मैदानी कार्यकर्ताओं से हकीकत सुन मुरली व शिव प्रकाश हुए अचंभित

मैदानी कार्यकर्ताओं
  • जिला कमेटियों के लोगों ने सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए सुनाया दुखड़ा

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी द्वारा बुलाई गई जिलों की कमेटी की बैठक में  आए मैदानी पदाधिकारियों ने न केवल सरकार के कामकाज पर जमकर सवाल खड़े किए, बल्कि अपना दुखड़ा भी सुनाया। इस दौरान प्रदेश भाजपा के आला नेताओं के अलावा स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी मंचासीन थे। 14 जिलों की जिला कमेटियों के पदाधिकरियों ने शिकायत करते हुए यहां तक कहा की मंत्रियों द्वारा उनके काम करना तो दूर मिलने तक का समय नहीं दिया जाता है।
यही नहीं इन जिला कमेटियों के पदाधिकारियों ने यहां तक कहा की प्रशासनिक अफसर भी जिलों में उनकी कोई बात नहीं सुनते हैं। कार्यकर्ताओं की यह शिकायत उस समय सामने आयी जब बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव के अलावा राष्ट्रीय महासचिव महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद भी मौजूद थे। अधिकांश जिलों के पदाधिकारियों ने कहा की दौरे के समय मंत्रियों द्वारा  कार्यकर्ताओं को मिलने का समय ही नहीं दिया जाता है।  दरअसल प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी द्वारा यह बैठक चुनावी रणनीति पर मंथन के लिए बुलाई गई थी। इस दौरान इन नेताओं द्वारा अलग-अलग जिलों के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें की। इस तरह की बैठक करने के पीछे संगठन की मंशा मैदानी हकीकत जानकर उसके अनुसार चुनावी रणनीति बनाने की है। गौरतलब है की यह बैठक दिल्ली में राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आला अधिकारियों के साथ हुई समन्वय बैठक के बाद बुलाई गई है। भाजपा ने बेहतर काम और समन्वय के लिए हर जिले में प्रबंध समितियों बना रखी हैं। सूत्रों की माने तो कुछ जिलों में विधायकों में आपसी सामंजस्य का मामला भी उठाया गया। जिन जिलों के कोर ग्रुप के साथ आला नेताओं ने यह बैठक बुलाई थी। बैठक में अधिकांश जिलों की कोर कमेटी के नेताओं ने कहा कि प्रभार के जिलों में आने के दौरान मंत्रियों का रवैया सकारात्मक ही नहीं रहता है, वे केवल औपचारिकता निभाने के लिए बहुत ही कम आते हैं। वे कुछ गिने चुने लोगों से ही घिरे रहते हैं। यही नहीं इस दौरान कहा गया की कार्यकर्ताओ ंके काम हो नही रहे हैं, जिसकी वजह से उनमें नाराजगी बढ़ रही है। नेताओं ने कहा की बार बार कहने के बाद भी अफसर वही करते हैं जो उन्हें ठीक लगता है। इन अफसरों में एसडीएम से लेकर तहसीलदार तक शामिल हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जाता है। इस दौरान मंडल स्तर पर गठित की जाने वाली टीमों से लेकर चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण हर मामले की बारीकी से जानकारी भी ली गई।
परिवारवाद मामले में लाइन तय: विजयवर्गीय
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि परिवारवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट लाइन दे चुके हैं। लिहाजा इस विषय में अब सब कुछ साफ है। विजयवर्गीय से नेताओं के परिजनों को टिकट संबंधी सवाल पूछा गया था। बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि हम खुद और बेहतर बनाने के लिए इस तरह की बैठकें आयोजित करते रहते हैं।
नेताओं ने पूछा समाधान
पाटी्र सूत्रों का कहना है की बैठक में मिली शिकायतों को लेकर शिवप्रकाश और मुरलीधर राव ने कहा कि समस्या नहीं समाधान बताए। सुझाव दें कि बेहतर कैसे किया जा सकता है। कोर कमेटी की बैठक में जिले की प्रशासनिक स्थिति, कांग्रेस की स्थिति जिले में कैसी है, विधायकों का संगठन के साथ समन्वय जैसे मुद्दों पर बात हुई। आगामी चुनाव को कौन से मुद्दे ज्यादा प्रभावित करेंगे। इस पर भी सुझाव लिए। सूत्रों की माने तो इसे लेकर कोर कमेटी के सदस्यों ने अपने अपने सुझाव दिए। इस दौरान सीएम लगातार मिल रहे फीडबैक को नोट करते रहे।
चुनावी दृष्टि से कठिन माने जाते हैं जिले
दरअसल कोर कमेटी द्वार जिन 14 जिलों के नेताओं को बैठक में बुलाया गया था, वे सभी जिले पार्टी के लिए चुनावी दृष्टि से कठिन माने जाते हैं। इन जिलों में भिंड के अलावा मुरैना,दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर,श्योपुर , रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला शामिल हैं। इनमें से कई जिलों में तो अभी भाजपा से अधिक कांग्रेस के विधायक हैं या फिर दोनों दलों के बराबर विधायकों की संख्या है। यही नहीं इन जिलों में कांग्रेस का प्रभाव भी अच्छा माना जाता है।
चलाया जाएगा सुशासन अभियान: शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भाजपा समय -समय पर संगठनात्मक कार्य विस्तार और कार्य के सुदृढ़ीकरण को लेकर बैठकें आयोजित करती है। साथ ही जिले का पार्टी नेतृत्व अपने प्रदेश नेतृत्व को जमीनी फीडबैक से अवगत कराता है और संगठनात्मक कार्यक्रम जो जिले में संपन्न हुए है उनकी जानकारी भी देता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के 8 वर्ष पूर्ण होने पर 30 मई से 15 जून के बीच गरीब कल्याण और सुशासन अभियान चलाया जाएगा।  
हर जिले को मिला एक घंटे का समय
सोमवार को दोपहर से शुरू होकर रात करीब दस बजे तक चले बैठकों के दौर में एक जिले को करीब 50 से 60 मिनट दिए गए। हर जिले के जातीय समीकरण और भौगोलिक स्थिति पर भी चर्चा हुई। किस जिले में क्या नए काम अगले डेढ़ साल में किए जा सकते हैं। इस पर भी विचार किया गया।
जारी है बैठकों का दौर
प्रदेश कार्यालय में आज भी जिला कमेटियों के पदाधिकारियों के साथ  बैठकों का दौर जारी है। आज की बैठक में उन जिलों के पदाधिकारियों को बुलाया गया है , जिन्हें कल नहीं बुलाया गया था। यह बैठक भी देर रात तक जारी रहने की संभावना है।

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