नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि बुद्ध का मार्ग भविष्य का मार्ग है। अगर दुनिया बुद्ध की सीखों पर चला होता तो जलवायु परिवर्तन जैसे संकट का कभी सामना नहीं करना पड़ता। बता दें, दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से 20-21 अप्रैल को राजधानी के अशोक होटल में किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसा संकट इसलिए आया क्योंकि पिछली शताब्दी में कुछ देशों ने आने वाली पीढ़ियों के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने आगे कहा कि आज हर व्यक्ति का हर काम किसी न किसी रूप में धरती को प्रभावित कर रहा है। चाहे वह हमारी लाइफस्टाइल ही क्यों न हो इसका भी प्रभाव पृथ्वी पर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर हम चाहें तो इस संकट से पृथ्वी को उभार सकते हैं। हर व्यक्ति जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ सकता है। लोगों को जागरूक होकर प्रयास करने की जरूरत है। प्रयास से इस बड़ी समस्या से निपटा जा सकता है। यही तो बुद्ध का मार्ग है। पीएम ने कहा कि अगर दुनिया को सुखी बनाना है तो हमें स्वयं से निकलकर संसार की संकुचित सोच को त्यागना होगा। समग्रता का ये बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है।