भोपाल व इंदौर के नामों पर… मशक्कत, बैठकों का दौर जारी

भोपाल व इंदौर

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की राजनैतिक और आर्थिक राजधानी यानी की भोपाल व इंदौर में भाजपा को महापौर का प्रत्याशी कौन होगा इस पर फंसा पेंच अब भी नहीं सुलझ पाया है। इस पेंच को सुलझाने के लिए प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा लगातार पार्टी के विधायकों व सांसदों के साथ बैठकें की जा रही हैं। अब  महापौर के नामों पर चर्चा के लिए आज फिर से बैठक बुलाई गई है। इसके बाद कल संगठन एक बड़ी बैठक करने जा रहा है, जिसमें माना जा रहा है कि अधिकांश नाम तय कर लिए जाएंगे। हालांकि संगठन सभी नाम एक साथ घोषित करने की मंशा रखे हुए हैं। भोपाल में मेयर प्रत्याशी के नाम को लेकर प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा ने राजधानी के विधायकों और आला नेताओं को बुलाकर उनसे चर्चा की, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी। माना जा रहा है कि अब बहरहाल नेताओं की राय जानने के बाद अब संगठन फैसला करेगा। भोपाल की ही तरह इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों में भी मेयर के चयन का मामला अभी सुलझ नहीं पाया है।
शर्मा द्वारा भोपाल के नामों को लेकर करीब तीन घंटे तक नेताओं से चर्चा की  गई। प्रदेश अध्यक्ष ने इन नेताओं से उनके क्षेत्र के वार्ड के पार्षदों और मेयर के नाम पर सुझाव   लेते  हुए  पहले इन नेताओं से सामूहिक चर्चा की  औश्र उसके बाद  वन टू वन बात की। तीन घंटे चली इस चर्चा में इनसे सुझाव लिए गए। इनसे सुझाव के बाद अब संगठन नाम तय करेगा। भोपाल में कृष्णा गौर, राजो मालवीय, उपमा राय, भारती कुम्हारे और मालती राय के नामों की चर्चा है। माना जा रहा है कि भोपाल के लिए नाम आरएसएस की तरफ से भी आ सकता है।  वहीं इंदौर में रमेश मेंदोला, सुदर्शन गुप्ता और गौरव रणविदे का नाम चर्चा में है। युवा चेहरे पर पार्टी ने दांव खेला तो गौरव के हाथ बाजी लग सकती है। जबलपुर में पूर्व आईएएस अफसर वेद प्रकाश, जनअभियान परिषद से जुड़े जितेन्द्र जामदार का नाम है। इसी तरह से ग्वालियर में माया सिंह और सुमन शर्मा के जबकि सागर में प्रतिभा तिवारी और प्रतिभा चौबे का नाम चर्चा में बना हुआ  है।
बगैर प्रत्याशी भाजपा के चुनाव प्रचार का शंखनाद
नगरीय निकाय के लिए अब तक भाजपा अपने प्रत्याशी भले ही घोषित नहीं कर सकी है, लेकिन उसने प्रचार का शंखनाद कर दिया है। इसकी शुरुआत पार्टी द्वारा बीते रोज बूथ जीतो अभियान के माध्यम से कर दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के 65 हजार बूथों पर लोगों के बीच जाकर विजय का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद ने भोपाल में बूथों पर जाकर बैठक ली। नेताओं ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे प्रत्याशी चयन का इंतजार न करें। प्रत्याशी कोई भी हो हमें कमल के फूल को प्रत्याशी मानकर पार्टी के लिए काम करना है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह पंचशील नगर के बूथ क्रमांक 1260 पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को विजय संकल्प दिलाते हुए कहा कि वे लोगों से जाकर पूछें कि क्या कभी कांग्रेस सरकारों ने इतना काम किया था। उन्होंने कहा कि बूथ के सभी कार्यकर्ता मतदाता सूची में से चुनकर मतदाताओं से सम्पर्क करने की जिम्मेवारी लें। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि अभी हमारे प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं पर मतदान केन्द्रों पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने विकास किया है और हम विकास के मुद्दे पर ही जनता के बीच जा रहे हैं। उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा वार्ड क्रमांक 25 के बूथ क्रमांक 69 पहुंचे। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर केन्द्रित पत्रक लोगों को वितरित किए। इसके साथ ही केन्द्र सरकार की आठ सालों की उपलब्धियों की जानकारी भी लोगों को दी। उन्होंने कहा कि जिन घरों से हमें पिछले चुनाव में वोट नहीं मिले थे इस बार वहां से भी वोट मिलें इस पर ध्यान केन्द्रित करें। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने भी बूथों पर पहुंच कर बैठकें ली। इसके अलावा प्रदेश के अलग अलग शहरों में पार्टी के सांसद, मंत्री, विधायक और पदाधिकारी अपने अपने बूथों पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं के साथ जीत का संकल्प लिया।
अनारक्षित सीट पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की  मांग
प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों के टिकट वितरण के पहले ही सामान्य वर्ग के तहत आने वाले तमाम प्रमुख सामाजिक संगठनों ने भी अपनी मांगे रखकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ये संगठन सीधे चुनावों में तो नहीं उतर रहे पर मनपसंद उम्मीदवार नहीं बनाने पर बहिष्कार करने की बात जरूर कह रहे हैं।  इससे दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस में कुछ चिंता जरूर बढ़ गई है।  राजपूत समाज की महिलाओं ने सामान्य महिला सीट पर हर हाल में सामान्य महिला को ही टिकट देने की मांग उठाई है।  उधर इंदौर में करणी सेना सवर्ण समाज की लामबंदी कर दबाव बनाने में लग गई है।  करनी सेना का कहना है कि सभी राजनैतिक दलों को सामान्य वर्ग को समान मौका देना चाहिए।
शाम की बैठक में हो सकते हैं नाम तय
नगरीय निकाय चुनावों को लेकर भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक आज शाम प्रदेश कार्यालय में होने जा रही है। इस बैठक में प्रदेश के सोलह नगरनिगमों समेत एक दर्जन बड़ी नगरपालिकाओं के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की जानी है। इसके अलावा चुनाव प्रचार की रणनीति भी तय की जाएगी। इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष बी डी शर्मा के अलावा प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य नेता शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने जिला और संभाग स्तर पर चयन समितियां बना दी गई हैं। जिले का कोर ग्रुप तीन नाम तय कर संभागीय चयन समिति को सौंपेंगा। यह चयन समिति प्रदेश पदाधिकारियों से चर्चा कर नाम फाइनल कर देगी। 12 जून को प्रदेश संगठन ने कोर कमेटी के सदस्यों समेत जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को भोपाल बुलाया है। इनसे राय लेने के बाद सोमवार से टिकट वितरण का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
यह भी रखा जा रहा है ध्यान : अधिकांश नगर निगमों में अभी तक जो ट्रेंड रहा है उसके मुताबिक हर परिषद में करीब 80 फीसदी चेहरे चुनकर आते हैं। इसकी वजह से ही पार्टी इस मामले में नए प्रत्याशियों को चुनवी मैदान में प्राथमिकता देने का पहले ही तय कर चुकी है। इसकी वजह से उन पूर्व पार्षछों को निराशा हाथ लग सकती है, जो खुद या अपनी पत्नी, रिश्तेदार को नगर निगम चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टी से टिकट की कोशिश में लगे हुए हैं। नगर निगम का अब तक चुनावी समीकरण बता रहा है कि दूसरी बार की पार्षदी यहां टेढ़ी खीर है। यदि इस पर गौर किया गया तो बीती परिषद के पार्षदों को तगड़ा झटका लग सकता है। यदि पार्टी से टिकट मिल भी जाता है तो मतदाता उन्हें नकार देते हैं। अब चुनावी समय में बीती परिषद के पार्षद खुद या फिर अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट की कोशिश कर रहे हैं। दोबारा हुए आरक्षण ने कई को निराश किया तो फिर कई को फिर से मैदान में रहने का मौका दिया। अब राजनीतिक दल के टिकट को लेकर मशक्कत की जा रही है।

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