अब केपी यादव के खिलाफ… उतरे श्रीमंत समर्थक

  • समर्थकों का दावा महाराज ही लड़ेंगे अगला लोकसभा चुनाव
  • अपूर्व चतुर्वेदी
श्रीमंत समर्थक

मप्र में इस समय विधानसभा चुनाव का माहौल है। सभी पार्टियां और नेता विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं। लेकिन इस बीच मप्र भाजपा में गुना लोकसभा सीट पर टिकट के लिए घमासान हो रहा है। यहां पर 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए भाजपा की ओर से वर्तमान सांसद केपी यादव और उनसे चुनाव हारने वाले ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया आमने-सामने हैं। दिन पर दिन दोनों के बीच तल्खी भी बढ़ती जा रही है। सांसद केपी यादव जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक बार फिर मैदान में आने की चुनौती दे रहे हैं। वहीं लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी ने दावा किया कि केपी यादव को इस बार टिकट ही नहीं मिलेगा। महाराज ही यहां से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वो महाराज के बनाए नेता है। उन्हें इतने घमंड में नहीं बोलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि एक वायरल वीडियो में सांसद यादव सिंधिया को लेकर बयान देते सुने जा रहे हैं। सिंधिया की बैठक में सांसद केपी यादव को न बुलाए जाने पर, के पी यादव ने 24 मई को भोपाल में कहा था कि व्यक्तिगत मतभेदों को दूर रखने की जरूरत है और उन्हें आमंत्रित किया जाना चाहिए था। वह क्षेत्र के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि यह मेरे खिलाफ साजिश लगती है, इसलिए मुझे बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। यादव की यह टिप्पणी सिंधिया के उस बयान के बाद आई है, जब शिवपुरी जिले में स्थानीय लोगों (ग्वालियर, शिवपुरी) की एक सभा को संबोधित करते हुए दिया गया था। इसमें वह माफी मांग रहे थे। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सिंधिया ने अलग-अलग समुदायों की दो सभाओं- केवट, माझी, यादव, वैश्य और कुछ अन्य को संबोधित किया। 22 मई को शिवपुरी में वैश्य समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए सिंधिया ने हाथ जोडक़र लोगों से माफी मांगी और कहा, पूर्व में जो भी गलतियां हुई हैं, उनके लिए मैं माफी मांगता हूं। कृपया मुझे क्षमा करें। यादव ने कहा कि व्यक्तिगत मतभेदों को दूर रखने की जरूरत है और उन्हें आमंत्रित किया जाना चाहिए था ,क्योंकि वह क्षेत्र के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। यादव ने कहा, इन चीजों से समाज में गलत संदेश जाता है। हमें एकजुट होने की जरूरत है। मैं घटनाक्रम से निराश हूं। हालांकि सिंधिया और यादव के बीच अनबन पहली बार सामने नहीं आई है, ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। केपी यादव ने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें सिंधिया की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। बाद में प्रदेश बीजेपी नेतृत्व ने इन दोनों नेताओं के बीच के मतभेद को पाटने की कोशिश की, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि अब चीजें ठीक हैं। इस पर सिंधिया समर्थक मप्र के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और पूर्व मंत्री एवं लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी ने पलटवार किया है। यहां बताते चले कि मप्र लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की समर्थक है। उन्होंने ग्वालियर में केपी यादव को अप्रत्यक्ष रूप से मशविरा दिया कि वे गुना सीट सिंधिया के लिए खाली कर दें।
जिसकी खा रहे, उसी में छेद कर रहे
इस बीच, कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें यादव को यह कहते हुए सुना जा सकता है, कुछ लोग समस्या पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें फिर से मेरे खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए था और फिर यह दिखाते कि वह (सिंधिया) कैसे लोकप्रिय हैं। सोशल मीडिया पर एक और वीडियो केपी यादव का वायरल हो रहा है। उसमें वह कह रहे हैं कि भीड़ में कुछ मूर्ख लोग होते हैं, उन्हें लगता है कि वह सबसे बुद्धिमान हैं। ये लोग जिसकी खा रहे हैं, उसी में छेद कर रहे हैं। ये सब समझ से परे हैं। भाई जिस पार्टी में तुम हो, उसी के खिलाफ तुम ऐसी बात कर रहे हैं। दम है तो फिर से चुनाव लड़ें और जीतकर दिखाएं।  भाजपा सांसद केपी यादव के सिंधिया को लेकर वायरल वीडियो को कांग्रेस ने इसे ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बताते हुए इसे शेयर किया, कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा-गद्दारी का नतीजा न घर के रहे न घाट के। चुनावी साल में ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिछले लोकसभा चुनाव में लाखों वोटों के अंतर से हराने वाले भाजपा सांसद केपी यादव और सिंधिया समर्थकों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।  यह वीडियो वायरल होने और समाचार छपने के बाद प्रतिक्रिया में सिंधिया समर्थक मंत्री प्रघुम्न सिंह तोमर और पूर्व मंत्री इमरती देवी ने सांसद यादव पर पलटवार कर तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं इस मामले को कांग्रेस ने हाथों हाथ लेकर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर कर दिया है। कांग्रेस के बड़े नेता और राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सांसद केपी यादव के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- गद्दारी का नतीजा, सिंधिया न घर के रहे न घाट के।
केपी यादव थे महाराज के कार्यकर्ता
ज्योतिरादित्य सिंधिया की कट्टर समर्थक माने जाने वाली पूर्व मंत्री इमरती देवी ने केपी यादव को नसीहत देते हुए कहा कि केपी यादव चांद पर धूल फेकेंगे तो वहां तक पहुंचेगी नहीं, सिंधिया जी को कोई टारगेट नहीं कर सकता है। केपी यादव महाराज के कार्यकर्ता थे। उन्होंने पार्टी बदली, वह भाजपा में आ गए और जनता ने उन्हें जिता दिया। लेकिन जिस नेता से वह राजनीति सीखे उसके खिलाफ बोलना गलत बात है। इमरती देवी ने कहा कि सब कुछ जनता के हाथ में होता है। अगर जनता बोले तो ठीक है, क्योंकि जनता कब किसको हरा दे कब किसको जिता दे। यह पता नहीं होता। इसलिए जनता ही भगवान है। जनता ही सर्वोपरि है। ऐसे में केपी यादव को अपने नेता के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए। ये उनकी सोच है, वे महाराज के ही नेता बनाए हुए हैं, उन्हीं से राजनीति सीखे हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा ये उनकी निजी सोच है। मैं इस पर क्या टिप्पणी कर सकता हूं। तोमर ने कहा कि उनका परिवार लम्बे समय तक सिंधिया परिवार से जुड़ा रहा है, उनके पिता स्वर्गीय माधव राव सिंधिया के साथ रहे वे खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ रहे हैं उनके साथ काम किया है।  सिंधिया द्वारा माफी मांगने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है, वे खुद को जनसेवक मानते हैं। इसलिए अपने भगवान से माफी मांगने में क्या हर्ज है और फिर वैसे भी इस समय कोई चुनाव तो हैं नहीं जो इसे चुनावों से जोड़ा जाए।

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