
- जारी है नए नियमों को तैयार करने का काम, अगले माह से हो सकते हैं लागू
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ती अवैध कालोनियों के निर्माण पर अब सख्ती से रोक लागाई जाएगी। इसके लिए सरकार स्तर से पूरी तैयारी लगभग कर ली गई है। इससे जहां आम आदमी को होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल सकेगी, वहीं सरकार की आय में भी वृद्धि होगी। इसके लिए शासन स्तर पर नियमों को बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। इन नियमों को अगले माह से लागू किए जाने की संभावना है। नए बनाए जा रहे नियमों को बेहद सख्त बनाया जा रहा है। नियमों में बगैर अनुमति कालोनी विकसित करने वाले बिल्डर और उस क्षेत्र-निकाय के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए जा रहे हैं।
इसकी वजह है अब तक जिम्मेदार अफसर व अवैध कालोनी विकसित करने वाले विल्डर गठजोड़ कर अवैध कालोनी बनाने का खेल जमकर खेलते हैं। आम जनता को इससे होने वाली परेशानियों को देखते हुए शहरी विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह का इस मामले में शुरू से ही सख्त रुख बना हुआ है। उनकी पहल पर ही नए नियमों को बनाया जा रहा है। अब नए नियमों में किए जाने वाले प्रावधानों के तहत कॉलोनी बनाने से पहले बिल्डर को पहले नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त से मंजूरी लेनी होगी। यही नहीं कालोनी के भूखंड बंधक रहेंगे और उन्हें विकास कामों के पूरा होने के हिसाब से ही मुक्त किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 तैयार करवाए जा रहे हैं। इन नियमों में विधायकों, सांसद और पार्षदों द्वारा कार्यशाला में रखे गए सुझावों को भी शामिल किया गया है। वहीं प्रदेशभर से आयी आपत्तियों का निराकरण करने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि अगले एक पखवाड़े में आपत्तियों-सुझावों के आधार पर प्रस्तावित नियमों में आंशिक संशोधन कर उन्हें लागू किया जा सकता है। नए नियमों के अनुसार बिल्डर को कालोनी विकसित करने की अनुमति मिलने के पांच साल के अंदर आंतरिक विकास काम पूरे करने होंगे। यही नहीं विल्डर को भवन निर्माण की मंजूरी भी तभी मिल सकेगी , जब उसके द्वारा कालोनी विकसित करने की मंजूरी ले ली गई हो।
आयुक्त को मिल जाएंगे यह अधिकार
नए नियमों के लागू होने से आयुक्त को अधिक अधिकार मिल जाएंगे। इसमें आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास द्वारा डेवलपर या भूमि-स्वामी को 15 दिन का नोटिस देकर विकास कार्य को रोका जा सकेगा। समाधानकारक जवाब न मिलने पर निर्माण कार्य रोकने के लिए 15 दिन का नोटिस भी दिया जा सकेगा। इसके अलावा आयुक्त कालोनी में विक्रय अनुबंध पत्रों के पंजीयन पर रोक लगाने के लिए सार्वजनिक सूचना के माध्यम से आमजन को चेतावनी भी दी जा सकेगी। पंजीयन के बाद कालोनी की अनुमति की सूची अखबारों में प्रकाशित कराने के साथ ही उसे विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड करवाएगें। इसके अलावा अगर बिल्डर गलत जानकारी देकर पंजीयन करवा लेता है तो प्राधिकारी के पास उसे रद्द करने का भी अधिकार रहेगा। हालांकि बिल्डर को 30 दिन में राज्य शासन के समक्ष अपील करने का अधिकार रहेगा।
इस तरह से मुक्त होगी बंधक संपत्ति
नए नियमों में बिल्डरों के काम के आधार पर सक्षम प्राधिकारी बंधक संपत्ति को क्रमश: मुक्त करेगा। बिल्डर 50 प्रतिशत विकास कार्य पूरा करेगा, तो 50 प्रतिशत भवन या भूखंड, 75 प्रतिशत काम पूरा करने पर अगले 25 प्रतिशत और सौ प्रतिशत काम पूरा करने पर शेष 25 प्रतिशत भवन या भूखंड बंधन से मुक्त किए जाएंगे।