ऑफ द रिकॉर्ड/दोनों डोज लगवाने वालों को मिल सकती है ये सुविधा

  • नगीन बारकिया
वैक्सीन

दोनों डोज लगवाने वालों को मिल सकती है ये सुविधा
कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए जिन लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं उनको घरेलू हवाई यात्रा में सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है। सरकार की ओर से संभव है कि यात्रियों के लिए अनिवार्य आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की जरूरत को खत्म करने की शीघ्र घोषणा हो। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग सहित कई मंत्रालयों और हितधारकों की एक संयुक्त टीम, उन लोगों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण के बिना हवाई यात्रा की अनुमति देने पर अंतिम निर्णय लेने के लिए चर्चा कर रही है, जिन्होंने  वैक्सीन की दोनों खुराक प्राप्त की है। यह निर्णय अकेले उड्डयन मंत्रालय द्वारा नहीं लिया जाएगा बल्कि सरकार के साथ काम कर रहे स्वास्थ्य विशेषज्ञों सहित नोडल एजेंसियां भी यात्रियों के हित में निर्णय लेने में योगदान देंगी। वर्तमान में, घरेलू यात्रियों को अनिवार्य रूप से कुछ राज्यों की यात्रा करने से पहले आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है, जहां सक्रिय कोरोना के मामले अभी भी अधिक हैं। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ की अवधारणा पर भी विचार किया जा रहा है, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई है और इसे ‘भेदभावपूर्ण विचार’ करार दिया है।

कोरोना के नए मामलों में काफी गिरावट
देश में कोरोना का कहर धीरे-धीरे कम होने लगा है और नए मामलों का ग्राफ लगातार गिर रहा है, लेकिन कोविड-19 से होने वाली मौत के आंकड़ों में उतार चढ़ाव जारी है। देशभर में पिछले 24 घंटे में 1 लाख एक हजार नए मामले सामने आए हैं, वहीं इस दौरान 2445 मरीजों की मौत हुई। इससे पहले रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 24 घंटे में एक लाख 14 हजार नए केस दर्ज किए गए थे और 2677 संक्रमितों की जान चली गई थी। 2 महीने बाद कोरोना वायरस के इतने कम मामले सामने आए हैं। इससे पहले 5 अप्रैल को इससे कम केस दर्ज किए गए थे और 96 हजार 982 लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए थे। भारत में अब तक कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 89 लाख 9 हजार 604 हो गई है, जबकि 3 लाख 49 हजार 229 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

अब प्रियंका ने पूछे सरकार से तीखे सवाल
आखिर कोरोना वायरस की दूसरी लहर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तक भी पहुंची और उन्होंने इस मामले में सरकार को अपने निशाने पर लिया। प्रियंका ने सवाल किया कि आखिर पहली लहर के बाद विशेषज्ञों और संसदीय समिति की चेतावनियों को अनसुना करते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या क्यों घटाई गई। उन्होंने सरकार से प्रश्न करने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत किए गए फेसबुक पोस्ट में यह भी पूछा कि ‘क्या देश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री निवास और नई संसद का निर्माण है?’ प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से युद्ध जीत लेने की घोषणा कर रहे थे उसी समय देश में ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर बेडों की संख्या कम की जा रही थी, लेकिन ‘झूठे प्रचार में लिप्त’ सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। दूसरी लहर के दो माह बीतने के बाद ही सही कांग्रेस महासचिव को जनता की सुध लेने का ध्यान तो आया। देर आयद दुरुस्त आयद।

उप्र बसपा में भारी उथल-पुथल
अब जबकि उप्र विधानसभा के चुनाव के लिए लगभग साल भर की अवधि बची है उप्र में विभिन्न राजनीतिक दलों और उसके कार्यालयों में सरगर्मियां काफी तेज दिखाई देने लगी हैं। फिलहाल इन दिनों बसपा की गतिविधियां उफान पर हैं जहां बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में दो और विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पिछले 18 महीनों के अंतराल में बसपा ने अपने 19 में से 11 विधायकों को खो दिया है। विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही यह सिलसिला और अधिक रफ्तार पकड़ रहा है। ताजा घटनाक्रम के तहत विधायक दल के नेता लालजी वर्मा और एक अन्य वरिष्ठ विधायक राम अचल राजभर को पार्टी से बर्खास्त कर मायावती ने सभी को चौंका दिया है। बर्खास्त किए गए ये दोनों ही नेता मायावती के वफादार माने जाते थे। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा के अब केवल सात विधायक बचे हैं। बताया गया है कि इन दोनों वरिष्ठ विधायकों को हाल के पंचायत चुनावों में उनकी कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित किया गया है।

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