- गौरव चौहान

लोकसभा चुनाव 2024 में 400 से ज्यादा सीटों के साथ हैट्रिक बनाने के मिशन से चुनाव की तैयारी में जुट गई है। भाजपा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों से संपर्क साधने के लिए अगले महीने 4 से 11 फरवरी तक देशभर में मेगा गांव चलो अभियान चलाने जा रही है। इस अभियान के तहत आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा अब अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को गांवों में उतारने जा रही है। मप्र में इस अभियान के तहत भाजपा नेता 8 दिन के अंदर 56 हजार से अधिक गांवों में दस्तक देंगे। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को गिनाएंगे। प्रदेश में इसके लिए प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा खुद तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस चुकी भाजपा ने अब गांवों पर ध्यान केंद्रित करते हुए वहां अपनी जड़ों को और मजबूत करने की ठानी है। इसी कड़ी में अगले माह के आखिर या फरवरी के पहले सप्ताह से प्रारंभ होने वाले पार्टी के गांव चलो अभियान की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद और पार्टी पदाधिकारी एक-एक गांव का दौरा कर वहां 24 घंटे प्रवास करेंगे। इस दौरान बूथ स्तर की बैठकें भी होगी। पिछले चुनावों में पार्टी ने जो बूथ हारे हैं, उन्हें जीतना और जो जीते हैं, उनमें पिछली बार के मुकाबले 10 प्रतिशत मतों में वृद्धि करना, इस अभियान का लक्ष्य है। अब तक के चुनावों में बूथ जीता-चुनाव जीता के मूलमंत्र पर चलते हुए भाजपा सफलता के सोपान छूती आई है। गांव चलो अभियान में पार्टी के सभी नेता जुटेंगे। वे गांव-गांव जाकर घर-घर संपर्क कर आमजन को पार्टी की रीति-नीति के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकारों की उपलब्धियों और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देंगे। पार्टी सभी नेता कम से कम एक दिन गांव में रहकर पन्ना प्रमुखों, पार्टी जनों के साथ ही आमजन के साथ बैठकें करेंगे। ग्रामीणों की समस्याएं जानकर इनका निराकरण भी कराएंगे। यही नहीं, अधिक से अधिक व्यक्तियों को पार्टी से जोड़ा जाएगा। पार्टी जनों को इस संदेश के साथ मोर्चे पर लगाया जाएगा कि उनकी पांच माह की मेहनत देश के भविष्य के 50 साल तय करेगी।
आधा दर्जन जिलों के अध्यक्ष बदलेगी भाजपा
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अपने जिला संगठनों में फेरबदल करने की तैयारी में है। पार्टी जल्द ही आधा दर्जन जिलों के अध्यक्षों को बदल सकती है। इसके साथ ही जिलों के पदाधिकारियों को भी बदला जाना है। प्रदेश संगठन ने संभाग प्रभारियों की रिपोर्ट पर फेरबदल करने का तय किया है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने हर जिले के काम का मंथन किया था। इसके साथ ही हारे हुए प्रत्याशियों की बैठक भी बुलाई थी। इस बैठक में कई प्रत्याशियों ने जिलाध्यक्षों की खुलकर शिकायत की थी। चुनाव हारे नेताओं का कहना था कि जिलाध्यक्ष समेत जिले के कई प्रभारियों ने पर्दे के पीछे से बागी प्रत्याशी की मदद की जिससे उन्हें नुकसान हुआ। जिलो के कई पदाधिकारियों के चुनाव के दौरान घर बैठने की भी शिकायत की गई थी। पार्टी ने इन शिकायतों के बाद जिला प्रभारियों और संभाग प्रभारियों को इन शिकायतों की जांच करने को कहा था। प्रदेश संगठन के निर्देश के बाद संभाग प्रभारियों ने जिलों में जाकर ब्लाक स्तर तक के पदाधिकारियों से चर्चा की थी। इसके बाद उन्होंने प्रदेश संगठन को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट के बाद कई जिलों के अध्यक्षों को बदला जाना तय माना जा रहा है। गौरतलब है कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के बाद करीब आधा दर्जन जिलों में अध्यक्ष बदल दिए थे, अब इतने ही जिलाध्यक्षों को और बदला जाएगा।
नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी…
मप्र में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा अब प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव में ग्रामीण वोटरों को लुभाने के लिए नई योजना बनाई है। इसके लिए पार्टी अब गांव चलो अभियान शुरु करने जा रही है। इसकी कमान पार्टी ने प्रदेश में ग्वालियर-चंबल के प्रभारी विजय दुबे को संयोजक बनाकर सौंपी है। सह संयोजकों में सीमा सिंह, तेजबहादुर सिंह, रामलाल रौतेल एवं रजनीश अग्रवाल को शामिल किया है। भाजपा लोकसभा चुनाव को देखतें हुए ग्रामीण क्षेत्रों में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए गांव चलो अभियान की शुरुआत करने जा रही है। पार्टी ने इसके लिए टोलियों का गठन भी किया है, जिसमें यह टोली गांवों में जाकर बूथ, पन्ना और अर्धपन्ना प्रभारियों से चर्चा करेंगी। इसके बाद प्रभारी ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र एवं राज्य सरकार की हितग्राही योजनाओं के संबंध में इनसे चर्चा करने के बाद हितग्राहियों से मुलाकात करेंगे और केंद्र एवं राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं के जो लाभ उन्हें मिल रहे हैं उसके बारे में जानकारी लेंगे। यदि कोई पात्र व्यक्ति इन योजनाओं से वंचित रह गया है तो उसका नाम योजना में जोड़ने का काम भी किया जाएगा।
टोलियां बनाकर जाएंगे गांव में
पार्टी का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब कल्याण की जो योजनाएं केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं उसके हितग्राहियों को पार्टी से जोड़ा जाए। इससें लोकसभा चुनाव में पार्टी के वोट शेयर को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। पार्टी के गांव चलों अभियान के तहत जिन नेताओं को जवाबदारी दी जा रही है । वह टोलियों का गठन करके प्रदेश के करीब 56 हजार गावों में पहुंचेंगे। इसके लिए पार्टी स्थानीय नेताओं की टोली बनाएगी। हर बूथ पर एक टोली को जवाबदारी दी जाएगी। पंचायत, शक्ति केंद्र और वार्ड स्तर पर जवाबदारी तय की जाएगी। जिन गावों में कार्यकर्ता नहीं है या फिर कम हैं, उन गावों में वहां से लगे हुए शहरी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को जवाबदारी दी जाएगी।