पर्यटन विभाग करेगा प्रदेश में हाथ से बने उत्पादों की मार्केटिंग

पर्यटन विभाग

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे प्रदेश में हस्तनिर्मित उत्पादों से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल मप्र पर्यटन विभाग ने अब उनके उत्पादों को बाजार दिलाने का फैसला किया है। इसके तहत अब प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर हस्तनिर्मित उत्पादों को न केवल विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, बल्कि उनकी ब्रांडिंग व मार्केटिंग भी की जाएगी। जिसकी वजह से कारीगरों की आय तो बढ़ेगी ही साथ ही उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिल सकेगी। खास बात यह है कि इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा उन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके लिए हाल ही में ई-कॉमर्स इंटरनेट व डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों से ऑफर भी बुलाए गए हैं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इस समय कई ई-कॉमर्स कंपनियां मध्य प्रदेश के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट की मार्केटिंग का काम कर रही है। यह वे उत्पाद हैं जो पहले से ही अपनी पहचान बना चुके हैं । उनका मानना है कि प्रदेश में कई पर्यटन स्थलों के आसपास ऐसे कई कारीगर हैं जो अपने हस्तशिल्प और हाथकरघा उत्पाद स्थानीय स्तर पर हाट बाजारों में बेचते हैं, जिसकी वजह से उनकी आय भी कम होती है और उनकी कला को बड़े स्तर पर पहचान नहीं मिल पाती है। उनका कहना है कि अब मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ऐसे गुमनाम कारीगरों के उत्पाद को ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए मार्केटिंग और ब्रांडिंग का काम करेगा। इसके बाद पर्यटकों को पर्यटन स्थल के साथ ही पर्यटन की वेबसाइट पर उत्पादों की जानकारी मिल जाएगी।

तकनीकी ज्ञान भी देंगे
खास बात यह है कि पर्यटन बोर्ड जिस कंपनी को चयन करेगा वह कंपनी इन कारीगरों को तकनीकी ज्ञान भी देंगे। इन उत्पादों का विक्रय मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की वेबसाइट से ही किया जाएगा। इसके लिए पर्यटन बोर्ड  प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग के साथ भी समन्वय स्थापित करेगा। इस मामले में विभाग का कहना है कि पर्यटन बोर्ड द्वारा यह कदम प्रदेश के हस्तशिल्प एवं हस्तकला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के साथ ही उनकी कला का सही मूल्य दिलवाने के लिए उठाया जा रहा है। इससे स्थानीय कारीगरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ ही प्रदेश के हस्तशिल्प को देश-विदेश में ख्याति मिल सकेगी।

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