मोदी के संग दाल के जरिये कदमताल करेंगे शिवराज

मोदी-शिवराज
  • तीन तरह की किस्मों को दिया जा रहा है बढ़ावा … 

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में दाल की तीन किस्मों की खेती को बढ़ावा देकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी  योजना के साथ कदमताल करने की कोशिश में है। इसके लिए राज्य में तुअर, उड़द और मूंग का क्षेत्र बढ़ाने की तैयारी है। मोदी लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती  में विविधीकरण के साथ दलहन और तिलहन फसलों को बढ़ावा दिया जाए।
इसी हिसाब से मध्यप्रदेश में  दलहन और तिलहन फसलों का क्षेत्र बढ़ रहा है। इस वर्ष तुअर (अरहर), उड़द, मूंग सहित अन्य फसलों का क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है,जबकि  147 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोवनी होने का अनुमान है। गौरतलब है  कि राज्य में वर्ष 2018 से लेकर अब तक तुअर, उड़द, मूंंग, चना, मटर, मसूर के क्षेत्र में वृद्धि हुई है। इसी तरह जहां मूंगफली, अलसी और सरसों का क्षेत्र भी बढ़ा है, वहीं, सोयाबीन का क्षेत्र घटा है। क्योंकि अब अब किसान धान की फसल को अधिक तवज्जो दे रहे हैं।  
दलहन और तिलहन फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की गरज से इस साल राज्य में तुअर का क्षेत्र चार लाख 43 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल दो लाख 37 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर बोया गया। इसी तरह उड़द 15 लाख 97 हजार और मूंग की बोवनी का लक्ष्य एक लाख 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया गया है। मक्का का लक्ष्य 14.16 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 15 लाख चार हजार हेक्टेयर रखा गया है। मूंगफली हेतु चार लाख 58 हजार और तिल की बोवनी हेतु  छह लाख 73 हजार हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित है। हालांकि राज्य में  सोयाबीन की फसल में पिछले कुछ सालों से किसानों को हो रहे नुकसान को देखते हुए का क्षेत्र घटने की संभावना है। इसे देखते बोवनी का लक्ष्य भी 55 लाख 31 हजार की जगह 51 लाख 72 हजार हेक्टेयर रखा गया है।
यह है देश में प्रदेश की स्थिति
मध्यप्रदेश  दलहन उत्पादन में देशभर में अव्वल है। प्रदेश में इन फसलों के दायरे में 52 लाख हेक्टेयर रकबा शामिल पहले ही हो चुका है। यहां दलहनी फसलों की औसत उत्पादकता 875 किलोग्राम है। दलहनी फसलों में चना का सर्वाधिक क्षेत्र 30.86 लाख हेक्टेयर तथा सर्वाधिक उत्पादन 33.04 लाख टन है। मध्यप्रदेश राज्य मक्का, सोयीबीन, चना, उड़द के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर एवं मूंग, मसूर, अलसी, तिल, छोटा बाजरा के उत्पादन में द्वितीय स्थान पर तथा गेहूं, जौ, रमतिल के उत्पादन में देश में तृतीय स्थान पर है वहीं कुल दलहन, कुल तिलहन में प्रथम स्थान पर जबकि कुल खाद्यान में द्वितीय स्थान पर तथा अनाज उत्पादन में तृतीय स्थान पर है। प्रदेश में गेहूं, चना, मटर, मसूर, तुअर ”अरहर”, सरसों, की फसलें बहुतायत से बोई जाती है।
उद्यानिकी फसलों में दूसरा स्थान
इसी तरह से मध्यप्रदेश राज्य उद्यानिकी फसलों अमरूद के उत्पादन में देश में द्वितीय स्थान पर, सीताफल, नींबू में तृतीय स्थान पर, पपीता में चतुर्थ स्थान पर एवं अंगूर में आंठवे स्थान पर है। सब्जी उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में प्याज, फूलगोभी, ककड़ी, मिर्च, मटर उत्पादन में द्वितीय स्थान पर एवं पत्तागोभी, कद्दू, उत्पादन में तृतीय स्थान पर तथा भिण्डी, लौकी के उत्पादन में चतुर्थ आलू, करेला, शिमला मिर्च उत्पादन में पांचवे स्थान पर एवं मूली उत्पादन में सातवें स्थान पर तथा परवल उत्पादन में दसवें स्थान पर है। जबकि अन्य सब्जियों के उत्पादन में चतुर्थ स्थान में है।

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