मप्र के सैकड़ों गांव होंगे समस्या मुक्त

समस्या मुक्त
  • केएससीएफ और महिला बाल विकास विभाग की कार्ययोजना

    भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार की पहल पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) के साथ मिलकर महिला बाल विकास विभाग ने एक कार्ययोजना तैयार की है जिसके तहत प्रदेश में 250 बाल मित्र ग्राम बनाए जाएंगे, जो बच्चों की समस्या से मुक्त रहेंगे। यानी इन गांवों में बच्चे पूरी तरह खुशहाल रहेंगे।
    जानकारी के अनुसार कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन और महिला बाल विकास विभाग इस कार्ययोजना के तहत बाल मित्र ग्राम में रहने वाले समस्याग्रस्त बच्चों को चिन्हित कर उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे । इन गांवों को ऐसा तैयार किया जाएगा कि वहां के किसी भी बच्चों को किसी तरह की समस्या न रहे और उनकी सभी जरुरतों को पूरा किया जाएगा।
    पहले चरण में योजना सौ गांवों से होगी शुरूआत
     फाउंडेशन बाल श्रम कर रहे बच्चों और पढ़ाई छोड़ दूसरे कामकाज कर रहे बच्चों को इस काम से मुक्त कराएंगे। इसके लिए उनके पालकों से भी बात की जाएगी और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पहले चरण में योजना सौ गांवों में शुरू होगी फिर इसे 250 गांवों तक बढ़ाया जाएगा। दस संभागों के एक जिले और प्रत्येक जिले के दस गांवों का चयन कर उन्हें बाल मित्र गांवों में परिवर्तित किया जाएगा। यहां बाल विवाह, बाल श्रम, चाईल्ड ट्रॅफिकिंग, बाल शोषण के प्रकरणों  को लगातार शून्य किया जाएगा। सभी बच्चों का स्कूलों में प्रवेश सुनिश्चित कराया जाएगा। मिसिंग बच्चों पर नजर रखी जाएगी। ग्राम में सभी समितियों को बाल संरक्षण के लिए संवेदनशील बनाया जाएगा। बच्चों की समितियां गठित होंगी जो पंचायतों में खुद अपने अधिकार, समस्याओं की जानकारी अफसरों तक पहुंचाएगी।
    बच्चों को मुख्यधारा में लाया जाएगा
    महिला बाल विकास विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन ढाई सौ गांवों में यह योजना शुरू की जाएगी ,वहां कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन गांव के सभी समस्याग्रस्त बच्चों को चिन्हित करेंगे। उनकी समस्याएं दूर कर उन्हें मुख्य धारा में लाने का काम किया जाएगा। उन्हें सरकारी योजनाओं से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। जिस बच्चे की जैसी जरूरत होगी उसे फाउंडेशन सरकार की मदद से पूरा करेगा। इन गांवों में जहां भी बच्चों का शोषण की जानकारी मिलेगी। फाउंडेशन के कार्यकर्ता ऐसे बच्चों की जानकारी हासिल कर उन्हें शोषण से बचाने के लिए पूरी कार्यवाही की जाएगी।

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