
- रिलायंस द्वारा की जा रही है खरीदी….
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले बड़वानी जिले के एक किसान ने अपने खेत में 13 इंच लंबे केला उगाकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया है। यह केले अब देश में ही नहीं विदेशों में भी धूम मचा रहे हैं। हाल ही में किसान के दस टन केले ईरान व इराक को भी निर्यात किए जा चुके हैं। इन्हें रिलायंस ने किसान से खरीदकर निर्यात किया है। दरअसल बड़वानी जिले के बगुद निवासी अरविंद जाट ने अपने खेत में इतने बढ़े केले की फसल उगाई है। किसान द्वारा इसके लिए की गई लंबी मेहनत का फल अब उन्हें मिलना शुरू हुआ है। इसकी वजह है आम फसल की तुलना में इस केले की फसल के लागत से तीन गुना दाम मिलना। दरअसल किसान द्वारा इसके लिए 4 महीने तक खेत में फसल न बोकर, उसमें गोबर की खाद डाली और उसे धूप में खुला छोड़ा गया, जिसके बाद उसमें केले की पौध लगाई। इसके परिणाम बेहतर आए। अरविंद जाट की खेत में 13 इंच लंबे केले हो रहे हैं। उन्होंने 6 एकड़ में केले की फसल बोई है।
केले की फसल से कितना मुनाफा
अरविंद जाट के मुताबिक माल गुणवत्ता वाले हो तो भाव भी अच्छा मिलता है। उन्होंने बताया कि अच्छी फसल से प्रति एकड़ में तीन से साढ़े तीन लाख रुपए का मुनाफा कमाया जा सकता है। बड़वानी के कई किसान केले का उत्पादन करते हैं। यहां का केला दूर-दूर तक अपनी मिठास बिखर रहा है। अरविंद जाट केले की खेती पिछले 37 साल से कर रहे हैं, इसलिए उन्हें अनुभव हो गया कि फसल के लिए किस तरह के खाद की कब और कैसी जरूरत है। उसी के हिसाब से फसल में खाद का उपयोग किया गया। नतीजा यह निकला कि फसल बहुत अच्छी क्वालिटी की पैदा हुई और अब विदेशों तक सप्लाई हो रही है।
तमिलनाडु में होता है सबसे लंबा केला
सबसे लंबा केला तमिलनाडु में होता है। अब हमारे यहां भी अन्य राज्यों की तुलना में बड़े केले का उत्पादन हो रहा है। देश में केला कई राज्यों में होता है। तमिलनाडु में 15 से 18 इंच तक केला होता है। पहले की तुलना में अब अन्य राज्यों के किसान भी तकनीकी खेती करने लगे हैं। इस वजह से अन्य राज्यों में पहले की तुलना में ज्यादा बड़े केले हो रहे हैं। किसान पूरे प्रोटोकॉल का पालन करें तो केले का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है।
विदेश में कीमत अधिक
किसान के मुताबिक स्थानीय व्यापारी कम भाव में केला खरीदी करते हैं. वहीं, केला कटाई की मजदूरी भी किसान से लेते हैं, जबकि विदेश केला भेजने पर मजदूरी भी नहीं लगती और महंगा भी बिक जाता है। इसके अलावा लोकल व्यापारी वेस्टेज केले को खेत पर ही छोड़कर चले जाते हैं, लेकिन विदेश केले भेजने वाली कंपनी मुख्य केले के भाव ही वेस्टेज माल को भी खरीद लेती है। किसान का कहना है की मई माह में केले की दो गाड़ियां स्थानीय व्यापारियों को बेची हैं, जिनका 7 रुपए किलो में सौदा हुआ, जबकि विदेश से उसी केले के भाव 15.50 रुपए प्रति किलो मिल रहे हैं। उनका कहना है की माल अच्छा हो तो भाव भी अच्छा मिलता है। उनका कहना है कि अच्छी फसल से प्रति एकड़ में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है।
कृषि वैज्ञानिक भी हैरत में
दरअसल बड़वानी में पहली बार 13 इंच लंबा केला पैदा हुआ है। कृषि वैज्ञानिक भी केले को देखकर हैरान हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यानिकी वैज्ञानिक डीके जैन के अनुसार आमतौर पर बड़वानी में 8 से 9 इंच तक केला होता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने पहली बार इतना बड़ा केला देखा है। तलून स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यानिकी वैज्ञानिक डीके जैन भी केले की लंबाई को देखकर हैरान हैं। इन केलों की लंबाई औसतन 13 इंच है और एक केले का वजन करीब 250 ग्राम है।