प्रदेश में कृषि अधोसंरचना निधि के सबसे ज्यादा 941 करोड़ के प्रकरण मंजूर

कृषि अधोसंरचना
  • अधिकारियों को भी किया मॉनिटरिंग के लिए तैनात

    भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का जो संकल्प लिया है वे उसमें विभिन्न क्षेत्रों में पूरे फोकस के साथ का काम में जुटे हैं। कृषि अधोसंरचना नीति के तहत देश में 14 सौ करोड़ रुपए की प्रकरण स्वीकृत हुए है इनमें से सबसे ज्यादा 941 करोड़ रुपए के प्रकरण मध्य प्रदेश के हैं।
    खास बात है कि 479 करोड़ रुपए प्राप्त भी हो चुके हैं और मैदानी स्तर पर काम भी प्रारंभ हो गया है। इसके लिए शिवराज सरकार फोकस रखकर काम कर रही है। यही वजह है कि मध्यप्रदेश अब अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में आ गया गया है। बता दें कि खासतौर पर राज्य सरकार का कृषि क्षेत्र के साथ ही प्रसंस्करण क्षेत्र में सर्वाधिक फोकस है। इसमें कृषि अधोसंरचना विकास के लिए गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, साइलो आदि अधिक से अधिक बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इससे उपज की सुरक्षा के साथ किसानों को उचित कीमत भी मिलेगी अभी भंडारण की सुविधा की कमी
    होने से किसानों को औने पौने दाम पर फसल बेचना पड़ती है। इसी तरह दाल धान और तेल मिल के साथ अनाज को श्रेणीबद्ध करने के लिए संयंत्र लगाने के प्रस्ताव भी मंजूर हुए हैं। यही नहीं जैविक खेती में लगने वाली सामग्री तैयार करने की इकाइयां भी स्थापित की जा रही है।
    फोकस रखकर मिशन मोड पर किया जा रहा काम
    देशभर में कोरोना संकट के दौरान ठप हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किए गए हैं। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभियान की शुरूआत की गई है। कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कृषि अधोसंरचना निधि योजना लागू की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में मिशन मोड पर काम करते हुए अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। सही मायनों में मप्र आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। गुड गवर्नेंस के उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कृषि अधोसंरचना निधि के क्षेत्र में जिस प्रकार काम किया गया है, वह अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में है। खास बात है कि अब तक योजना के तहत प्रदेश के 941 करोड़ रुपए के प्रकरण मंजूर हुए हैं।
    जिलों की मैपिंग व बैंकों से किया गया समन्वय
    राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कृषि अधोसंरचना निधि योजना के तहत बीज निगम में प्रकोष्ठ बनाकर तीन अधिकारियों को पदस्थ किया है। मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक के मुताबिक निधि के बेहतर उपयोग के लिए जिलों की मैपिंग कराई गई है। साथ ही योजना का लाभ लेने वाले किसान व अन्य पक्षों से संवाद किया गया। यही नहीं अधिकारियों की टीम ने आवेदनों की जांच पड़ताल भी की है, जिससे कोई कमी ना रहे। कोई भी प्रकरण बैंक स्तर पर न अटके इसके लिए भी अधिकारियों से समन्वय बनाकर उन्हें स्वीकृत करवाया है। यही वजह रही कि देश में कृषि अधोसंरचना निधि के सबसे ज्यादा प्रकरण एमपी के मंजूर हुए हैं।

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