बिच्छू राउंडअप/जघन्य अपराधों को समझौते के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट

नगीन बारकिया/बिच्छू डॉट कॉम।

जघन्य अपराधों को समझौते के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उन जघन्य अपराधों को अपराधी और शिकायतकर्ता या पीड़ित के बीच समझौते के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है, जो प्रकृति में निजी नहीं होते हैं और जिनका समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के साथ समझौते के आधार पर जघन्य और गंभीर अपराधों से संबंधित प्राथमिकी या शिकायतों को रद्द करने का आदेश देना एक “खतरनाक मिसाल” स्थापित करता है। ऐसा होने पर आरोपी से पैसे ऐंठने के लिए परोक्ष कारणों से शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम ने की पीठ ने कहा, “इसके अलावा, आर्थिक रूप से मजबूत अपराधी हत्या, बलात्कार, दुल्हन को जलाने आदि जैसे गंभीर व जघन्य अपराधों के मामलों में भी मुखबिरों / शिकायतकर्ताओं को पैसा देकर और उनके साथ समझौता करके मुक्त हो सकते हैं।” शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेशों को रद्द कर दिया, जिनके तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के कथित अपराध के लिए मार्च 2020 में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया गया था।

खुदरा शराब बिक्री की पुरानी नीति को अपनाएगी दिल्ली सरकार
नई आबकारी नीति के क्रियान्वयन की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की उपराज्यपाल की सिफारिश के बीच दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब की खुदरा बिक्री की पुरानी व्यवस्था पर लौटने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आबकारी नीति 2021-22 को 31 मार्च के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया। अब 31 जुलाई को इस पर पूर्णविराम लग जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि आबकारी विभाग अब भी आबकारी नीति 2022-23 पर काम कर रहा है जिसमें शराब घर तक पहुंचाने एवं कई अन्य सिफारिशें हैं। उनके अनुसार इस मसौदा नीति को अभी उपराज्यपाल वी के सक्सेना के पास नहीं भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि आबकारी विभाग का प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को विभाग को नई नीति के आने तक छह महीने के लिए आबकारी की पुरानी व्यवस्था पर लौटने’ का निर्देश दिया।

‘तंबाकू खाना यानी अकाल मृत्यु’, अब सिगरेट के हर पैकेट पर लिखी मिलेगी यह चेतावनी
एक दिसंबर, 2022 से या उसके बाद निर्मित, आयातित या पैक किए गए तंबाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी वाली एक नई तस्वीर दिखाई देगी, जिस पर लिखा होगा कि तंबाकू से दर्दनाक मौत होती है।ह्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। यह तस्वीर एक दिसंबर से एक साल की अवधि के लिए वैध होगी। मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नई स्वास्थ्य चेतावनियों के अनुसार, एक दिसंबर, 2023 से या उसके बाद निर्मित, आयातित या पैक किए गए तंबाकू उत्पादों पर लिखित में स्वास्थ्य चेतावनी है तंबाकू उपयोगकर्ता कम उम्र में मौत के शिकार हो जाते हैं के साथ एक तस्वीर प्रदर्शित होगी। मंत्रालय ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) नियमावली, 2008 में संशोधन के माध्यम से 21 जुलाई, 2022 को नयी स्वास्थ्य चेतावनियों को अधिसूचित किया है। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) तीसरी संशोधन नियमावली, 2022 के तहत संशोधित नियम 1 दिसंबर, 2022 से लागू होंगे। अधिसूचना सरकार की वेबसाइट पर 19 भाषाओं में उपलब्ध है।

साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये हुआ सरकार का राजकोषीय घाटा
सरकार का राजकोषीय घाटा जून तिमाही में सालाना लक्ष्य के 21.2 प्रतिशत पर पहुंच गया है। जबकि एक साल पहले यह 18.2 प्रतिशत था। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और राजस्व के बीच का अंतर है। यह सरकार की कुल उधारी को दर्शाता है। वास्तविक तौर पर राजकोषीय घाटा 2022-23 की पहली तिमाही के अंत में 351 लाख करोड़ रुपये रहा। मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, पिछले वर्ष यह 6.71 प्रतिशत था। कंट्रोलर जनरल द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जून, 2022 तक केंद्र की प्राप्तियां 5,96,040 करोड़ रुपये थीं। यह बजट अनुमान का 26.1 प्रतिशत थी। एक साल पहले की समान अवधि में प्राप्तियां बजट अनुमान 2021-22 की 27.7 प्रतिशत थी। जून तिमाही में केंद्र द्वारा किया गया कुल व्यय 9,47, 911 करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 24 प्रतिशत था।

Related Articles