‘कविता’ को देख नेता पुत्रों की खिली बांछे

नेता पुत्रों
  • भाजपा ने पूर्व नेता की पुत्री कविता पाटीदार को बनाया राज्यसभा प्रत्याशी

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र से भाजपा की राज्यसभा  प्रत्याशी कविता पाटीदार ने आज अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनका राज्यसभा जाना पक्का है। उधर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भेरूलाल पाटीदार की बेटी कविता को राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही उन नेता पुत्रों की बांछे खिल गई हैं, जो प्रदेश में अपनी सियासी जमीन तलाश रहे हैं, लेकिन प्रदेश भाजपा में वंशवाद और परिवारवाद के लिए दरवाजा बंद होने के कारण घर बैठ गए थे। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले ३ साल से वंशवाद और परिवारवाद पर पूरी तरह नकेल कसी गई है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने केंद्रीय संगठन की गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रदेश भाजपा संगठन और अन्य इकाइयों को वंशवाद और परिवारवाद से तो मुक्त रखा ही, उपचुनावों में भी नेतापुत्रों को टिकट नहीं दिया गया। इससे प्रदेश में अपनी सियासी जमीन तलाश रहे नेतापुत्रों को झटका लगा है। कई नेतापुत्र राजनीति से अलग होकर काम-धंधे में जुट गए हैं या तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में कविता पाटीदार को राज्यसभा प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने नेतापुत्रों में आशा की किरण जगा दी है।
    पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की बेटी हैं कविता पाटीदार
    कविता पाटीदार, भाजपा के परिवार से आती हंै। उनके पिता भेरूलाल पाटीदार मध्यप्रदेश विधानसभा (दशम विधान सभा 1993-1778) के अध्यक्ष रहे हैं। कविता भाजपा में प्रदेश महामंत्री और इंदौर जिला पंचायत में अध्यक्ष रही हैं। उनको प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी के अंदर ही वंशवाद और परिवारवाद पर बहस होने लगी है। इस संदर्भ में पार्टी के जिम्मेदार नेताओं का कहना है कि कविता पाटीदार 2005  से लेकर अब तक अपनी योग्यता के आधार पर लगातार आगे बढ़ रही हैं। यानी कि राज्यसभा का टिकट परिवारवाद के कारण नहीं मिला, उनकी अपनी योग्यता के आधार पर मिला है।
    मप्र में ये नेता पुत्र सक्रिय
    प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में होना है। इससे पहले टिकट की आस में नेता पुत्र सक्रिय हो गए हैं। श्रीमंत  के बेटे महानआर्यमन ग्वालियर क्रिकेट एसो. के उपाध्यक्ष हैं। कहा जा रहा है कि सियासत का ककहरा सीखने एसो. में एंट्री हुई है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकर्ण भी लोगों से संपर्क में रहते हैं। चर्चा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में वे खासे सक्रिय हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप को लोग नरेंद्र तोमर के सियासी उत्ताधिकारी के रूप में भी देख रहे हैं। लिहाजा देवेंद्र ने भोपाल में सक्रियता बढ़ा दी है। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा के बेटे तुष्मुल भी सियासत में कदम रखने की जुगत में हैं। लोगों से मिलने-जुलने सहित पिता की तर्ज पर सियासत करने की चाह रखते हैं। कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक खासे सक्रिय रहते हैं। इनके अलावा सुमित्रा महाजन के पुत्र मंदार महाजन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह, गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ, मंत्री कमल पटेल के पुत्र सुदीप पूर्व मंत्री व अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन के पुत्र मौसम शामिल हैं।
    ये परिवारवाद से आए राजनीति में
    प्रदेश की राजनीति में परिवारवाद के सहारे राजनीति में आ चुके नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह सकलेचा के पुत्र ओमप्रकाश सकलेचा, कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा, कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र अशोक रोहाणी, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण पांडेय के पुत्र राजेंद्र पांडेय, पूर्व मंत्री किशोरीलाल वर्मा के पुत्र देवेंद्र वर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा की पत्नी नीना जैसे प्रमुख नाम हैं। ओमप्रकाश सकलेचा अभी मंत्री हैं तो दीपक जोशी स्कूल शिक्षा मंत्री रह चुके हैं और सुरेंद्र पटवा अभी विधायक हैं लेकिन पहले मंत्री भी रह चुके हैं।
     सियासी जमीन तलाश रहे नेतापुत्रों में जगी आस
    मप्र संगठन, उपचुनावों और यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वंशवाद के खिलाफ करारा प्रहार किया। इससे मप्र में सियासी जमीन तलाश रहे नेता पुत्र स्वयं हाशिए पर चले गए हैं। लेकिन भाजपा जिस परिवारवाद का विरोध करती रही है, अब वही परिवार वाद पार्टी के लिए चुनौती बनती जा रहा है। पीएम मोदी से लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व वंशवाद की बेल न फैलने पाए इसको लेकर सख्त है। दूसरी ओर सूबे के कई कद्दावर नेता अपने पुत्रों को टिकट दिलाकर राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे नेताओं और नेतापुत्रों को कविता पाटीदार का राज्यसभा प्रत्याशी बनना शुभ संकेत है।

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