कांग्रेस में भी हलचल बढ़ी… दौरों व बैठकों का दौर शुरू

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भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस में भी हलचल तेज हो गई है। राजनैतिक व वचन पत्र कमेटयों के गठन के बाद अब उनकी बैठकों का दौर शुरू हो गया है तो वहीं, मैदानी स्तर पर पार्टी को प्रभावशाली करने और संगठन की मजबूती के लिए नेताओं द्वारा प्रवास शुरू कर दिए गए हैं। इसी क्रम में अब वचन पत्र सलाहकार समिति की पहली बैठक 12 मई को प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई है तो वहीं ,संभागीय स्तर पर भी सम्मेलनों का आयोजन शुरू किया जा चुका है। यह पहला मौका है जब प्रदेश में कांग्रेस भी चुनाव से एक साल पहले अपनी तैयारियों को लेकर पूरी तरह से सक्रिय दिखना शुरू हो गई है। इसके अलावा पार्टी द्वारा लगातार हर सीट का सर्वे भी कराया जा रहा है। पार्टी की जानकारी के मुताबिक वचन पत्र समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में होने जा रही है। इस बैठक में सदस्यों द्वारा वचन पत्र मे शामिल किए जाने वाले बिन्दुओं करने को लेकर प्रारंभिक दौर की चर्चा की जाएगी। इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा की गई घोषणाओं को शामिल करने का मामला भी शामिल है। माना जा रहा है की कांग्रेस के वचन पत्र में किसान कर्ज माफी, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने जैसे मामलों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। सिंह के मुताबिक समिति वचन पत्र बनाने से पहले विभिन्न सामाजिक संगठनों, तमाम वर्गों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं सिविल सोसायटी के सदस्यों से विचार-विमर्श करेगी। इस समिति में संगठन की ओर से विधायक बाला बच्चन को उपाध्यक्ष एवं संयोजक बनाया गया है , वहीं विधायक सज्जन सिंह वर्मा, डॉ. विजय लक्ष्मी साधो, एनपी प्रजापति, लाखन सिंह यादव, सुखदेव पांसे, ओमकार मरकाम, तरुण भनोट, कमलेश्वर पटेल, आरिफ मसूद, पूर्व विधायक मुकेश नायक, कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया, सैयद साजिद अली, शोभा ओझा, वीके बाथम, केदार सिरोही, वीरेन्द्र खोंगल व महेन्द्र सिंह को सदस्य बनाया गया है।
जिलों में बीआरओ टटोल रहे नब्ज
प्रदेश में कांग्रेस संगठन के लिए चुनावी तैयारियों के तहत अन्य प्रदेशों के नेताओं को बतौर डीआरओ (डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिसर) बनाकर जिलों में भेजा गया है। प्रदेश में अब तक संगठन द्वारा 56 जिलों के लिए डीआरओ की नियुक्तियां की जा चुकी हैं। दरअसल प्रदेश में कुछ माह के अंतराल में ही कांग्रेस संगठन में बूथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है।
यही वजह है की डीआरओ अलग से भी पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा कर चुनाव के लिए नब्ज टटोल रहे हैं। एआईसीसी ने जिन्हें डीआरओ बनाकर भेजा है उनमें ओड़िसा के मदन मोहन ढाल को इंदौर शहर और इंदौर ग्रामीण की  उत्तरप्रदेश के देवेन्द्र प्रताप सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। भोपाल शहर के लिए किशोर जेना और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अक्षय समर्थ, सागर के लिए जयकरण चौधरी को, जबलपुर शहर का अहमद हुसैन, जबलपुर ग्रामीण का दिनेश शर्मा, ग्वालियर में छग के तानेश्वर पाटिल और उज्जैन शहर का डीआरओ निरमानी शामल को बनाया गया है।
क्षेत्रीय नेताओं कोभी तवज्जो
चुनावी मोड में आई कांग्रेस अब संभागीय स्तर पर बैठकों का क्रम शुरू कर चुकी है। इसकी शुरूआत ग्वालियर-चंबल संभाग से की जा चुकी है। इसी कड़ी में अन्य संभागों में भी बैठकें भी की जानी हैं। इन बैठकों के माध्यम से कांग्रेस जहां हर अंचल के हिसाब से जानकारी जुटाकर चुनावी रणनीति तैयार करना चाहती है तो वहीं क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेसियों को महत्व देकर उन्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पीसीसी स्तर से पूरी योजना तैयार की गई है। दरअसल कांग्रेस में क्षेत्रीय स्तर नेताओं का प्रभाव है। इसके चलते क्षेत्रीय नेताओं को जिम्मेदारी देकर उन्हें महत्व दिया जाएगा। इसके लिए क्षेत्रीय स्तर पर टीम बनाई जाएगी, जो विभिन्न मामलों पर निर्णय लेगी। यदि कोई विवाद या नेताओं में मनमुटाव है तो भी ये कमेटी प्रभावी भूमिका अदा करेगी। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बंगले पर हुई बैठक में क्षेत्रीय स्तर पर नेताओं को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया था।   ैविधायकों और जिलाध्यक्षों की रहेगी महत्वपूर्ण भूमिका सभी को साथ लेकर चलने की रणनीति के तहत पार्टी ने तय किया है कि क्षेत्रीय स्तर पर विधायकों, जिलाध्यक्षों सहित पूर्व विधायकों सहित अन्य पदाधिकारियों की राय को महत्व दिया जाएगा। कोई भी निर्णय लिए जाने के पूर्व सुझाव लिए जाएंगे। इनकी राय भी इसमें शामिल होगी। यानी निर्णय सभी की राय से होंगे।

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