अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ पर 25 हजार का जुर्माना
मप्र हाईकोर्ट ने अनूपपुर कलेक्टर का वह आदेश निरस्त कर दिया है, जिसके तहत उन्होंने मुआवजा भुगतान पर रोक लगाई थी। इसके साथ ही जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने क्षेत्राधिकार से बाहर स्थगन आदेश देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट (जुर्माना) लगाई है। हाईकोर्ट में यह मामला अनूपपुर बिजुरी निवासी नीलिमा शुक्ला, अमित कुमार पांडे, अंकित पांडे व रेणुका शुक्ला सहित सात लोगों की ओर से दायर किया गया था। उनके द्वारा इस मामले में अनपूपुर कलेक्टर को आवेदन दिया गया था। कलेक्टर ने बिना किसी प्रावधान के मुआवजे के भुगतान पर रोक लगा दी थी। मामले की सुनवाई में कलेक्टर अनूपपुर आशीष वशिष्ठ ने शपथ पत्र में स्वीकारा कि उक्त स्थगन आदेश उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है। जिस पर न्यायालय ने उन पर 25 हजार की कॉस्ट (जुर्माना) अधिरोपित करते हुए उनका 15 मार्च 2019 का आदेश निरस्त कर दिया।
सगे भाई के निशाने पर भाजपा विधायक सुशील इंदु तिवारी
चुनाव से पहले विरोधियों के मुखर होने के तो कई मामले सामने आते रहे है, लेकिन यह पहली बार देखने को मिल रहा है, जब विधायक का सगा भाई ही उनके भ्रष्टाचार की फाइल लिए घूम रहा हो । मामला जबलपुर के पनागर से भाजपा विधायक सुशील इंदु तिवारी से जुड़ा है, जिनके खिलाफ उनके भाई ने ही मोर्चा खोल रखा है। विधायक इंदु तिवारी के भाई राजेन्द्र तिवारी ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि उनके छोटे भाई सुशील इंदु तिवारी ने अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया है। विधायक इंदु तिवारी ने न सिर्फ विधायक पद बल्कि, जबलपुर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए गरीबों को दिए जाने वाला राशन बाहरी राज्यों में बेचा है। इसकी कई बार शिकायत की गई, लेकिन सुशील तिवारी ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए कार्रवाई रुकवा दी। राजेन्द्र ने सुशील तिवारी की पत्नी माया तिवारी पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में भाजपा के दिग्गज नेताओं से विधायक भाई की शिकायत करेंगे। इतना ही नहीं इस मामले को लेकर वे लोकायुक्त के साथ हाईकोर्ट भी जाएंगे। कांग्रेस के नेताओं को उनके भ्रष्टाचार की फाइल देंगे।
बोले नेता प्रतिपक्ष, पुलिस-प्रशासन की दम पर चुनाव जीतना चाहती है भाजपा
विधानसभा चुनाव के पहले कुछ जिलों में पदस्थ किए गए पुलिस अफसरों को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह ने कहा कि जन आक्रोश को देखते हुए पुलिस व प्रशासन की दम पर भाजपा प्रदेश में फिर से सरकार बनाने पर आमादा है। ठेके पर आए पुलिस के अधिकारी पूरी तरह भाजपा के कार्यकर्ता बन कर काम कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे अफसरों को चेताते हुए कहा कि जो अधिकारी हवा के विपरीत चलेंगे उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की जमीन पूरी तरह खिसक चुकी है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। झूठी घोषणाएं और चुनावी लाभ के लिए बनाई गई लाड़ली बहना को पैसा बांटने के पीछे यही एक उद्देश्य है कि कैसे भी चुनाव जीता जाए।
एससी से मुस्लिम और ईसाई बने लोगों का सर्वे
मध्य प्रदेश में इस बात का सर्वे कराया जा रहा है कि यहां अनुसूचित जाति वर्ग के कितने लोग धर्म परिवर्तन कर ईसाई और मुस्लिम बने हैं। उन्हें क्या सुविधाएं मिल रही हैं और उनका जीवन स्तर कैसा है? इसके लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया है। आयोग में हिमाचल प्रदेश कैडर के 1981 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डॉ. रविंदर कुमार जैन और यूजीसी की मेंबर प्रो. सुषमा यादव को सदस्य बनाया गया है। यह आयोग दो दिन से भोपाल में है। इस दौरान आयोग ने अनुसूचित जाति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर एससी वर्ग लोगों के धर्म परिवर्तन के विषय पर विस्तार से चर्चा कर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली।
एक हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज
राज्य सरकार द्वारा लिए जा रहे एक हजार करोड़ के कर्ज के लिए बीते रोज भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से ऑक्शन की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। अब ये ऑक्शन आज ओपन हो रहा है। इसमें यह तय होगा कि सबसे कम ब्याज दर पर किस वित्तीय संस्था ने कर्ज देना तय किया है। जिस संस्था की ब्याज दर सबसे कम होगी, उसे ही राज्य सरकार सरकारी प्रतिभूति बेचेगी। नया कर्ज 16 वर्ष के लिए लिया जा रहा है। उधर, इस मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने प्रदेश सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री चुनाव के चक्कर में प्रदेश को कंगाल कर जाएंगे। एक अन्य ट्वीट में तन्खा ने लिखा शिवराज जी ने मन बना लिया है कि मप्र कितने भी कर्ज में डूब जाए, लेकिन सरकार उनकी ही बननी चाहिए।