
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। स्कूल शिक्षा विभाग में जारी मनमानी का शिकार अब वे छात्र-छात्राएं हो रहे हैं, जो पढ़ने लिखने में अव्वल आते हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही कहें या फिर जानबूझकर किया गया कृत्य, जिसकी वजह से छात्र-छात्राओं को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामला लैपटॉप वितरण का है। दरअसल उचित तरीके से मॉनिटरिंग नहीं किए जाने की वजह से कई पात्र छात्र छात्राओं का नाम ही लैपटॉप की पात्रता रखने वालों की सूची से बाहर कर दिया गया है। अजीब बात यह है कि इस मामले की शिकायत की जाती है तो संबधित उनकी बात ही नही सुनते हैं। इसके बाद अगर उच्च स्तर पर शिकायत की जाती है तो फिर दन पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाता है। ऐसा ही मामला है विजयराव तिवारी का। वह ज्योतिबा राव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवा जिला रीवा में कक्षा 12वीं का नियमित छात्र था। उसके द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए गए थे। पात्रता होने के बावजूद उसे लैपटॉप के लिए राशि प्रदान नहीं की गई है। तमाम प्रयासों के बाद भी जब उसे उक्त राशि नहीं दी गई। इसके बाद उसने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो अब उस पर प्रकरण वापस लिए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। यह प्रदेश में अकेला मामला नहीं है, बल्कि प्रदेश में ऐसे सैकड़ों ंंंंछात्र हक के लिए भटक रहे हैं। इस पूरी गड़बड़ी को जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय द्वारा अंजाम दिया गया है। दरअसल इसकी सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं की गई है, जिसकी वजह से इस तरह कर स्थिति बनी है। दरअसल अगर सही तरीके से राशि का आवंटन किया जाए, तो गड़बड़ी संभव नहीं है। जिस तरह से अन्य पात्र छात्रों के खाते में राशि पहुंच रही है अथवा उन तक पहुंचाई जा रही है, उसी प्रक्रिया को अपना कर दूसरे छात्रों को राशि नहीं दी जा रही है। इसको लेकर भी कई शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में की गई हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें रीवा जिले से आयी हैं। रीवा जिले के छात्र विजय राज ने अपनी शिकायत में लिखा, मैं वर्ष 2021-2022 में कक्षा 12वीं का नियमित विद्यार्थी था और माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किया है। मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन की ओर से की गई घोषणा और राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार मैं भी इस योजना का पात्र हूं।
दोबारा करनी पड़ी शिकायत
पीड़ित छात्र का कहना है कि पात्रता होने के कारण मुझसे बैंक डिटेल्स और खाता नंबर लिया गया था, लेकिन बार-बार आश्वासन देने के बावजूद राशि जमा नहीं की गई। यह सब करते हुए तकरीबन दो शैक्षणिक सत्र गुजर गए हैं, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला है। निराश होकर हमने इस मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की थी। उसके बाद जिला अधिकारी रीवा और उनके स्टाफ के सदस्य हरकत में आए और मुझसे नए सिरे से बैंक का खाता नंबर लिया गया था। कहा गया था कि आप सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत वापस ले लीजिए और हम राशि आपके खाते में डाल देंगे। आश्वासन के बाद हमने शिकायत वापस ले ली थी, लेकिन राशि मेरे खाते में जमा नहीं की गई है। अब हमने नए सिरे से सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की है, इसके बाद भी हमें राशि नहीं दी जा रही है, बल्कि एक बार फिर से हम पर शिकायत लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।v