भाजपा में अब फरफॉर्मेंस का आंकलन करेगा संगठन 2.0 एप

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-जमीनी स्तर पर भाजपा संगठन को दुरुस्त करने की कवायद
-एप में दर्ज होगी पदाधिकारियों के संगठनात्मक दौरों की पूरी रिपोर्ट

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा  जमीनी स्तर पर संगठन को दुरुस्त करने की कवायद में लगी है। भाजपा संगठन द्वारा जारी कार्यक्रमों और बैठकों और नेताओं, पदाधिकारियों के दौरों की निगरानी अब संगठन 2.0 एप के जरिए की जाएगी। गौरतलब है कि गतदिनों धार के मांडू में भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संगठन 2.0 एप लॉन्च किया। संगठन 2.0 एप के जरिए प्रदेश स्तर से लेकर बूथ लेवल तक के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठकों और प्रवास की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद नियमित रूप से इसकी निगरानी की जाएगी। पदाधिकारी यदि गलत जानकारी प्रदेश कार्यालय को भेजते हैं तो संगठन एप की रिपोर्ट से वह क्रॉस चेक होने से पोल खुल जाएगी।  लगातार कागजी खानापूर्ति करने वाले पदाधिकारियों की छुट्टी भी की जा सकती है।
जानकारी के अनुसार भाजपा में मंडल से लेकर प्रदेश तक पदाधिकारी के रूप में जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने वाले कार्यकर्ताओं के कामकाज की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए एप में पदाधिकारियों की पूरी डिटेल अपडेट कर दी गई है और अब क्षेत्र में या संगठन के काम से जाने वाले पदाधिकारियों को इस एप में  जानकारी अपलोड करनी होगी। भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यालय से जारी संगठनात्मक कार्यक्रमों, बैठकों और प्रवास की जानकारी संगठन 2.0 एप पर दर्ज करनी होगी।  प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रदेश और जिला पदाधिकारियों यहां तक कि बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को अपने प्रवास और बैठकों की जानकारी रियल टाइम एप पर रिपोर्ट करनी होगी।  एप में जियो टैगिंग भी होगी इससे बैठकों और प्रवास की फोटो लोकेशन से ही फीड़ करनी होगी। इससे संगठन के कामकाज की घर बैठे खानापूर्ति नहीं की जा सकेगी।
वरिष्ठ पदाधिकारी करेंगे मॉनीटरिंग
प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री समेत दीनदयाल परिसर के जिम्मेदार पदाधिकारी यह देख सकेंगे कि किस जिले का जिला अध्यक्ष, जिला पदाधिकारी, जिला प्रभारी, मंडल पदाधिकारी कब कहां संगठनात्मक दौरे पर रहा। संगठन का मानना है कि मानीटरिंग के जरिये मिलने वाले फीडबैक के आधार पर प्रदेश संगठन कमजोर क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए त्वरित एक्शन भी ले सकेगा। सूत्रों का कहना है कि इसका यह असर होगा कि पार्टी के संगठनात्मक कार्यक्रमों के समय पर पूरे होने की व्यवस्था बनेगी और जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारियों का बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और जनता के साथ होने वाला संवाद भी संगठन की जानकारी में रहेगा।
हारी सीटों पर विशेष फोकस
भाजपा ने प्रत्येक सीट पर चुनाव होने तक सांसद-विधायकों और जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी तय कर दी है। पार्टी ने सभी नेताओं को इन सीटों को जीतने के लिए माइक्रो प्लानिंग बनाने की बात कही है।  जबकि संगठन की निगरानी में इन नेताओं के इन सीटों पर लगातार दौरे होते रहेंगे, जिसका पूरा मैनेजमेंट संगठन की निगरानी में होगा। राज्यसभा सांसदों, प्रदेश के केंद्रीय मंत्री और प्रदेश पदाधिकारियों को भी इन सीटों पर जाना पड़ेगा।  इसके अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री भी इन सीटों पर विशेष फोकस रखेंगे। भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में 107 सीटें मिली थीं, जिससे पार्टी बहुमत से दूर रह गई थी। ऐसे में पार्टी ने हारी हुई 100 सीटों पर विशेष फोकस करने का प्लान बनाया है। पार्टी ने दिग्गज नेताओं को इन सीटों पर तैनात करने का प्लान बनाया है। ताकि हर एक सीट पर बूथ मैनेजमेंट को मजबूत किया जा सके और 2023 में इन सीटों पर भाजपा की वापसी हो। भाजपा को पिछले चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था। ऐसे में पार्टी ने धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी जैसे आदिवासी बहुल जिलों की हर एक विधानसभा सीट पर विशेष तैयारी की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अगले सप्ताह से आदिवासी इलाकों का दौरा करेंगे। इन क्षेत्रों में पार्टी नेता-कार्यकर्ताओं की बैठक होगी। जहां बदलाव की जरुरत होगी वहां बदलाव भी किए जाएंगे।
माननीयों को देनी होगी बूथ की जानकारी
इस एप में विधायकों और सांसदों को उनके विधानसभा और संसदीय क्षेत्र के कमजोर बूथ की जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही भाजपा विधायकों और सांसदों को उनके इलाके के मंदिर और मस्जिदों की जानकारी भी अपडेट करनी होगी। इतना ही नहीं उनके विधानसभा क्षेत्र में होने वाले प्रमुख धार्मिक आयोजनों की जानकारी भी विधायक और सांसदों को एप के जरिए देनी होगी। दरअसल, भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने के लिए सरल एप बनाया है।  इस एप में सभी विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र के 10 ऐसे बूथ की जानकारी देनी है, जो कमजोर हैं या पिछले विधानसभा चुनाव में हार गए थे। भाजपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि धार्मिक स्थलों की जानकारी जुटाने के बाद उनके संचालकों और उनसे जुड़े प्रभावशाली पदाधिकारियों को पार्टी से जोड़ा जाएगा। जिन धार्मिक स्थलों के प्रति लोगों में ज्यादा आस्था है, वहां भाजपा बड़ा आयोजन करेगी। इसी तरह जातिगत वोटर्स को साधने के लिए सामाजिक संगठनों में पैठ बनाई जाएगी। उन्हें पार्टी के आयोजन में महत्व दिया जाएगा। सभी वर्गों के धार्मिक आयोजन में पार्टी के नेता शामिल होंगे।
डाटा बैंक में रहेगी पूरी जानकारी
प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भले ही एक साल का वक्त है, लेकिन सत्ताधारी भाजपा अभी से तैयारियों में जुट गई है। पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनाए फॉर्मूले को प्रयोग में ला रही है। इसी के सहारे भाजपा ने यूपी फतह किया था। यूपी की तर्ज पर ही अब एमपी भाजपा बूथ स्तर पर मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा चर्च से जुड़ी हर बारीक सूचना अपने डाटा बैंक में एकत्र कर रही है। इतना ही नहीं, धार्मिक आयोजन के  कर्ताधर्ता, किस राजनीतिक दल को सपोर्ट करते हैं, उनके आंकड़े भी तैयार किए जा रहे हैं। पार्टी इसकी जिम्मेदारी सांसद और विधायकों को दी है। यह जानकारी सरल एप के जरिए जुटाई जा रही है। भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 के साथ-साथ लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी मध्यप्रदेश में काम कर रही है। पार्टी का फोकस लगातार कमजोर और हारे हुए क्षेत्रों में है। इसलिए हर बूथों के तहत कितने धार्मिक स्थल, जातियां और सामाजिक नेताओं का राजनीतिक प्रभाव है, यह जानकारी जुटाई जा रही है। जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश भाजपा ने कुछ ही दिन पहले ही विधायक और सांसदों को सरल एप की ट्रेनिंग दे दी गई है।

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