बिच्छू राउंड-अप/आईटीआर भरने से पहले रखें ध्यान, नहीं तो होगा नुकसान

आयकर विभाग

आईटीआर भरने से पहले रखें ध्यान, नहीं तो होगा नुकसान
आयकर विभाग ने 2020-21 (असेसमेंट ईयर 2021-22) के लिए आईटीआर भरने की अंतिम तारिख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दी है। करदाताओं की सुविधा के लिए सात जून, 2021 को नया आयकर पोर्टल भी लॉन्च किया है। हालांकि, अभी इसमें कुछ दिक्कतें हैं। ऐसे में करदाताओं के लिए जरूरी है कि वे रिटर्न भरने के लिए सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें और उसमें सभी जरूरी जानकारियां दें। अगर आपको वेतन, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, कारोबार या पेशा या ब्याज-लाभांश जैसे दूसरे स्रोतों से कमाई होती है तो रिटर्न भरते समय इनकी भी पूरी जानकारी दें। सभी बैंक खातों का भी खुलासा करें। इसके तहत आईएफएससी कोड, बैंक का नाम और खाता नंबर की जानकारी देनी होगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अपडेटेड बैंक खाते में ही रिफंड आता है।

राहुल गांधी की ताजपोशी के लिए प्रियंका की सक्रियता बढ़ी
राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने के पहले प्रियंका गांधी वाड्रा राज्यों में मजबूती से उसके लिए माहौल बना रही हैं। ऐसा देखने में आया है कि जब-जब राहुल फंसते नजर आए प्रियंका उनके साथ खड़ी रहीं। नए अध्यक्ष के चुनाव के पहले राहुल-प्रियंका राज्यों में नेताओं के बीच चले आ रहे विवाद को समाप्त कर लेना चाहते हैं। भाई-बहन के फैसलों पर सोनिया गांधी भी मुहर लगा रही हैं। इस साल सितंबर-अक्टूबर तक कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसलिए राज्यों में गुटबाजी को समाप्त करने की जिम्मेदारी राहुल समर्थकों को सौंपी जा रही है। पिछली बार राहुल ने अपनी टीम में अपने समर्थकों को जोड़ना शुरू किया तो वरिष्ठ नेताओं को अपनी अहमियत कम होती दिखने लगी और ग्रुप-23 की शक्ल में असंतुष्ट सामने आ गए।

ममता के दिल्ली दौरे पर भारतीय जनता पार्टी की नजर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंच रही हैं। इस दौरे के बारे में अगर भारतीय जनता पार्टी  के नेताओं से पूछे तो वह साल 2018 में बेंगलुरु के एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण की याद दिलाएंगे जिसमें ममता, मायावती और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एकता प्रदर्शित की थी। इस मंच पर शरद पवार, अखिलेश और तेजस्वी यादव भी थे। भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा ‘सोनिया-मायावती के गले लगने और मायावती को पीएम के लिए चुनौती के तौर पर पेश करने के बाद तथाकथित एकता का क्या हुआ? इस एकता को छह महीने भी नहीं हुए थे जब मायावती ने कांग्रेस के खिलाफ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ा था।’ ऐसा लगता है कि मायावती के ‘चैलेंजर’ वाली जगह अब ममता बनर्जी ने ले ली है। पश्चिम बंगाल में अपनी बड़ी जीत से उत्साहित होकर साल 2024 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बड़ा विपक्षी खेमा बनाने की कोशिश कर रही हैं। ममता बनर्जी में एक आक्रामक नेता है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने की क्षमता रखता है। पश्चिम बंगाल की जीत ने दिखाया कि वह भाजपा की मशीनरी के सामने खुद को खड़ा कर सकती हैं। राज्य के चुनावों में कांग्रेस के साथ एक अनकहे समझौते को राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी एकता के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। प्रशांत किशोर सरीखे विश्वासपात्र के साथ बनर्जी विपक्षी दलों के बीच गहरी कनेक्शन वाली एक खिलाड़ी भी है और जो संभवत: पिछले लोकसभा चुनावों के लिए साल 2018 में विपक्षी दलों द्वारा किए गए प्रयास से एक कदम आगे बढ़कर उचित समझौता कर सकती हैं। किशोर पहले ही पवार और गांधी परिवार के साथ बैठक कर चुके हैं।

देश में कम हो रही है कोरोना की रफ्तार, मृत्यु दर 16 फीसदी घटी
देश में इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर चल रही है। हालांकि, अब संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते नए मामलों में मात्र एक फीसदी की कमी दर्ज की गई है, जबकि मौतें 16 फीसदी घटी हैं। वहीं, दुनिया में कोरोना के नए मामले तीन फीसदी और मौतें चार फीसदी तक बढ़ी हैं। वर्ल्डोमीटर वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सात दिनों में देश में कोरोना संक्रमण के कुल 2 लाख 66 हजार 216 मामले सामने आए हैं, जबकि उससे पहले के सात दिनों में 2 लाख 69 हजार 039 मामले सामने आए थे। ऐसे मामलों में यह कमी एक फीसदी है। इसी तरह बीते हफ्ते 3 हजार 436 मौतें हुईं, जबकि उसके पहले के सात दिनों में 4 हजार 90 मौतें हुई थीं। मौतों के मामले में यह कमी 16 फीसदी है।

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