संघ की तर्ज पर चुनावी तैयारी कर रहे नाथ, पार्टी को किया हाईटेक

कमलनाथ

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। दमोह उपचुनाव के परिणामों से उत्साहित पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अभी से प्रदेश में होने वाले आम विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गए हैं। इसके लिए अब उनके द्वारा आरएसएस यानि संघ की कार्यशैली को अपनाया गया है। यही वजह है कि अब उनका पूरा जोर इन दिनों संगठन को मजबूत करने पर लगा हुआ है। दरअसल वे एक राजनैतिक दल के साथ ही प्रदेश में पार्टी की छवि सेवाभावी के रूप में बनाना चाहते हैं। यह बात अलग है कि इन दिनों वे प्रदेश में जल्द संभावित खंडवा लोकसभा व तीन विधानसभा के होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में गुपचुप रूप से लगे हुए हैं। इन तीनों ही चुनाव को अगले चुनाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उधर प्रदेश स्तर पर अब कांग्रेस सोशल मीडिया पर भी स्वयं को बेहद मजबूत करने में लगी हुई है। इस मामले में उसे सफलता भी मिली है। यही वजह है कि प्रदेश में कांग्रेस के फॉलोअर्स तेजी से बढ़ रहे हैं। इस मामले में वह फिलहाल भाजपा से आगे निकल गई है। प्रदेश की सत्ता से असमय ही बेदखल होने के दंश की टीस अभी भी उनके मन में बनी हुई है। यही वजह है कि वे इसका बदला हर हाल में आम विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर लेना चाहते हैं। यही वजह है कि वे अभी से पूरी तरह चुनावी मोड में दिख रहे हैं। बीते माह वे लगातार कई धार्मिक स्थलों पर जा चुके हैं। उसके बाद से उनके द्वारा अब जिलों में भी आवाजाही शुरू कर दी गई है। इस बीच संगठन स्तर पर बूथ कार्यकर्ताओं की टीम गठित करने के साथ ही युवाओं को जोड़ने की मुहिम शुरू कर दी गई है। फिलहाल उनके द्वारा उन क्षेत्रों पर फोकस किया जा रहा है जो पार्टी के लिए कमजोर माने जाते हैं। यही वजह है कि अब वे उन जिलों का दौरा कर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर पार्टी की गतिविधियों के बढ़ाने और संगठन को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। यही वजह है कि वे कोरोना काल में भी दर्शन करने के बहाने मैहर, उज्जैन और मुरैना जिलों का दौरा कर चुके हैं। इन दौरों में वे बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका उत्साह बढ़ाने के साथ ही इलाके की राजनैति नब्ज टटोलने के लिए उनसे वन टू वन संवाद भी कर रहे हैं। इसी तैयारी को लेकर अब वे अपने गृह जिले छिंदवाड़ा भी कल 8 जून से दो दिन के लिए जा रहे हैं। वैसे तो यह उनका खुद का इलाका है, लेकिन इस दौरे की चर्चा होने की वजह है, आसपास के इलाकों के जुटने वाले कार्यकर्ता। दरअसल इन दो दिनों में नाथ द्वारा आधा दर्जन जिलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। इसमें जिन जिलों के नेता शामिल होंगे उनमें सिवनी, मंडला,बैतूल,बालाघाट और छिंदवाड़ा जिला शामिल है। खास बात यह है कि इन सभी से चर्चा के दौरान अभी से अलग चुनाव के संभावित प्रत्याशियों के नामों से लेकर संगठन की गतिविधियों को बढ़ाने और पार्टी को मजबूती देने को लेकर भी मंथन किया जाएगा। फिलहाल नाथ की अचानक बढ़ी सक्रियता पर भाजपा की भी नजर बनी हुई है। इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का  कहना है कि निश्चित रूप से हम संगठन की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। इसे आने वाले चुनावों की तैयारी भी कह सकते हैं, लेकिन यह हमेशा चलने वाली प्रक्रिया है। पीसीसी चीफ निचले स्तर तक संगठनात्मक ढांचे को मजबूती देने के लिए पुनर्निर्माण का काम कर रहे हैं। अब बूथ स्तर की टीम भी सीधे प्रदेश संगठन से जुड़ी रहेगी। भाजपा को हर जगह राजनीति नजर आती है, हालांकि पूरी भाजपा गलतफहमी में जीती है और उसी का शिकार भी होती है। हम अपना काम कर रहे हैं, भाजपा को इसकी समीक्षा करने की जरूरत क्यों पड़ रही है।
मध्यमवर्गीय लोगों पर फोकस
कांगेस ने अब निचले तबके के साथ ही मध्यमवर्गीय लोगों पर फोकस करने की रणनीति बनाने पर काम शुरू कर दिया है।  दरअसल यह वो वर्ग है जो किसी भी संकट काल में सर्वाधिक प्रभावित होता है। सरकार व प्रशासन इस वर्ग की पूरी तरह से उपेक्षा करता है। कोरोना काल में इस वर्ग की नाराजगी बेहद बढ़ी है। इसकी प्रमुख वजह है अफसरों द्वारा कोरोना कर्फ्यू के दौरान उनकी दुकानें बंद कराकर बड़े व्यापारियों को व्यवसाय का पूरा मौका देना। इस दौरान धंधा नहीं कर पाने की वजह से उनकी आय तो हुई नहीं और उन्हें दुकान किराया से लेकर बिजली तक का बिल देना ही पड़ा। सरकार से भी उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। यही हाल अन्य सबसे ईमानदार इस मध्यम वर्ग की रही है।
सोशल मीडिया पर भाजपा पर भारी कांग्रेस
इस बीच कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया की टीम को भी पूरी तरह से सक्रिय कर रखा है, जिसकी वजह से उसके फॉलोअर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसकी वजह से अब तक उसके फॉलोअर्स का आंकड़ा नौ लाख को पार कर गया है। यह आंकड़ा भाजपा के फॉलोअर्स से करीब सवा लाख अधिक है। पार्टी और उसके प्रमुख नेताओं द्वारा सरकारी व्यवस्था को लेकर लगातार ट्वीटर के माध्यम से खड़े किए जाने वाले सवाल आम आदमी से जुड़े होने की वजह से लगातार रीट्वीट किए जा रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस को अपने फॉलोअर्स बढ़ाने में सबसे अधिक फायदा कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आम आदमी को हुई परेशानी के मामले उठाने से हुई है। कोरोना काल में आम आदमी को हुई रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिलने, अस्पतालों द्वारा इलाज के नाम पर की गई लूट खसौट और सरकारी योजनाओं को आदि से मामलों को प्रमुखता से उठाने की वजह से लोगों का रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ा है। इसके अलावा मध्यमवर्गीय लोग भी इन दिनों भाजपा की सरकार व अफसरशाही के मनमाने लॉकडाउन के निर्णय से बेहद खफा है, जिसका फायदा भी कांग्रेस को मिला है।

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