रिजल्ट के बाद पूरे कुनबे का होगा रिश्फल

  • मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों की सक्रियता की हो रही मॉनिटरिंग
  • गौरव चौहान
कुनबे

मप्र की 29 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनाव केवल प्रत्याशियों ही नहीं बल्कि मप्र सरकार के मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों का भविष्य तय करेंगे। भाजपा सूत्रों का कहना है कि संगठन स्तर पर सभी की सक्रियता की मॉनिटरिंग हो रही है। जिस क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की जीत होगी, उस क्षेत्र से आने वाले मंत्री और विधायक की पौ-बारह हो जाएगी और जहां हार होगी, वहां के नेताओं पर गाज गिर सकती है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को जिताने के लिए केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री और विधायक तक अपनी किस्मत दांव पर लगाए बैठे हैं। पार्षद से लेकर संगठन के पदाधिकारी और कुछ नए चेहरों के भाग्य का फैसला भी इस चुनाव से होगा। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश की सभी 29 सीटों पर फतह हासिल करने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सूबे के संगठन और सरकार के मंत्रियों को साफ तौर पर संदेश दिया है कि, लोकसभा चुनाव के परिणाम उनके राजनैतिक भविष्य को तय करेंगे। छिंदवाड़ा में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने भी इस बात को दोहराया है। जानकारों की मानें तो पार्टी चुनाव परिणाम के बाद ही सभी 29 सीटों का विश्लेषण करेगी। इसमें विशेष तौर पर यह देखा जाएगा कि नेता, पदाधिकारी, मंत्री या विधायकों की भूमिका कैसी रही। किन क्षेत्रों में पार्टी को कितना वोट मिला, जो पिछले चुनावों से ज्यादा है या कम। इसी तरह कांग्रेस से आए बड़े नेताओं से पार्टी को फायदा हुआ है या नुकसान। सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने छिंदवाड़ा प्रवास पर यह साफ कर दिया है कि कहीं भी कमजोर स्थिति होती है, तो इसके जिम्मेदारी वहां पर तैनात किए गए नेताओं और मंत्रियों से सवाल किए जाएंगे।
कई रणनीति पर एक साथ काम
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा ने मप्र में लोकसभा चुनाव को लेकर टारगेट तय कर दिया था, जिसमें प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत के साथ-साथ हर बूथ पर पिछले चुनाव की तुलना में 370 वोट अधिक लेने की बात कही गई थी। बताया गया है कि इसी आधार पर पार्टी ने चुनावी रणनीति बनाई और कुछ नेताओं की प्रत्याशियों को तय करने में सिफारिश को भी तरजीह दी गई। साथ ही उन्हें साफ कह दिया गया कि अपेक्षित परिणाम नहीं आने पर उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। भाजपा के जानकारों की मानें तो चुनाव की घोषणा से पहले ही पार्टी ने छिंदवाड़ा को अपने टारगेट पर लिया। वहां बड़े नेताओं ने डेरा डाला, तो संघ के लोग भी राष्ट्रवाद के नाम पर भाजपा के पक्ष में वातावरण बनाते नजर आए। इतना ही नहीं छिंदवाड़ा में सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी अपनी पूरी ताकत लगाई, तो पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने भी जीत का मंत्र नेताओं को बताया।
जिन क्षेत्रों में भाजपा को विधानसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले थे, वहां से जुड़ी लोकसभा सीटों के लिए पार्टी ने अलग से रणनीति बनाई। इनमें से कुछ सीटों पर नए चेहरे मैदान में उतारे गए, तो वहां की जिम्मेदारी बड़े नेताओं को दी गई। इन नेताओं ने जिम्मेदारी मिलते ही सभी दूसरे काम छोडक़र पूरी तरह से अपने संसदीय क्षेत्र को संभालने वहां डेरा डाल दिया और हर दिन की रिपोर्ट दिल्ली भेज रहे हैं। बताया गया है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर इन कमजोर सीटों के लिए नेताओं की सभाएं, रोड शो व अन्य तरह के प्रवास सुनिश्चित किए जा रहे हैं। पार्टी ने एक रणनीति के तहत पूर्व सीएम कमलनाथ को कमजोर करने के लिए उनके ही विश्वसनीय लोगों को तोड़ा और उन्हें भाजपा में मिलाकर नाथ और उनके समर्थकों को मनोवैज्ञानिक तौर पर कमजोर करने का प्रयास किया। अमरवाड़ा के विधायक रहे कमलेश शाह, छिंदवाड़ा मेयर विक्रम अहाके, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना सहित दूसरे बड़े उन नेताओं को भाजपा में शामिल कराया गया, जिनके सहारे कमलनाथ पिछले 44 साल से रणनीति बनाकर चुनाव जीतते आ रहे हैं। इतना ही नहीं यहां के मतदाताओं को संदेश दिया गया कि कांग्रेस सनातन विरोधी है। यहां पर कोशिश की गई है कि चुनाव नाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हो, इस पर भाजपा को कुछ हद तक सफलता भी मिली है।
पटवारी का पहले चरण की चार सीटें जीतने का दावा
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की पहले चरण के चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस 6 में से चार सीटों पर चुनाव जीतेगी। वहीं, पटवारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छिंदवाड़ा दौरे को लेकर कहा कि प्रदेश में हर दर्जे की अराजकता देखी गई। पूर्व मुख्यमंत्री कमलाथ के घर पर छापे डाले गए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पटवारी ने कहा कि भाजपा कांग्रेस के लोगों को शामिल करा रही है। उन्होंने कहा कि रेत, परिवहन वाले लोगों को डराया और उनको अपने साथ ले गए। पटवारी ने शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह तानाशाही कर रहे है। उनकी पार्टी के अंदर भी तानाशाही चल रही है। चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान को भी हटा दिया। पटवारी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस की नई टीम को लेकर कहा कि जल्द ही नई टीम का गठन होगा। सक्रिय और योग्य कार्यकर्ताओं को टीम में जगह दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नई टीम में अब जमीनी स्तर पर अच्छा काम करना भी एक आधार होगा।

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