प्रदेश की तिगड़ी का… कांग्रेस में जलवा

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  • कमलनाथ, दिग्विजय के बाद अब अरुण का भी बढ़ाया गया कद

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भले ही दो साल पहले असमय कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा हो , लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के दिग्गज नेताओं का कद पार्टी हाईकमान के सामने कम नहीं हुआ है। हाल ही के कुछ दिनों को देखें तो मप्र के कांग्रेस नेताओं की दस जनपथ में पूछताछ लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसमें एक नाम और अब अरुण यादव का जुड़ गया है।
दिग्विजय सिंह के अलावा कांग्रेस के चिंतन शिविर के लिए गठित की गईं कमेटियों में इन दोनों ही नेताओं को जगह दी गई है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की दिल्ली में सोनिया गांधी से मेल-मुलाकात का दौर लगातार जारी है। वे एक हफ्ते में अब तक चार बार उनसे मुलाकात कर चुके हैं। इन दोनों ही नेताओं की चल रही मुलाकातों को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसकी वजह है उनका राजनैतिक अनुभव और पार्टी के हिसाब से सियासी समझ और प्रभाव। दरअसल दिग्विजय सिंह और कमलनाथ उन नेताओं में शामिल हैं, जो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में माने जाते हैंं। इन दोनों नेताओं की यह मुलाकातें ऐसे समय हो रही हैं, जब पार्टी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार को लेकर मंथन किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि पीके को लेकर होने वाले निर्णय में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की बड़ी भूमिका रहने वाली है। उधर उनकी इन मुलाकातों को प्रदेश मे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है की मप्र के विधानसभा चुनाव को लेकर पीके द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को दी गई है। इस रिपोर्ट पर भी इन दोनों नेताओं के साथ सोनिया गांधी द्वारा चर्चा की जा रही है।
उधर, कांग्रेस द्वारा अगले माह तीन दिन के लगाए जा रहे राष्ट्रीय स्तर के चिंतन शिविर के लिए सोनिया गांधी द्वारा अलग-अलग कोआर्डिनेशन पैनलों का व समितियों का गठन किया गया है। इसमें सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण विषय के पैनल में जहां दिग्विजय सिंह को रखा गया हैं, वहीं किसान व खेती के मामले में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए बनाई गई समिति में अरुण यादव को शामिल किया गया है। इस समिति में उनके अलावा आठ अन्य सदस्यों को शामिल किया गया है। इसके अलावा कमलनाथ प्रदेश के ऐसे नेता हैं , जो बीते लंबे समय से अघोषित तौर पर सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार के रुप में माने जा रहे हैं। बताया जाता है कि सोनिया के साथ कमलनाथ की बैठक करीब एक घंटे तक चली। जिसमें प्रदेश के राजनीतिक मामलों सहित संगठन के विषयों, रणनीति और पार्टी के आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस दौरान प्रशांत किशोर की रिपोर्ट पर भी बात की गई है। दरअसल पार्टी हाईकमान का फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर है, लेकिन उसके पहले मप्र सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की चिंता भी कांग्रेस हाईकमान को बनी हुई है। यह चुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले होना है।
इसको लेकर कई बदलाव  की सुगबुगाहट अभी से शुरू हो गई है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही उतरेगी यह पहले ही तय हो चुका है। इसको लेकर पहले ही प्रदेश के सभी प्रमुख नेताओं में सहमति बन चुकी है। चुनाव से पहले कमलनाथ भी सभी दिग्गज नेताओं के बीच हर मामले में सहमति बनाने के लिए लगतार बैठकें कर रहे हैं। उनके द्वारा राजनैतिक फैसलों के लिए एक समिति भी बनाई जा चुकी है। अब इस समिति की बैठक अगले माह प्रस्तावित है। इस समिति में कमलनाथ के साथ दिग्विजय  सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह, कांतिलाल भूरिया शामिल हैं। दरअसल इस कवायद के पीछे गुटों में बंटी प्रदेश कांग्रेस में नेताओं के बीच एकजुटता दिखाना भी है। पार्टी में तमाम गुटों के नेताओं का अपने -अपने क्षेत्र में प्रभाव है। यही वजह है कि पार्टी का प्रयास है कि सभी नेता एक साथ बैठें, निर्णय सामूहिक हों। कार्यकर्ताओं में संदेश जाएगा कि सभी साथ हैं।
जारी है मंथन का दौर
विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर  कमलनाथ कितने गंभीर हैं, इससे ही समझा जा सकता है कि उनके द्वारा राजनैतिक फैसलों के अलावा वचन पत्र बनाने के लिए समितियों का अभी से गठन तो किया ही जा चुका है साथ ही लगातार वे तैयारियों को लेकर बैठकें भी कर रहे हैं। इसके अलावा सभी प्रदेश के बड़े नेताओं के बीच बेहतर समन्वय व एक राय बनाने के लिए भी लगातार सक्रिय बने हुए हैं। इसी कड़ी में उनके द्वारा कुछ दिनों पहले ही चारों पूर्व प्रदेश अध्यक्षों और पूर्व नेता प्रतिपक्ष को ेको भोजन पर बुलाकर चुनावी रणनीति की तैयारी को लेकर भी चर्चा की जा चुकी है। अब एक बार फिर 1 मई को उनके द्वारा चारों पूर्व प्रदेशाध्यक्षों के साथ ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष के साथ बैठक प्रस्तावित है।
कराया जा रहा है सर्वे
खास बात यह है कि विधानस सभा चुनाव की तैयारियों में कमलनाथ कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं, शायद इसी वजह से उनके द्वारा अपने स्तर पर 30 लोगों की एक टीम के माध्यम से हर सीट का सर्वे करवाया जा रहा है। यह टीम समय-समय पर उन्हें अपनी रिपोर्ट देती है। उधर, अब मप्र को लेकर प्रशांत किशोर की टीम भी सर्वे रिपोर्ट दे रही है। इन रिपोर्ट में संभावित प्रत्याशियों से लेकर वर्तमान विधायकों तक के बारे में उनके इलाके की जमीनी हकीकत का पूरा ब्यौरा होता है।

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