लोकसभा चुनाव: प्रदेश में हर चरण में मोदी कर रहे सभाएं

  • सभी प्रत्याशी चाहते हैं अपने इलाके में प्रधानमंत्री का दौरा

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कहा जाता है कि भाजपा का संगठन और उसके नेता हर चुनाव को बेहद गंभीरता से लेते हैं, फिर चुनाव उनके अनुकूल हो या फिर प्रतिकूल। कुछ इसी तरह का हाल इस बार के लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश में दिख रहा है। भाजपा का गढ़ बन चुके प्रदेश में चार चरणों में हो रहे चुनाव के हर चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनावी प्रचार के लिए आ रहे हैं। दरअसल देश की राजनीति में अगर इस समय सबसे बड़ा और लोकप्रिय चेहरा हैं, तो वो हैं नरेन्द्र मोदी का।  प्रदेश में जिन छह लोकसभा सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ है उनमें शामिल छह सीटों सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, मंडला और छिंदवाड़ा में से वह जबलपुर और बालाघाट में चुनावी सभा करने आए थे। इसी तरह से दूसरे चरण की छह सीटों दमोह, टीकमगढ़, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद में से दमोह और होशंगाबाद में उनकी चुनावी सभा हो चुकी हैं। अब तीसरे चरण की नौ सीटों में शामिल उनकी सागर और बैतूल (हरदा) में 24 अप्रैल को उनकी सभा और भोपाल में रोड शो होने जा रहा है।  भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं में मध्य प्रदेश में सर्वाधिक दौरे प्रधानमंत्री मोदी के ही हो रहे हैं। गौरतलब है कि करीब चार माह पहले हुए पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे अधिक दौरे प्रदेश में हुए थे। उन्होंने 12 दिन में 14 सभाएं व एक रोड-शो किया था। मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंडला और कटनी (खजुराहो सीट) में सभा और छिंदवाड़ा में रोड शो कर चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जबलपुर में कार्यकर्ता बैठक, सीधी और छिंदवाड़ा में सभा की। दूसरे चरण की सीटों पर कांग्रेस से सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सतना में ही एकमात्र सभा हुई है।
    मोदी की सभाओं के अर्थ
    प्रधानमंत्री ने जबलपुर में रोड शो से प्रदेश में चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। यह सीट भले ही भाजपा का गढ़ रही है, पर पार्टी ने यहां नया प्रत्याशी उतारा है। यहां से उन्होंने बिना बोले ही शहरी आबादी के लिए बड़ा संदेश दिया। बालाघाट में सभा कर उन्होंने यहां के साथ ही मंडला और छिंदवाड़ा सीट के आदिवासी मतदाताओं को साधने का प्रयास किया। होशंगाबाद सीट के अंतर्गत पिपरिया में उन्होंने बाबा साहेब डा. आंबेडकर के जन्मदिवस पर एससी मतदाताओं पर पूरा फोकस किया था।  

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