
– ‘लाड़ली’ बढ़ाएगी सरकार पर बोझ
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की 1.27 करोड़ महिलाओं के लिए जून का महीना खुशियां लेकर आया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा कर दी है कि दिवाली से लाडली बहना योजना की लाभार्थियों को 1500 रुपए हर महीने दिए जाएंगे। इससे सरकार पर ‘लाड़ली’ का बोझ और बढ़ जाएगा। यानी इस तरह लाड़ली बहनों के खातों में हर साल लगभग 18 हजार 612 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। लाड़ली बहना योजना में दिवाली से 250 रुपए की वृद्धि होने के बाद सरकारी खजाने पर 317.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। सालाना यह अतिरिक्त भार 3810 करोड़ रुपए होगा। लाड़ली बहनों को हर महीने 1500 रुपए देने पर योजना पर सालाना करीब 22 हजार 425 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गौरतलब है कि मप्र में भाजपा ने गेमचेंजर के तौर पर लाड़ली बहना योजना को ऐन चुनाव से पहले लॉन्च किया। तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले लाड़ली बहना योजना शुरू की थी। योजना की शुरुआत में लाड़ली बहनों को एक हजार रुपए प्रति माह दिए गए। 27 अगस्त, 2023 को तत्कालीन सरकार ने घोषणा की थी कि लाडली बहना योजना के लाभार्थियों को अक्टूबर, 2023 से 1250 रुपए प्रति माह मिलेंगे। तब से योजना में हर महीने 1250 रुपए दिए जा रहे है। विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन सरकार ने इस योजना के तहत चरणबद्ध तरीके से राशि बढ़ाकर 3000 रुपए प्रतिमाह करने का वादा किया था। डॉ. मोहन यादव सरकार में शुरुआत से ही लाड़ली बहनों को प्रति माह 1250 रुपए ही दिए जा रहे है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों दिवाली से योजना में राशि बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति माह करने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा था कि योजना के तहत चरणबद्ध रूप से राशि बढाकर 3 हजार रुपए प्रति माह तक की जाएगी। सरकार योजना मे अगले महीने सभी लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन मनाने के लिए शगुन के रूप में 250 रुपए की अतिरिक्त राशि उनके बैंक खातों में भेजेगी।
बजट की 5 प्रतिशत राशि होगी खर्च
मप्र सरकार की फ्लैगशिप योजना लाड़ली बहना में सरकार का योजना में राशि वृद्धि करने का मकसद महिलाओं को आर्थिक तौर पर और सशक्त बनाना है। महिला-बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लाड़ली बहना योजना में पात्र हितग्राहियों की संख्या एक करोड़ 27 लाख है। योजना में इनके खाते में हर महीने 1551 करोड़ 44 लाख रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं। इस तरह लाड़ली बहनों के खातों में हर साल लगभग 18 हजार 612 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। लाड़ली बहना योजना में दिवाली से 250 रुपए की वृद्धि होने के बाद सरकारी खजाने पर 317.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। सालाना यह अतिरिक्त भार 3810 करोड़ रुपए होगा। लाड़ली बहनों को हर महीने 1500 रुपए देने पर योजना पर सालाना करीब 22 हजार 425 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह राशि मप्र सरकार के कुल बजट की 5 प्रतिशत है। मप्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025 26 के लिए विधानसभा में 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया था।
सरकार पर पड़ेगा 22000 करोड़ का बोझ
लाड़ली बहना योजना का पैसा 1250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने का ऐलान तो कर दिया गया है। मगर इसके लिए हर महीने अतिरिक्त 310.30 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यानी इस योजना के लिए महीने का खर्च बढकऱ 1861 करोड़ पहुंच जाएगा। 250 रुपये प्रति महीने बढ़ाने के लिए सरकार पर साल 22000 करोड़ रुपये का बोझ पडऩे वाला है। लाड़ली बहना योजना जब शुरू हुई थी, तब महिला लाभार्थियों की संख्या 1.31 करोड़ थी। अब यह संख्या घटकर 1.27 करोड़ रह गई है। महिला लाभार्थियों की संख्या में कमी आने का कारण यह है कि सरकार ने 20 अगस्त, 2023 से इस योजना के तहत नए पंजीकरण नहीं खोले हैं, जबकि योजना में अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष है। योजना में पूर्व में हर महीने की 10 तारीख से पहले लाड़ली बहनों के खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाती थी। अप्रैल से हर महीने 13 तारीख के बाद राशि लाड़ली बहनों के खातों में भेजी जा रही है।