अवैध खनिज पकड़ने में अव्वल , लेकिन माफिया की गिरफ्तारी में फिसड्डी

अवैध खनिज

भोपाल/गौरव चौहान/  बिच्छू डॉट कॉम।  सूबे के करीब आधा दर्जन जिले ऐसे हैं , जिनमें खनिज माफिया का पूरा राज चलता है। सरकार किसी की भी हो और प्रशासन में कोई भी बैठा हो यह माफिया उन सब पर भारी रहता है। यही वजह है कि सरकार को जहां रायल्टी का नुकसान होता है , वहीं ठेकेदार भी इनसे परेशान रहते हैं।
इसके बाद भी इस माफिया पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा जाता है। अधिक हाय तौबा मचने पर जरूर प्रशासन अवैध रुप से खनन किए गए कुछ खनिज को जप्त कर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा लेती है , लेकिन माफिया पर तब भी हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर पाती है। अगर कार्रवाई की बात की जाए तो ग्वालियर जिला अवैध रूप से निकाले गए खनिज की बरामदगी में प्रदेश में दूसरे स्थान पर है , लेकिन जब माफिया की गिरफ्तारी की बात आती है तो यह जिला इसमें फिसड्डी साबित होता है। यह खुलासा स्वयं विभाग के आंकड़ों से होता है। अन्य जिलों की तुलना में इस जिले में भी रेत, गिट्टी, पत्थर और मुरम का जमकर अवैध खनन कर परिवहन किया जाता है।
ऐसे मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार सरकार के तीन महकमों के पास है, जिसमें जिला प्रशासन, खनिज और पुलिस विभाग शामिल है। इसके बाद भी इन तीनों में से किसी भी विभाग के हाथ माफिया के गिरेबान तक नहीं पहुंच पाते हैं। हालांकि, खनिज विभाग ने इस वित्त वर्ष के अप्रैल से सितंबर तक यानी 6 महीने में अवैध खनिज परिवहन के 129 मामलों में कार्रवाई की है। इस कार्रवाई की वजह से ग्वालियर जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। ग्वालियर जिले से अधिक कार्रवाई अवैध खनन के मामले में देवास में की गई है, जहां पर इस तरह के मामलों की संख्या 139 है। अगर अन्य जिलों में की गई कार्रवाई की स्थिति देखें तो मुरैना में 84, भिंड में 82, शिवपुरी में 78, दतिया में 64, श्योपुर में 26, गुना में 55 अवैध खनिज के मामले पकड़े गए। लेकिन विभिन्न खनिज संपदा का अवैध खनन करने वाले माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं होने से अवैध खनन न कम हो पा रहा और न बंद। दरअसल प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय इस माफिया का प्रशासन से लेकर नेताओं तक से ऐसा गठजोड़ है कि जो टूटने का नाम ही नहीं लेता है। ग्वालियर जिले में अवैध खनन के मामले में 1.75 करोड़ रुपए का जुमार्ना भी वसूला गया है। इस जिले में कई तरह के खनिजों की 180 खदानें हैं।
ग्वालियर जिले में कहां होता है अवैध खनन
इस जिले में 10 सरकारी रेत की खदानें हैं।  इनमें से नौ खदानें सिंध नदी और एक पार्वती नदी पर है। जिनका ठेका होता है। डबरा में करीब आधा दर्जन ऐसी खदानें हैं, जिनमें अवैध रूप से रेत निकाली जाती है। इसी तरह से काले पत्थर की करीब 160 खदानें हैं ,जो  बिलौआ, पारसेन, बेरजा आदि  मे हैं। इस कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार ग्वालियर से रोजाना 2200 से 2300 डंपर गिट्टी की सप्लाई की जाती है। इसी तरह से जिले में घाटीगांव क्षेत्र में सफेद पत्थर के कई पहाड़ हैं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जिले में सिर्फ 5 खदानें चालू हैं। लेकिन इससे कहीं ज्यादा खदान अवैध रूप से घाटीगांव में चल रही हैं। अगर मुरम की बात की जाए तो जिले के बेहट, बड़ी अकबई, जिगनिया और आंतरी में 4 पहाड़ पर मुरम निकालने की अनुमति है। लेकिन शताब्दीपुरम, उदयपुरा, मोहनपुर, महाराजपुरा डांग स्थित पहाड़ों पर अवैध रूप से खुलकर बड़े पैमाने पर  खनन किया जा रहा है।

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