भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। लोगों की समस्याओं का जल्द और प्रभावी निदान करने के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन की सेवा को कई विभागों के अफसरों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। इसकी वजह से लोगों को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से अब लोगों द्वारा इस सेवा पर भी सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। खास बात यह है कि इस मामले में राजधानी सहित प्रदेश के बड़े शहरों में बेहद खाराब स्थिति है। यह खुलासा हुआ है हाल ही में जारी की गई जिलेवार प्रादेशिक ग्रेडिंग में।
इस ग्रेडिंग में जहां सामान्य शहरों में शामिल आलीराजपुर, बुरहानपुर, निवाड़ी, खरगोन और रतलाम जैसे शहरों वाले जिलों को ए-ग्रेड मिला है, तो वहीं राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के चारों बड़े शहरों की स्थिति बेहद खराब बताई गई है। इस ग्रेडिंग लिस्ट में भोपाल को 35वां तो इंदौर को 40 वां स्थान दिया गया है। यही नहीं इस लिस्ट में ग्वालियर को 46वें और जबलपुर को 8वें स्थान पर रखा गया है। इन बड़े महानगरों वाले जिलों की इस स्थिति की वजह बनी है, स्कूली शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य, परिवहन और नगर विकास जैसे विभागों से संबधित शिकायतों का निराकरण नहीं किया जाने से। दरअसल यह ऐसे विभाग हैं , जिनके अफसरों द्वारा शिकायतों को दूर करने में अधिक रुचि ही नहीं ली गई। अगर भोपाल की बात की जाए तो यहां पर विभिन्न विभागों ने मिल शिकायतों में से महज 17 से 43 फीसदी तक ही निराकरण किया है। यही नहीं तकरीबन सभी विभागों में कमोबेश यही हालत हैं।
नगर विकास में भी महानगर पिछड़े
नगर विकास से जुड़ी शिकायतों को दूर करने में भी भोपाल टॉप-10 से बाहर हो चुका है। इस मामले में जिले को 15वां स्थान मिला है। अफसरों ने 5804 शिकायतों में 43.48 प्रतिशत का ही समाधान किया। जबलपुर को 24वां और इंदौर को 32वां स्थान मिला है। ग्वालियर 22वें स्थान पर है। यहां 42.80 प्रतिशत ही समाधान किया गया है। इस मामले में पहले स्थान पर हरदा है, जबकि बुरहानपुर दूसरे, रतलाम तीसरे, आगर मालवा चौथे और बैतूल 5वें स्थान पर है।
अलीराजपुर व विदिशा का परिवहन टॉप पर
अगर परिवहन विभाग की शिकायतों के निराकरण की स्थिति देखी जाए तो इस विभाग की शिकायतों के निराकरण में जहां अलीराजपुर और विदिशा जिले ने बाती मारेते हुए क्रमश: पहला और दूसरा स्थान पाया है , जबकि परिवहन मुख्यालय वाले जिले ग्वालियर में बेहद खराब स्थिति रही है। ग्वालियर को इस वजह से 50वें तो भोपाल को 43वें स्थान पर रखा गया है। अगर अन्य बड़े शहरों वाले जिलों को देखे तो इस मामले में जबलपुर को 31 वां स्थान मिला है। यह बात अलग है कि इस मामले में इंदौश्र में अच्छा काम हुआ है जिसकी वजह से उसे पांचवां स्थान मिला है।
भोपाल का स्कूल विभाग भी बना फिसड्डी
स्कूली शिक्षा विभाग की शिकायतें दूर करने में भी आलीराजपुर ने बाजी मारते हुए पहला स्थान हासिल किया है। इस मामले में दूसरा स्थाना हरदा को मिला है, जबकि जबलपुर को तीसरा स्थान मिला है। इस विभाग द्वारा की गई शिकायतों के निराकरण में शिवपुरी चौथे और नीमच पांचवें स्थान पर नीमच है। इस विभाग की शिकायतों के निराकरण में भी चारों महानगरों वाले जिलों की स्थिति दयनीय रही है। ग्वालियर को 22 वां स्थान मिला है। इस जिले में महज 42.50 प्रतिशत शिकायतें निराकृत की गई हैं। इसी तरह से इंदौर 32वें स्थान पर, जबकि भोपाल में सबसे कम शिकायतों का निराकरण किए जाने की वजह से वह अंतिम यानी की 52वें स्थान पर रहा है।
स्वास्थ्य में भी अलीराजपुर ने बाजी मारी
स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें दूर करने में भी आलीराजपुर टॉप पर रहा। इस जिले में 53.33 प्रतिशत शिकायतें निराकृत की गई हैं , जबकि निवाड़ी 51.61 प्रतिशत समाधान के साथ दूसरे और जबलपुर तीसरे स्थान पर है। यहां आई 417 शिकायतों में 46.62 फीसदी दूर की गई। दतिया चौथे और मुरैना पांचवें स्थान पर रहा। इंदौर में 316 शिकायतें भी अफसर दूर नहीं कर सके। जिसकी वजह से इसे 7वां स्थान मिला है। ग्वालियर को 34वां और भोपाल को 38 वां स्थान मिला। राजधानी में आईं. 479 शिकायतों में 35.57% ही दूर की गईं।
22/09/2022
0
192
Less than a minute
You can share this post!