नशीले पदार्थ का कारोबार करने वालों पर कठोर रुख की जरूरत: अमित शाह

अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें नशीले पदार्थ का कारोबार करने वालों के खिलाफ कठोर रुख अपनाना होगा। अमित शाह ने सभी राज्यों से राजनीतिक मतभेदों को एकतरफ रख मादक पदार्थ के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ‘मादक रोधी कार्य बल के प्रमुखों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सबसे प्रमुख लक्ष्य तय किया है कि 2047 में हम ड्रग फ्री भारत का निर्माण करेंगे। नशा मुक्त भारत हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज यहां अवैध खेती के पहचान के लिए एक एप को सार्वजनिक किया गया है।

उन्होंने कहा कि मैं आज आपको बताना चाहता हूं कि हम एक ऐसे मोड़ पर हैं कि हम नशे के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं। जो लोग ड्रग्स का सेवन करते हैं वे पीड़ित हैं और जो उन्हें बेचते हैं वे अपराधी हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हमारे राजनीतिक मतभेदों को दूर रखते हुए सभी राज्य सरकारों और एजेंसियों को ड्रग के खतरे से लड़ने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों की जांच के दौरान हमें ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर का दृष्टिकोण अपनाना होगा।

शाह ने राज्यों में गठित एंटी नॉरकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का बुधवार को आगाज करते हुए कहा कि अगर सभी एजेंसिंयां दृढ़ संकल्प के साथ काम करें तो देश को नशामुक्त करने से कोई नहीं रोक सकता। गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसे कई देशों का अध्ययन किया है जिन्होंने ड्रग्स के सुनियोजित नेटवर्क से सामने घुटने टेक दिए हैं। लेकिन भारत को यह लड़ाई जीतनी होगी। क्योंकि नशा सिर्फ युवा पीढ़ी को ही बर्बाद नहीं करता बल्कि देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर भी बहुआयामी तरीके से बुरा प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा, नारको टेरर आतंकवाद को पोषित करने का सबसे बड़ा कारण है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के टास्क फोर्स के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।

शाह ने कहा कि पिछले कुछ सालों में ड्रग तस्करी के खिलाफ कई कदम उठाए हैं जिसके काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नॉरकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और एएनटीएफ देश की दूसरे एजेंसियों के साथ समन्यवय कायम कर युद्ध स्तर पर कई काम को कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर चोट करने के लिए एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय, जांच के लिए सीबीआई, समुद्र से तस्करी रोकने के लिए कोस्ट गार्ड और नौसेना से संयुक्त समन्यवय समिति के जरिये काम किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय सभी रास्ते खोलने को तैयार है।

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