बिहाइंड द कर्टन/उपाध्याय को कार्मिक तो गौर को अकाउंट का सौंपा जिम्मा

  • प्रणव बजाज
 पुलिस मुख्यालय

उपाध्याय को कार्मिक तो गौर को एकाउंट का सौंपा जिम्मा
जि लों से हाल ही में हटाए गए पुलिस कप्तानों को अब पुलिस मुख्यालय में नई जिम्मेदारी सौंंप दी गई है। इनमें संपत उपाध्याय को कार्मिक तो संतोष सिंह गौर को एकाउंट का जिम्मा सौंपा गया है। खास बात यह है कि इस फेरबदल में पहले से कार्मिक विभाग में पदस्थ रियाज इकबाल को हटाकर उन्हें अब सायबर सेल का जिम्मा सौंप दिया गया है। सतना जिले के पुलिस कप्तान पद से हटाए जाने के बाद से ही रियाज इकबाल के पास पुलिस मुख्यालय में कार्मिक विभाग का काम था। इस फेरबदल में पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किए गए अन्य अफसरों में शामिल किरणलता केरकट्टा को वेलफेयर और विजय भागवानी को सीआईडी में पदस्थ किया गया है। यह वे अफसर हैं जो सरकार की मंशा पर खरे नहीं उतर रहे थे।

फिर विवादों में आए एडीजी शैलेश सिंह
एडीजी शैलेश सिंह एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। इस बार विवाद में आने की वजह बने हैं वे, तीन ठेकेदार के कर्मचारी जो उनके चार इमली स्थित सरकारी बंगले पर बिजली की समस्या का निदान करने गए थे। दरअसल काम होने के बाद भी उनके बंगले पर तैनात पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें तीन घंटे तक अकारण रोके रखा।  ठेकेदार के तीन कर्मचारियों ने यह आरोप लगाया है। सुरक्षा कर्मचारियों ने रोकने की जो वजह बताई है उसके मुताबिक साहब ने उनसे कहा था कि वे जब तक नहीं आ जाते हैं किसी को भी न जाने दें। इस मामले की जानकारी जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो मीडियाकर्मी उनके बंगले पर पहुंच गए। इसके बाद तीनों ही काम करने आए युवकों को जाने दिया गया। हालांकि इन आरोपों से एडीजी सिंह इंकार कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि उनके सरकारी बंगले पर कई माह से बिजली संबंधी समस्या बनी हुई थी , जिसकी शिकायत कई माह से की जा रही थी। सिंह इसके पहले भी विवादों में उस समय आए थे , तब बंगले पर तैनात आरक्षकों की पत्नियों ने उन पर आरोप लगाए थे कि उनके पतियों से बंगले पर 18 घंटे तक ड्यूटी करवाते हैं।

दिग्विजय पर नरोत्तम का पलटवार
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर पलटवार करते हुए पूछा है कि अफगानिस्तान में आरएसएस, बजरंग दल नहीं है , तो वहां पर कौन मुसलमानों को आपस में लड़वा रहा है। उन्होंने संघ का पक्ष का रखते हुए कहा है कि दिग्विजय सिंह को बांटने की राजनीति बंद करना चाहिए और याद रखना चाहिए कि संघ जोड़ने का काम करता है। उन्होंने कहा कि तोड़ने की नीति तो दिग्विजय सिंह और कांग्रेस की है। जो हर समय भ्रम और वैमनस्यता फैलाकर समाज को बांटने का एक मात्र लक्ष्य लिए हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसका उदाहरण इंदौर में हाल ही में हुआ हुआ सद्भावना सम्मेलन है। इसमें सिंह के द्वारा समाज को तोड़ने वाली समाज विरोधी और देश विरोधी बातें कही गई हैं। उस कार्यक्रम के मंच का उपयोग भी उन्होंने राष्ट्रभक्त संगठन आरएसएस के खिलाफ जहर उगलने के लिए किया। डॉ. मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस व दिग्विजय सिंह जैसे लोग भले ही समाज को बांटने के लिए लोगों के बीच भय और भ्रम फैलाने की राजनीति करते रहें, लेकिन वो कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि देश की जनता कांग्रेस की असलियत जान चुकी है।

मप्र में मस्जिद में ही पढ़नी होगी नमाज
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने साफ कर दिया है कि मप्र में विधानसभा का भवन में कोई भी मजहवी उपयोग करने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी। उनका कहना है कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और लोकतंत्र के मंदिर को मजहबी अखाड़ा किसी भी हाल में नहीं बनने दिया जाएगा। नमाज पढ़ने के लिए शहर में कई मस्जिदें हैं।  और जिस समय नमाज होती है, उसी दौरान विधानसभा में लंच की छुट्टी भी होती है, जिस मुस्लिम विधायक को नमाज पढ़नी होगी, वह मस्जिद जाकर नमाज पढ़ सकता है। उनका साफ कहना है कि विधानसभा में विधायकी कार्य हो, वही उचित रहेगा। उनका कहना है कि फिलहाल प्रदेश में इस तरह की कोई भी मांग कहीं से नहीं उठी है।

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