बिहाइंड द कर्टन/यूपी चुनाव पास आते ही कई चेहरे हो रहे बेनकाब

  • प्रणव बजाज
यूपी चुनाव

यूपी चुनाव पास आते ही कई चेहरे हो रहे बेनकाब
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निशाने पर अब पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी आ गए हैं। दरअसल हामिद अंसारी देश के ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं, जो लगातार अपने विवादास्पद बयानों की वजह से आलोचना का शिकार होते रहते हैं। उनके द्वारा हाल ही में ऐसा ही एक और बयान दिया गया है। इस पर गृहमंत्री ने कहा है कि जैसे-जैस उप्र चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ही टुकड़े-टुकड़े गेंग के सदस्यों के समर्थकों के चेहरे भी बेनकाब होते जा रहे हैं।  उनका कहना है कि देश ने उन्हें दो -दो बार उपराष्ट्रपति बनाया है। इसके बाद भी अगर उनका इस तरह का बयान आता है तो यह उनके छिपे हुए चेहरे का खुलासा करता है। दरअसल अंसारी ने एक कार्यक्रम में कहा है कि हाल के सालों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्वांत को लेकर विवाद खड़ा करती है और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की नई एवं काल्पनिक  प्रवृत्ति को बढ़ावा देती है।

बगैर काम की मिली बीस अरब की सम्पत्ति
प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई तलाश में अब तक करीब 20 अरब कीमत की ऐसी सम्पत्ति मिल चुकी है , जिसका कोई उपयोग न होने की वजह से बेकार ही पड़ी हुई है। अब सरकार इसको बेचने की योजना बना रही है। इसके अलावा पहले भी इसी तरह की 23 संम्पत्तियों का पता लगाया जा चुका है। जिसे भी करीब पांच अरब रुप में बेचे जाने की तैयारी पहले से ही की जा रही है। गौरतलब है कि इसके पहले भी सरकार द्वारा कुछ इसी तरह की संपत्ति को बेचा जा चुका है, जिसकी दोगुनी कीमत तक मिली थी। अब जो नई संम्पत्ति चिन्हित की गईं हैं उनमें सीहोर , मुरैना, मंदसौर, ग्वालियर, होंशगाबाद, गुना, उज्जैन, टीकमगढ़ ,नरसिंहपुर ,इंदौर और छिंदवाड़ा आदि जिलों की संम्पत्ति शामिल है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह की संम्पत्तियों के लिए एक कंपनी का गठन करीब दो साल पहले किया गया था। इसके बाद से ही प्रदेश में अनुपयोगी संपत्तियों की जानकारी जुटाने का काम किया जा रहा है।

आखिर दो साल बाद हो ही गया आईएफएस अवॉर्ड
प्रदेश वन सेवा के अफसरों को दो साल बाद आईएफएस अवॉर्ड हो ही गया है। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। खास बात यह है कि इसमें वर्ष 2019 की विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा पर 12 और 2020 की अनुशंसा के 10 अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं। इसकी वजह से एक साथ वन महकमे के 22 वन अफसरों को अखिल भारतीय वन सेवा का अफसर बना दिया गया है। इसमें अनिल चैपड़ा, सुखलाल भार्गव, वीसी मेश्राम, डीके वासनिक, हेमंत कुमार रैकवार, सुदेश महिवाल, हरे सिंह ठाकुर, घ्यान सिंह निगवाल,गरीब दास बरबड़े, भारती ठाकरे, ओमकार सिंह मर्सकोले,मदन सिंह डाबर, रमेश राठौर, संदीप फिलोज, शिव कुमार, लक्ष्मीकांत, रितेश सिरोठिया, रजनीश कुमार , श्रद्वा पंद्रे, अशोक कुमार , प्रतिभा अहिरवार और राकेश कुमार के नाम शामिल हैं।

बोले कमलनाथ: भाजपा न करे सत्ता का दुरुपयोग
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा को सत्ता का दुरुपयोग करने से पहले यह जरुर सोच लेना चाहिए की समय बदलते देर नहीं लगती है। उनका कहना है कि खुरई में पहले तो पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पथराव कर रहे भाजपा कार्यकतार्ओं को खदेड़ा और बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर प्रकरण दर्ज कर लिया। यही नहीं इसके विरोध में जब कांग्रेसी ज्ञापन देने जा रहे थे, तभी भाजपा के दबाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओें पर जमकर लाठियां भी चलाईं। उनका आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के पथराव व पुलिस के लाठीचार्ज में कई बेकसूर कार्यकर्ता घायल हुए हैं। अब भाजपा सरकार के दबाव में प्रशासन द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का षडयंत्र रख जा रहा है। उन्होंने कहा है कि खुरई के कार्यकर्ताओं के साथ पूरी पार्टी खड़ी है और अगर कार्यकर्ताओं का दमन किया गया तो पार्टी भी चुप नहीं बैठेगी।

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