भाजपा में होलिकाष्टक की… समाप्ति का इंतजार

  • प्रभारी मंत्री से लेकर निगम मंडलों तक में दिखेगा बदलाव
  • हरीश फतेहचंदानी

होली के त्यौहार के ठीक पहले प्रदेश भाजपा में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। पार्टी के तमाम बड़े नेताओं का इन दिनों राजधानी में जमावड़ा लगा हुआ है। यही नहीं सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद अपने -अपने इलाकों में चले गए मंत्रियों को भी भोपाल तलब कर लिया गया है। यही नहीं भाजपा के तमाम राष्ट्रीय पदाधिकारियों को भी भोपाल में डेरा डला हुआ है। इनमें वे नेता भी शामिल हैं जो पार्टी की बैठक में कभी -कभार शामिल होते हैं।
इसी वजह से माना जा रहा है कि अब पार्टी के साथ ही सरकार में कुछ बड़े निर्णय होने जा रहे हैं। यह बात अलग है कि इसके लिए वह समय चुना गया है, जब प्रदेश के मुखिया सरकार की अति महात्वाकांक्षी योजना लाड़ली बहना की शुरुआत अपने जन्म दिन पर की जा रही है। माना जा रहा है कि होलिकाष्टक समाप्त होते ही सरकार प्रभारी मंत्रियों के जिलों मे परिवर्तन करने के साथ ही निगम मंडलों में रिक्त पदों पर नियुक्ति कर देगी। यही नहीं मैदानी स्तर पर भी पार्टी के दिग्गज नेता तेजी से सक्रिय नजर आना शुरु हो जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश की सत्ता व संगठन में कसावट करना शुरु हो जाएगी। यही वजह है कि शनिवार को दिनभर भाजपा कार्यालय में मंथन के बाद देर शाम सीएम हाउस में कोर ग्रुप की बैठक हुई। तय किया गया कि दिग्गज नेता हारी हुई सीटों की जिम्मेदारी उठाएंगे। इसके लिए रोडमैप बनाकर सीटें बांट दी जाएंगी। निगम, मंडल और बोर्ड सहित अन्य संस्थाओं में नियुक्तियों की सूची को भी हरी झंडी भी दे दी गई है। सीएम हाउस में सीएम शिवराज सिंह, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बैठक में शामिल हुए।
संगठन के साथ मंत्रियों की क्लास
भाजपा संगठन ने सरकार के सभी मंत्रियों को आज भोपाल तलब कर लिया है। संगठन के साथ इन मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक को उनके प्रभार वाले जिलों में बदलाव के साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल से जोड़कर देखा जा रहा है।
18 हजार बूथ कमजोर
प्रदेश में 18 हजार बूथ ऐसे हैं, जहां भाजपा कमजोर है। इन बूथों को चिह्नित कर प्रकोष्ठ उसे मजबूत करने की जिम्मेदारी ले। भाजपा वहां बड़े अंतर से जीते, इसकी कार्ययोजना बनाएं। 14 मार्च से बूथ सशक्तीकरण अभियान चलेगा। बूथ कमेटी, पन्ना प्रमुख बनाएं जाएं। बूथ के कार्य तय समय सीमा में पूरे हों। इस दिशा में भी प्रकोष्ठ की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात भाजपा के प्रदेश संगठन ने बीते रोज भोपाल में सभी प्रकोष्ठों की संयुक्त बैठक में कही। उन्होंने हर बूथ पर 51 प्रतिशत वोट शेयर के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर भी जोर दिया। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि मोदी जी की योजना, शिवराज जी के काम और भाजपा की नीतियां लेकर समाज के बीच जाएं , जो हमें अपार जनसमर्थन मिलना तय है।
यह रहे चर्चा के मुख्य बिन्दु
अगर सूत्रों की माने तो इस दौरान मुख्य रुप से तीन बिन्दुओं पर मंथन कर निर्णय लिया गया है। इसमें हारी सीटों की जिम्मेदारी बड़े नेता उठाएं। इसके लिए संगठन द्वारा गाइडलाइन तय। बूथ विस्तारक अभियान-2 में यह नेता बूथ स्तर पर जाएंगे। खासतौर से कमजोर बूथों पर। आंबडेकर जयंती पर बड़े पैमाने पर आयोजन होंगे। इसी तरह से रिक्त चल रहे निगम मंडलों, बोर्ड व अन्य संस्थाओं में नियुक्तियो का भी फैसला कर लिया गया है। इसके लिए नाम भी तय कर लिए गए हैं। बैठक में चुनाव की रणनीति को लेकर भी चर्चा की गई है।
विस संयोजकों पर चुनावी पाबंदी
विधानसभाओं के संयोजक अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। प्रदेश भाजपा कार्यालय में राव ने संयोजकों की बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि आप लोगों को चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। आप लोग चुनाव लड़ाइए, आप चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसकी वजह है चुनाव प्रभारियों द्वारा की जाने वाली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी। इस दौरान पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों की बैठक हुई। कहा गया कि प्रकोष्ठ योजना बनाकर हर बूथ पर 51 फीसदी वोट शेयर के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि पार्टी ने अलग- अलग समूहों, सोसायटी को जोडऩे का जिम्मा प्रकोष्ठ को दिया है। प्रकोष्ठ जिस वर्ग के लिए काम करता है, उसके पदाधिकारी उस वर्ग से संबंधित कार्यक्षेत्र, उसकी समस्याएं और उसके निराकरण की दिशा में हमारी क्या भूमिका हो सकती है इसका अध्ययन करें।
विपक्ष के छोटे नेताओं पर नजर
प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी नेताओं ने तय किया है कि जिन स्थानों पर भाजपा कमजोर स्थिति में है, वहां स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के छोटे नेताओं को पार्टी में शामिल कराया जाए। ऐसे नेताओं के बारे में संगठन स्तर से नाम प्रदेश को भेजे जाएंगे। इसमें- जाति आधार से लेकर पंचायत या नगरीय निकाय के प्रतिनिधि तक शामिल रहेंगे।

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