दिव्यांगों को भी नौकरी के लिए करना होगा साक्षात्कार का सामना

  • भर्ती नियमों में किया गया बदलाव

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
सरकार के एक आदेश से प्रदेश के हजारों दिव्यांगों को बड़ा झटका दिया है। यह मामला है उनके सरकारी नौकरी के चयन को लेकर। नए निर्णय में तय किया गया है कि अब दिव्यांगों को भी आम अभ्याथियों की ही तरह साक्षात्कार का सामना करना होगा। अभी तक दिव्यांगों को उनके लिए आरक्षित पदों पर सीधे ही साक्षात्कार लेकर भर्ती कर दिया जाता था, लेकिन अब इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि बीते वर्ष जिन विभागों के लिए दिव्यांगों के रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन बुलाए थे, उनकी नियुक्ति होगी या फिर उन्हें नए सिरे से भर्ती परीक्षा का सामना करना होगा या नहीं। दरअसल, हाल ही में सामान्य प्रशासन विभाग ने दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति के संबंध के मामले में नया आदेश जारी किया है। यह आदेश 4 जनवरी को जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि 22 फरवरी 2014 के परिपत्र के अनुसार दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति विशेष भर्ती अभियान के तहत साक्षात्कार के माध्यम से करने के निर्देश दिए थे, जबकि नए आदेश में कहा गया है कि साक्षात्कार के जरिए पद भरने की समय-सीमा 31 दिसंबर 2024 निर्धारित थी, जो समाप्त हो चुकी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त,  जिलाधीश एवं अन्य कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि दिव्यांगजनों के रिक्त पदों की पूर्ति साक्षात्कार के माध्यम से न करते हुए, अब सामान्य भर्ती  प्रक्रिया से करने को कहा गया है। उधर, इस परिपत्र के जारी होने के बाद से वे दिव्यांग हैरान परेशान हैं, जिन्होंने बीते साल भर्ती के लिए आवेदन दिया था, लेकिन संबंधित कार्यालयों ने भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी परिपत्र में यह स्पष्ट नहीं है कि जो भर्ती प्रक्रिया लंबित है, उसको साक्षात्कार के जरिए ही पूरा किया जाएगा या फिर नए सिरे से भर्ती प्रकिया के माध्यम से उनकी भर्ती की जाएगी।
न्यायालय के आदेश पर शुरु हुई थी भर्ती प्रक्रिया
चूंकि उच्च न्यायालय ने मप्र सरकार को 30 जून 2024 तक दिव्यांग भर्ती के आदेश दिए थे। इसके बाद विभागों ने भर्ती विज्ञापन जारी किए, लेकिन अभी तक सभी खाली पदों पर भर्ती नहीं हुई है। इसको लेकर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ मप्र सरकार के लगातार संपर्क में है। फरवरी में संघ की आपत्ति के बाद सामाजिक न्याय विभाग की उपसचिव अंकिता धाकरे ने उच्च न्यायालय की याचिका का उल्लेख करते हुए विभाग प्रमुखों को पत्र लिखा था, इसके बावजूद भी विभागों ने दिव्यांग भर्ती को गंभीरता से नहीं लिया और अभी तक भर्ती प्रक्रिया अधूरी पड़ी हुई है।
रिक्त दिव्यांग कोटे के 84 फीसदी पद हें रिक्त
पिछले साल दो दर्जन से ज्यादा सरकारी कार्यालयों ने करीब 4287 पदों पर दिव्यांगों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए थे। जिनमें से 700 करीब पदों पर ही भर्तियां हुई हैं, शेष पदों पर भर्ती प्रक्रिया लंबित है। खास बात यह है कि दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती के लिए हजारों दिव्यांगों ने आवेदन किए थे।

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