- वरिष्ठों को ही दिए जाएंगे बड़े और महत्वपूर्ण महकमे
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंत्रिमंडल के सदस्यों का शपथग्रहण हो ही गया है। इसके साथ ही आला अधिकारियों के साथ नेताओं के समर्थक व आम जनता भी मंत्रियों के विभागीय बंटवारे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी और केंद्रीय नेतृत्व के सामने इस बार मंत्रियों का चयन के बाद अब विभागों का बंटवारा बेहद चुनौती भरा रहने वाला है। अनुमान है कि एक-दो दिन में विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि विभागों को तय करने से पहले मुख्यमंत्री दिल्ली भी जा सकते हैं। मोहन यादव की इस नई कैबिनेट में कई दिग्गज चेहरे शामिल हैं। इनमें राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल जैसे बड़े नाम हैं, इन सभी का नाम सीएम पद की दौड़ में भी था। अब माना जा रहा है कि, इन दिग्गजों को प्रमुख महकमे दिए जा सकते हैं।
कहा जा रहा है कि दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, जगदीश देवड़ा के अलावा सोमवार को मंत्री पद की शपथ लेने वाले कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल और तुलसी सिलावट के पास गृह, वित्त वाणिज्यिक कर, आबकारी नगरीय विकास, पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य विभाग मिल सकता है। इन दिग्गजों के पास ही ये बड़े विभाग रहने की संभावना है। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद अब मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का इंतजार किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि तीन से चार दिनों के भीतर मंत्रियों को विभाग सौंपे जा सकते हैं। आला अधिकारियों के साथ नेताओं के समर्थक व आम जनता भी मंत्रियों के विभागीय बंटवारे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री सामान्य प्रशासन विभाग, खनिज और वित्त विभाग अपने पास रख सकते हैं। वहीं दो उप मुख्यमंत्रियों को ऐसे विभाग बांटे जा सकते हैं जिनका सरोकार सर्वाधिक जनहित से हो व अधोसंरचना से जुड़े हुए हों।
शिव समर्थक मत्रियों को मिलेंगे हल्के विभाग
सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से मंत्रिमंडल विस्तार में शिव समर्थक विधायकों से किनारा किया गया है, उससे यह तो तय है कि जिन चेहरों को जातिगत व क्षेत्रीय समीकरणों की वजह से मंत्रिमंडल में लेना पड़ा है, ऐसे मंत्रियों को इस बार छोटे विभाग दिए जाएंगे। इसके उलट पार्टी में शिव सरकार विरोधी माने जाने वाले चेहरों को विभाग वितरण में अधिक महत्व दिया जा सकता है।
अपराध पर नियंत्रण के लिए गृहमंत्री पर नजर
प्रदेश में अपराध पर लगाम लगाने के लिए तेज-तर्रार मंत्री को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। संभावना जताई जा रही है कि राज्य के गृह मंत्री का पद प्रहलाद पटेल या फिर कैलाश विजयवर्गीय में से किसी एक को दिया जा सकता है। आगामी पांच साल के कार्यकाल में अपराध पर लगाम लगाना भाजपा सरकार के लिए बड़ी चुनौती होने वाली है। जिस तरह से हाल ही में प्रशासनिक और पुलिस के आला अफसरों को संभागों का प्रभारी बनाया गया है, उससे यह तो तय है कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता कानून व्यवस्था और सुशासन रहने
वाली है।
इंटरनेट मीडिया में कई सूची प्रसारित
इंटरनेट मीडिया में विभागों के बंटवारे को लेकर कई सूची प्रसारित हो रही है। मंत्रियों के नाम के आगे विभागों का भी नाम लिखा हुआ है। हालांकि राज्य सरकार ने अब तक आधिकारिक सूची जारी नहीं की है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को एक बार फिर से वित्त विभाग दिया जा सकता है, जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को उद्योग जैसे महकमे का दायित्व मिल सकता है। विभाग वितरण में सबसे अधिक परेशानी श्रीमंत समर्थक मंत्रियों से होने की संभावना है। माना जा रहा है कि उनके समर्थक तीनों मंत्री एक बार फिर से पुराने ही विभाग चाहते हैं। उनके पास शिवराज सरकार में बेहद महत्वपूर्ण और बड़े विभाग थे। जिस तरह की खबरें आ रही हैं उससे लग रहा है कि इस बार पार्टी उन्हें पुराने विभाग देने के पक्ष में नहीं है। दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा के साथ दिग्गज मंत्रियों कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, तुलसी सिलावट के बीच बड़े महकमे रह सकते हैं। इसमें गृह, वित्त, वाणिज्यिक कर, आबकारी, परिवहन, पंचायत एंव ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, स्वास्थ्य, जल संसाधन और शिक्षा शामिल है। स्वतंत्र प्रभार के साथ कुल 10 राज्यमंत्रियों को भी कुछ कामकाजी विभाग मिल सकते हैं।