदस्य (राज्य) की नियुक्ति के लिए ग्रुप-A सेवा की अर्हता को स्पष्ट करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ग्रुप A सेवा का कोई वर्गीकरण नहीं है। राज्य स्तरीय सर्च और सिलेक्शन समिति का गठन कर तकनीकी सदस्य (राज्य) की नियुक्ति का अधिकार राज्य को दिया जाना चाहिए।

श्री देवड़ा ने तेंदूपत्ता पर आरसीएम में 18 प्रतिशत से करारोपण यथावत रखने के प्रस्ताव का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों परिवार तेंदूपत्‍ता संग्रहण से जुड़े हैं। तेंदूपत्‍ता संग्रहण से प्राप्‍त लाभांश का 75 प्रतिशत तेंदूपत्‍ता संग्रहणकर्ता को “इंसेंटिव वेज” के रूप में दिया जाता है। तेंदूपत्‍ता पर कर की दर में किसी प्रकार की कमी आने से प्राप्‍त राजस्‍व एवं तेंदूपत्‍ता संग्रहण कर्ता को लाभांश से प्राप्‍त राशि पर प्रतिकूल प्रभाव संभावित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्‍यवस्‍था को मात्र राजस्‍व की दृष्टि से न देखा जाए, चॅूकि लाभांश का अधिकांश प्रतिशत संग्रहणकर्ता को प्राप्‍त होते हैं, जो सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवासरत जनजातीय बंधुओं के कल्‍याण की दृष्टि से भी बहुत उपयोगी है। तेंदूपत्‍ता संग्रहण को एक कर योग्य वस्तु के रूप में न देख एक जन-कल्याणकारी योजना के रूप में देखने की आवश्यकता है।

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