
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार उसके अफसरों द्वारा केन्द्र से मिली राशि का दुरपयोग करने और अन्य मदों पर खर्च करने की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए अब सख्ती शुरू कर दी गई है। जिसके तहत अब ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं कि राज्य सरकार केन्द्र से मिली राशि को मनमाने तरीके से खर्च नहीं कर सकेगी। यही नहीं केन्द्र सरकार को पैसा खर्च करते ही यह पता चल जाएगा कि दी गई रकम किस मद में और किसे दी गई है। केन्द्र के इस तरह से कदम उठाने की वजह से अब सरकारों को न केवल समय पर उसका उपयोग करना होगा, बल्कि जिस मद में राशि दी गई है अब उसमें ही खर्च करनी होगी। इसके लिए हर केन्द प्रवर्तित योजना का एसएनए खाता अनिवार्य कर दिया गया है। यह खाता पूरी तरह से केन्द्र की संबंधित योजना से जुड़ा होगा। जिससे केन्द्र के संबंधित विभाग को यह तत्काल पता चल जाएगा कि योजना में राशि का भुगतान कब किसे और क्यों किया गया है।
इस संबंध में केन्द्र सरकार के निर्देश प्रदेश को मिल चुके हैं। यही वजह है कि अब वित्त विभाग द्वारा इस पर अमल के लिए सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दे दिए गए हैं। इससे संबंधित निर्देशों में साफ कहा गया है कि केन्द्र के निर्देश पर केन्द्र की मदद से जारी योजनाओं की राशि के उपयोग की मॉनिटरिंग के लिए नया सिस्टम लागू किया जाना है। जिसके तहत अब एक नोडल एजेंसी बनाई जाएगी। जिसका अलग से बैंक खाता खोलना होगा।
जिसका पंजीयन पीएफएमएस में किया जाएगा। इसके बाद केन्द्र व राज्य का योजना को लेकर तय अंश एसएनए के खाते में जमा किया जाएगा। इसके बाद इस राशि का संबंधित योजना में उपयोग किया जाएगा। फिलहाल प्रदेश में केन्द्र की योजनाओं की राशि का भुगतान कोषालय के माध्यम से किया जाता है। इसकी जानकारी पीएफएमएस पर हर दिन डाली जाती है।
तैनात किया जाएगा नोडल अफसर
जारी किए गए निर्देश के अनुसार हर उपयोजना के लिए अलग-अलग एसएनए तैयार किया जाएगा, जो संबंधित योजना के नोडल अधिकारी के रुप में काम करेगा। इसके अलावा जिस बैंक में एनएसए खोला जाएगा उसी बैंक में काम करने वाली एजेंसी को भी खाता खोलना होगा। यह बैंक वह होंगे जो केन्द्र के साथ ही वित्त विभाग की शर्तों पर खरा उतरते हों। इसके लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इसमे विशेष यह है कि यह काम करने वाली एजेंसी का खाता जीरो बैलेंस पर खुलेगा। इसकी खासियत यह रहेगी की नोडल अफसर को उसमें जमा राशि पता नहीं चलेगी, लेकिन बिल लगने पर उस राशि का भुगतान हो जाएगा।