जी हां! रतजगा करके शिवराज ने मप्र में कोरोना से दिलाई निजात

शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। ‘जैसे आंखों में नींद भी है और ख्वाब भी, ऐसा ख्वाब, भी ख्वाबों ने देखा’’ इजलाल मजीद का यह शेर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर मौजूं है। दरअसल प्रदेश के विकास का जो ख्वाब शिवराज देख रहे हैं वह ख्वाब भी उनके ख्वाबों में हैं। रात-रातभर जागकर उन्होंने कोरोना संक्रमण से प्रदेश को मुक्ति दिलाई है। मुख्यमंत्री की सजगता और प्रशासनिक अधिकारियों के समन्वय से प्रभावी रणनीति का ही नतीजा है कि वर्तमान स्थिति में प्रदेश का अब कोई भी जिला रेड जोन में नहीं है। दरअसल प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर इतनी भयावह थी कि ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मच गया। इस दौरान मुख्यमंत्री के चेहरे पर चिंता की लकीरें  भी थीं। उन्होंने ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए रात-दिन एक कर दिया। यही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत कर ऑक्सीजन की कम समय में आपूर्ति के प्रबंध किए। बता दें कि जरूरत के समय बाहर से ऑक्सीजन मंगाना मजबूरी थी। इस मजबूरी को खत्म करने के लिए भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकल्प लिया कि प्रदेशवासियों के हित में ऑक्सीजन की उपलब्धता प्रदेश में ही करेंगे। इस दिशा में उन्होंने तेजी से काम शुरू किया। केंद्र सरकार का सहयोग भी लिया। ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनी से बात की। अब वर्तमान स्थिति में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 96 ऑक्सीजन प्लांट्स के निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल में नवीन तकनीक (वीपीएसए) पर आधारित ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।
पूरे समय सक्रिय रहकर की मरीजों की चिंता
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जो रणनीति अपनाई उसमें पहली है कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ना। इस काम में शासन के मंत्रियों से लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाएं, स्वयंसेवी संगठन और शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की जनता ने भी बढ़चढ़कर सक्रिय भूमिका निभाई। यही नहीं क्षेत्र की जनता ने स्व-प्रेरित होकर भी संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए जनता कर्फ्यू लगाया। इस कार्य में प्रदेश के अनेक गांवों ने आदर्श प्रस्तुत किए हैं। कोरोना के खात्मे के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की दूसरी रणनीति किल कोरोना अभियान है। इस अभियान के तहत गांव-गांव में टीम बनाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया गया। इसमें खास बात यह रही कि टीम के कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर संभावित मरीजों की पहचान की और उनके उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की। इस अभियान में ब्लॉक और ग्राम स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप भी तैयार किए गए। इसमें सभी वर्गों ने भागीदारी निभाई। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड केयर सेंटर और क्वारेंटाइन सेंटर कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए। यहां तक कि मुख्यमंत्री के आव्हान पर एक लाख से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोरोना वालंटियर्स बनकर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोविड-19 में जन जागरूकता के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोरोना की दूसरी लहर हुई नियंत्रित
खुशी की बात यह है कि राज्य सरकार के प्रयासों से मप्र में अब कोरोना की दूसरी लहर भी नियंत्रित हो गई है। कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। कल रविवार यानी 6 जून के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 10,103 एक्टिव मरीज हैं। वर्तमान में यह 0.9 % है। वहीं कुल 81630 कोरोना टेस्ट किए गए। जिसमें से 735 व्यक्तियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। भोपाल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस 2275 और इंदौर के 1509 हैं। पिछले अप्रैल महीने में एक्टिव केसेस की संख्या के हिसाब से मध्यप्रदेश देश में सातवें नंबर पर था जो वर्तमान की स्थिति में 19 वें नंबर पर आ गया है। प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर 98 फीसदी पर पहुंच गया है। यदि प्रदेश के दो जिले हरदा और डिंडोरी को छोड़ दें तो बाकी अन्य सभी जिलों में कोरोना केसेस की तुलना में कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। प्रदेश में हर दिन करीब 75 से 80 हजार टेस्ट हुए हैं। इनमें केवल पॉजिटिव मरीजों की संख्या काफी कम आई है खास बात है कि प्रदेश के 10 जिले अब ऐसे हैं जिनमें कोरोना का कोई प्रकरण नहीं आया।
प्रदेश में अब कोई भी जिला रेड जोन में नहीं
प्रदेश में अब वर्तमान स्थिति में कोई भी जिला रेड जोन में नहीं है। हाल ही में भोपाल, जबलपुर, रतलाम, दमोह, अनूपपुर, बैतूल, धार, रीवा, सिवनी, रायसेन, खरगोन, इंदौर और निवाड़ी जिले भी रेड जोन से मुक्त हुए हैं। इन जिलों में पिछले एक सप्ताह से औसत पॉजिटिविटी दर 5% या उससे कम है। इन जिलों में सुधार के बाद कोरोना मरीजों की संख्या नगण्य होती जा रही है।
दवाओं की कालाबाजारी और निजी अस्पतालों की अमानवीयता पर दिखाई सख्ती
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के दौरान मरीजों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई। उन्होंने दवाओं की कालाबाजारी एवं मिलावटखोरों का प्रति कड़ा रुख अपनाया। मरीजों के मन की पीड़ा को समझा। जब यह तथ्य उनके सामने आए कि कुछ स्वार्थी लोग कोरोना की दवाओं में लिप्त है और कालाबाजारी कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि ऐसे लोग मानवता के दुश्मन है। मध्यप्रदेश की धरती पर ऐसे नरपिशाचों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही जिन निजी अस्पतालों में कोविड-19 के निर्धारित प्रोटोकॉल एवं मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है, उनके खिलाफ नोटिस और उसके बाद एफआईआर तक दर्ज कराई गई। रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामलों में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की जाकर उन्हें जेल भेजा गया।

Related Articles