बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/खंडवा विधायक की जाति पर सवाल

खंडवा

खंडवा विधायक की जाति पर सवाल
खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा की जाति पर सवाल उठाते हुए शहर के कुछ संगठनों ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। भाजपा अध्यक्ष के नाम संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि वर्मा की जाति जाट है, उन्होंने गलत ढंग से सिलावट जाति लिखा ली है। वह स्वयं को अनुसूचित जाति का बताकर अजा वर्ग का लाभ ले रहे हैं। खंडवा से अनुसूचित जाति अधिकार मंच के सुभाष कटारे और डॉ अंबेडकर स्मारक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट डॉ डीएल बपोरिया ने यह आरोप लगाए हैं। डॉ बपोरिया बताया कि विधायक वर्मा स्कूल से लेकर अलग-अलग समय पर अब 5 जातियों का जिक्र कर चुके हैं। उधर, विधायक का कहना है कि वह अनुसूचित जाति वर्ग की सिलावट जाति से हैं। उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। हाईकोर्ट से ये लोग हार चुके हैं।

अशोक वर्णवाल देखेंगे एसीएस होम का काम
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा 16 अक्टूबर से 15 दिन के अवकाश पर जा रहे हैं। राजौरा के अवकाश के दौरान अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल के पास गृह विभाग का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। पहली बार अशोक वर्णवाल को गृह विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

आईटी की जद में आए आजम के करीबी पूर्व सांसद मुनव्वर सलीम  
उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के करीबी रहे पूर्व राज्यसभा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम के विदिशा स्थित घर पर आयकर विभाग (आईटी) ने छापा मारा है। बुधवार सुबह उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश पुलिस के साथ विभाग ने यह कार्रवाई की है। ज्ञात हो कि मुनव्वर सलीम का चार साल पहले निधन हो चुका है, उनके बेटे विदिशा में रहते हैं, जिनके घर पर छापा मारा गया। तडक़े साढ़े पांच बजे आईटी टीम विदिशा के बड़ा बाजार क्षेत्र के डंडापुरा में चौधरी मुनव्वर सलीम के घर पहुंची। वहां सलीम के बेटों के अलावा उनके दो भाई भी रहते हैं। टीम ने उनके घर दस्तावेजों की जांच की।  कार्रवाई के दौरान बाहर से लोगों को घर में प्रवेश नहीं दिया गया।

भाजपा विधायक की कथित किताब बनी मुसीबत
बीते रोज भाजपा विधायक द्वारा लिखित कथित किताब सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र को लेकर टिप्पणी की गई है। इस मामले पर अब विपक्ष भी सवाल उठा रहा है। इसके साथ ही सोशल मीडिया में भाजपा विधायक का वीडियो भी वायरल हो रहा है , जिसमें वह ऐसी किसी किताब की जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं। विधायक इसमें मामला पंजीबद्ध कराने की बात भी कह रहे हैं। कथित किताब ऐसे समय वायरल हो रही है, जब सनातन धर्म पर दक्षिण भारत के नेता की टिप्पणी पर बबाल मचा हुआ है। दरअसल कहा यह जा रहा है कि यह किताब मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल द्वारा तब लिखी गई थी, जब वह बसपा में थे। उल्लेखनीय है कि भाजपा में आने के पहले प्रदीप पटेल बसपा में थे और बसपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके थे। लेखक के परिचय में प्रदीप पटेल का पूरा परिचय और पता तक उल्लेखित है। यह किताब कहां है, किसके पास है, इसकी और प्रतियां किसके पास हैं, यदि किताब का प्रकाशन हुआ तो वितरण किसे किया गया, यह जानकारी अप्राप्त है।

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