- मध्यप्रदेश में भी लागू होगा छग फॉर्मूला
- विनोद उपाध्याय

मप्र में भाजपा द्वारा लोकसभा की 24 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने के बाद अब कांग्रेस भी पूरी तरह इलेक्शन मोड में आ गई है। इसके लिए आज दिल्ली में कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक होगी। जिसमें मप्र की 29 सीटों के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा होगी। सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ की तरह कांग्रेस मप्र में भी दिग्गजों पर दांव लगाएगी। छत्तीसगढ़ की तरह मप्र के दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, डॉ. गोविंद सिंह, नकुलनाथ, कातिलाल भूरिया, अजय सिंह, अरुण यादव, बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, फूल सिंह बरैया, झुमा सोलंकी, तरुण भनोत जैसे दिग्गज नेताओं को भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस आलाकमान राजी कर सकता है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल कह चुकी हैं कि हमारी ये इच्छा है कि सभी वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ें।
सूत्रों का कहना है कि आज होने वाली बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर फाइनल मुहर लग जाएगी। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो महाशिवरात्रि के मौके पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर देगी। मध्य प्रदेश कांग्रेस अभी तक पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में व्यस्त थी। अब यात्रा मध्यप्रदेश से राजस्थान चली गई है, लिहाजा राज्य के नेताओं को फुर्सत मिल गई है। लिहाजा पार्टी अब उम्मीदवारों के बारे में फैसला करने जा रही है। इसको लेकर आज केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पार्टी अगले दिन यानी आठ मार्च (महाशिवरात्रि) को पहली सूची जारी कर देगी।
पैनल में 11 सीटों पर सिंगल नाम
मप्र कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने 28 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का पैनल बनाकर केंद्रीय चुनाव समिति को सौंपा है। इनमें 11 सीटों पर सिंगल नाम है। जबकि, 14 सीटों पर 2-2 नामों का पैनल है। तीन सीटें ऐसी हैं जहां तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया गया है। भोपाल और इंदौर के मामले में पैनल जरूर तैयार किया गया है, लेकिन अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति पर छोड़ा गया है। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पहली लिस्ट में जिन सीटों पर नामों का ऐलान हो सकता है उनमें सिंगल नाम वाली 11 सीटें शामिल हैं। बाकी बची सीटों पर दो और तीन नामों का पैनल है। इनमें से एक नाम फाइनल किया जाएगा। इस बार कांग्रेस मप्र की 29 में से 28 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है। खजुराहो लोकसभा सीट इंडिया गठबंधन के समझौते के तहत समाजवादी पार्टी को दी गई है। इस सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने किन सीटों पर सिंगल नाम तय किए हैं और किन सीटों पर दो से तीन नामों का पैनल हैं। लोकसभा की 28 में से 10 सीटें ऐसी हैं, जहां उम्मीदवारों के पैनल में 11 विधायक व एक महापौर का नाम है। खरगोन सीट से सिर्फ दो विधायक बाला बच्चन (राजपुर) व केदार डाबर (भगवानपुरा) के नाम आए हैं। इसी तरह मंदसौर सीट से विपिन जैन (मंदसौर विधायक) में से किसी एक को कांग्रेस चुनाव मैदान में उतार सकती है। ग्वालियर सीट से साहब सिंह गुर्जर (ग्वालियर ग्रामीण), शहडोल से फुंदे लाल मार्को (पुष्पराजगढ़), मंडला सीट से नारायण पट्टा (बिछिया), बालाघाट सीट से अनुभा मुंजारे (विधायक बालाघाट), उज्जैन सीट से महेश परमार (तराना) और विदिशा सीट से देवेंद्र पटेल (सिलवानी) का नाम पैनल में हैं। जबकि धार से सुरेंद्र सिंह बघेल (कुक्षी) का नाम है। रीवा सीट से महापौर अजय मिश्रा बाबा का नाम आया है। इन सीटों पर एक से ज्यादा दावेदार हैं। ग्वालियर सीट से पिछला चुनाव लड़ चुके अशोक सिंह अब राज्यसभा सांसद हैं। यहां से पार्टी को नया चेहरा तलाश करना है। यहां से तीन दावेदार हैं। भाजपा ने ग्वालियर से पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को टिकट दिया है। वहीं खंडवा सीट से एक बार फिर पूर्व मंत्री अरुण यादव का नाम पैनल में शामिल है। वहीं बुरहानपुर से पूर्व विधायक रहे सुरेंद्र सिंह शेरा भी लोकसभा की दौड़ में हैं। भाजपा ने खंडवा से मौजूदा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को ही मैदान में उतारा है। तीसरी सीट सतना है जहां कोई एक नाम पार्टी फाइनल नहीं कर सकी है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और सीनियर लीडर अजय सिंह के अलावा यहां से सिद्धार्थ कुशवाह और चित्रकूट के पूर्व विधायक निलांशु चतुर्वेदी का भी नाम पैनल में है।
दस से पंद्रह उम्मीदवारों की जारी होगी पहली सूची
नई दिल्ली में आज होने वाली कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छानबीन समिति की अध्यक्ष रजनी पाटिल, मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओंकार सिंह मरकाम शामिल होंगे। आज होने वाली बैठक के बाद दस से पंद्रह उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होगी। इसमें छिंदवाड़ा, जबलपुर, राजगढ़, बालाघाट, झाबुआ, खरगोन, धार, देवास, भिंड, मुरैना, गुना, सीधी, शहडोल और सतना से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होने के आसार हैं। कांग्रेस की चुनाव समिति अगर मंजूरी देती है, तो सारे बड़े चेहरे चुनाव मैदान में होंगे। इनमें दिग्विजय सिंह के साथ कमलनाथ, नकुलनाथ, कातिलाल भूरिया, अजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह, अरुण यादव, बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, फूल सिंह बरैया, झूमा सोलंकी, तरुण भनोत जैसे बड़े चेहरे लोकसभा चुनाव मैदान में नजर आएंगे।
…तो यहां से लड़ेंगे दिग्गज
बैठक में अगर मप्र के दिग्गज नेताओं के लोकसभा चुनाव लडऩे को लेकर सहमति बन जाती है, तो पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में होंगे। यह दिग्विजय की परंपरागत सीट है, जिस पर सिंह का दबदबा है। यह बात दीगर कि साल 2014 और 2019 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने फतह हासिल की है। राघौगढ़ सीट भी इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, जहां से दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से उनके बेटे नकुलनाथ का नाम लगभग तय है। नकुल अभी मध्यप्रदेश के इकलौते लोकसभा सांसद हैं। खुद नकुल भी कह चुके हैं कि मैं कांग्रेस के टिकट पर छिंदवाड़ा से चुनाव लडूंगा। पार्टी के अंदर कमलनाथ को भी उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। यह चर्चा धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है। कमलनाथ छिंदवाड़ा से लगी हुई लोकसभा सीट बालाघाट से प्रत्याशी बनाए जाने के आसार हैं। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नाथ की सहमति और केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद होगा। देवास से पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। वमां पहले भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। उज्जैन सीट से विधायक महेश परमार अथवा पूर्व विधायक रामलाल मालवीय को उतारा जा सकता है। सतना में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। अजय सिंह 2014 का लोकसभा चुनाव महज आठ हजार मतों के अंतर से हारे थे। साल 2019 का चुनाव सीधी से लोकसभा से हारे थे। इस बार सीधी से पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। खंडवा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, रतलाम से कातिलाल भूरिया को फिर मैदान में उतारा जाएगा। दोनों नेता पिछला चुनाव हार गए थे। जबलपुर सीट से पूर्व मंत्री तरुण भनोत, खरगोन सीट से विधायक झूमा सोलंकी अथवा बाला बच्चन को चुनाव लड़ाया जा सकता है। ग्वालियर से विधायक सतीश सिंह सिकरवार अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह मुरैना से लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। भाजपा की तरफ से मुरैना में ठाकुर उम्मीदवार देने के बाद पार्टी किसी दूसरे समुदाय के उम्मीदवार के नाम पर भी विचार कर रही है। रीवा सीट से भाजपा ने तीसरी बार जनार्दन मिश्रा को टिकट दिया। इस कारण कांग्रेस पार्टी यहां राजेंद्र मिश्रा जैसे वरिष्ठ नेता को टिकट देकर भाजपा की राह मुश्किल कर सकती है। स्वर्गीय अर्जुन सिंह के खास सिपहसालार रहे मिश्रा की सभी वर्ग का समाज में पकड़ है। फिर वे लंबे समय से संघर्ष भी कर रहे हैं और जिले में ही प्रदेश में परिचय को मोहताज नहीं है।