मप्र में सबसे सक्रिय मंत्रियों में अव्वल कमल पटेल

कमल पटेल

-अपनी एकला चलो नीति से विपक्ष पर हावी कृषि मंत्री
-खेती-किसानी को लाभ का धंधा बनाने शिवराज क सारथी बने
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
कहा जाता है की अकेला चना भांड़ नहीं फोड़ सकता। लेकिन मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल इस कहावत को गलत साबित कर रहे हैं। वे प्रदेश के एक मात्र मंत्री हैं जो अपनी धुन में काम करते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चौथी पारी में शुरू से उनके सारथी के रूप में काम कर रहे कमल पटेल खेती-किसानी को लाभ का धंधा बनाने में जुटे हुए हैं। उनकी सबसे अधिक चर्चा उनकी एकला चलो नीति के कारण होती है। वे प्रदेश में सबसे सक्रिय मंत्री नजर आते हैं। विपक्ष पर लगातार हमलावर रहते हैं। इस कारण वे बराबर सुर्खियों में बने रहते हैं। कृषि प्रधान देश में ऐसे कई किसान नेता हुए हैं, जिन्होंने अपने काम से, अपनी सेवा से, अपने विश्वास से समाज एवं अन्नदाता के हृदय में जगह बनाई है। उन्हीं में से एक हैं किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल। कमल पटेल सिर्फ नाम नहीं हैं वह अपने कृतित्व, स्वभाव, आचरण और सेवा भाव से कमल के फूल की तरह सरोवर में अपनी एक विशेष छटा बिखेरते नजर आते हैं।
क्रांतिकारी निर्णयों से किसान खुशहाल
किसान पुत्र शिवराज और कमल पटेल की जोड़ी ने कई महत्वपूर्ण निर्णय कर किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ ही उन्हें मुश्किलों से निकालने का काम किया है। जिसमें हरदा एवं होशंगाबाद जिलों में चना उपार्जन की मात्रा 15 से बढ़ाकर 19 क्विंटल करने, मुरैना एवं भिण्ड जिलों में सरसों उपार्जन को बढ़ाकर 13 से 18 क्विंटल करने साथ ही कोरोना संक्रमण काल में किसानों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए सौदा पत्रक के माध्यम से मंडी के बाहर अपनी फसल विक्रय करने की सुविधा दिए जाने का निर्णय और साथ ही किसानों की सुविधा के लिए समस्त शासकीय विभागों में राजभाषा हिन्दी का प्रयोग किए जाने संबंधी निर्देश और प्रदेश के किसानों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए किसानों का सच्चा साथी कमल सुविधा केन्द्र स्थापित किया। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री बनने के बाद अपने महत्वपूर्ण कार्यों में पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय की स्थापना हेतु कार्यवाही, किसानों की बचत के लिए हम्माल, तुलावटी की राशि किसानों से वसूल न करने संबंधी निर्देश, 5 करोड़ की राशि स्वीकृत कर भोपाल एवं सीहोर में ग्रेडर मशीन की स्थापना, निष्क्रिय कृषि सलाहकार परिषद को समाप्त करने का निर्णय साथ ही शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिजनौनी एवं बूढ़ाडोंगर में किसानों से अवैध वसूली करने वाले केन्द्र प्रभारियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश तो वहीं प्रदेश में सर्वाधिक उत्पादनकर्ता कृषकों एवं किसानों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 15 अगस्त तथा 26 जनवरी के अवसर पर पुरस्कृत करने का निर्णय मंत्री कमल पटेल ने लिया है। यही नहीं, फसलों पर छिड़काव किए जाने वाले कीटनाशक परीक्षण के लिए 4 कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला एवं एक पेस्टीसाइड परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना भी आपके द्वारा की गई है।
शिव के विश्वास पर खरे
भाजपा की सरकार में कोरोना महामारी के कठिन दौर में कमल पटेल ने 21 अप्रैल 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। छह सदस्यीय मंत्रिमंडल में इस बार उन्हें किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री के रूप में अहम जिम्मेदारी मिली है। जब प्रदेश की आर्थिक स्थिति और कोरोना महामारी की वजह से पूरा प्रदेश जूझ रहा था उस मुश्किल दौर में कमल पटेल ने अपने प्रदेश के किसान भाइयों के बीच पहुंचकर, उनकी व्यथा सुनकर उन्हें संबल प्रदान किया। कमल पटेल ने जिस किसान विकास एवं कृषि कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाली है वर्तमान दौर में वह किसी कांटों के ताज से कम नहीं है। जहां एक ओर पिछली सरकार के किसान कर्जमाफी के वादे के भंवर में फंसे किसान, वहीं कोरोना जैसी महामारी से जूझते प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है।
किसानों के लिए खोला सरकारी खजाना
वहीं किसानों के हित में निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ विशेष मंत्रणा कर किसानों की प्राकृतिक आपदा में फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति हेतु फसल बीमा योजना वर्ष 2018 की एवं खरीफ 2019 की राशि कुल 40 लाख 36 हजार किसानों को 7 हजार 830 करोड़ रूपए उनके खाते में वन क्लिक योजनांतर्गत प्रदान की गई। जबकि भारत सरकार की प्राईस स्पोर्ट स्कीम के अंतर्गत प्रति किसान प्रतिदिन 40 क्विंटल उपार्जन की सीमा को किसानों की सुविधा के लिए हटाया गया है। वहीं कोरोना महामारी के दौरान किसानों की फसलों पर हुए टिड्डी दल के हमले को नियंत्रित करने के लिए 51 लाख की राशि स्वीकृत की। यही नहीं अमानक बीज, खाद एवं कीटनाशक के प्रकरण तैयार कर दोषियों के विरुद्ध एफआईआर करने के निर्देश मंत्री कमल पटेल ने दिए हैं। किसानों की आर्थिक समृद्धि और उनके आर्थिक पहलू को देखते हुए मुख्यमंत्री के साथ मिलकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के समान ही मुख्यमंत्री सम्मान निधि देने का निर्णय किया है जिसमें अब प्रदेश के किसान को केन्द्र सरकार की सम्मान निधि के 6 हजार रुपए के अलावा 4 हजार रुपए प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा उनके खाते में पहुंचाए जाएंगे। यह निर्णय कमल पटेल के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री रहते उनके अथक प्रयासों के बाद हुआ है।

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