मिशन एक लाख नौकरी की रफ्तार धीमी

नौकरी की रफ्तार
  • विभागों की सुस्ती बनी चिंता का विषय

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।
    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक साल में एक लाख सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री से मिले निर्देश के बाद जीएडी ने सभी विभागों को अपने यहां खाली पदों पर आवश्यकता के अनुसार भर्तियां निकालने का आदेश दिया है। इसके बाद कुछ विभागों ने तो अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं कुछ विभागों की सुस्ती चिंता बढ़ा रही है। जानकारों का कहना है कि अगर यही रफ्तार रही तो शायद ही टारगेट पूरा हो सके। उच्च शिक्षा विभाग ने 2197 प्राध्यापक पदों के लिए जून और जुलाई माह में परीक्षा आयोजित करने का कार्यक्रम तय कर लिया है। यह प्रक्रिया लंबे समय से खाली पड़े शिक्षण पदों को भरने की दिशा में बड़ी पहल मानी जा रही है। वहीं, दूसरी ओर, लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष विभागों में कुल 718 पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक परीक्षा की तारीखें घोषित नहीं हो सकी हैं। सूत्रों के अनुसार, लोक सेवा आयोग इन पर जल्द निर्णय ले सकता है, पर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है।   गौरतलब है कि प्रदेश के विभागों में एक लाख के करीब पद खाली पड़े हैं। कई विभागों में वर्षों से भर्तियां तक नहीं हुई हैं। अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभागों में भर्तियां शुरू हो रही है। गौरतलब है कि लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2025 की प्रारंभिक परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न कर ली है, लेकिन मुख्य परीक्षा, जो जून में प्रस्तावित थी, उसे स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में उन पदों पर भर्तियों की अंतिम घोषणा वर्ष के उत्तरार्ध तक खिंच सकती है।
    सरकारी आंकड़ों और दावों के बीच अंतर भी उजागर हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिसंबर 2024 में एक लाख पदों पर भर्ती का ऐलान किया था। इसके तहत सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से रिक्तियां मंगवा कर पीएससी और चयन मंडल को भेजीं, लेकिन पीएससी, इंदौर ने अब तक केवल 64 विज्ञापन जारी किए हैं, जिनमें कुल 3151 पद शामिल हैं। इस अनुपात में रिक्त पदों की पूर्ति की रफ्तार धीमी मानी जा रही है। वहीं युवाओं ने इस भर्ती प्रक्रिया का बेसब्री से इंतजार किया था। कई युवाओं ने परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों में दाखिला लिया और पढ़ाई में समय और धन निवेश किया। अब भर्ती प्रक्रिया के ठप हो जाने से उनमें निराशा और नाराजगी बढ़ रही है।
    आरक्षण नियमों में उलझी 8,500 पुलिस पदों पर भर्ती
    प्रदेश में 8,500 पदों पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया पिछले कई महीनों से आरक्षण नीति को लेकर अस्पष्टता और पीएचक्यू और कर्मचारी चयन बोर्ड  के बीच समन्वय की कमी के कारण अटकी हुई है। इन पदों में 7,500 आरक्षक (सिपाही) और 1,000 उपनिरीक्षक व लिपिकीय पद (स्टेनोग्राफर, सहायक आदि) शामिल हैं। यह भर्ती राज्य की कानून-व्यवस्था को सशक्त बनाने और युवाओं को रोजगार देने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही थी।  जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय को भर्ती में आरक्षण की स्थिति को लेकर कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। साथ ही, उम्मीदवारों को राज्य सरकार के रोजगार पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य किया गया है, लेकिन इस नियम को लेकर भी विभागों के बीच मतभेद सामने आए हैं। यही कारण है कि प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले मामला राज्य सरकार को भेजा गया है, ताकि वह इस पर अंतिम निर्णय ले सके।
    अभ्यर्थियों का तारीख का इंतजार
    प्रदेश में सबसे अधिक पद स्वास्थ्य विभाग में खाली हैं। स्वास्थ्य विभाग में 579 पदों पर भर्ती होनी है, लेकिन अभी तक इनकी परीक्षा की तिथि घोषित नहीं की गई है। इसमें सबसे अधिक 385 पद डेंटल सर्जनों के लिए हैं। इसके अलावा हड्डी रोग, नेत्र रोग, नाक-कान-गला, मानसिक रोग, फिजियोथेरेपी और क्षय रोग विशेषज्ञ जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी विशेषज्ञों की जरूरत है। इससे साफ है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए व्यापक स्तर पर विशेषज्ञों की भर्ती करने जा रही है, लेकिन तारीख न तय होने से अभ्यर्थियों में असमंजस बना हुआ है।  कई विभागों में 194 पदों पर भर्ती प्रस्तावित, आयुष में 19 पदों के लिए होनी है परीक्षा  वहीं स्वास्थ्य और शिक्षा के अलावा अन्य विभागों में भी भर्तियां प्रस्तावित हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 120 पद सबसे अधिक हैं, इसके अलावा श्रम विभाग में 55 पद, पंचायत, जनसंपर्क, जल संसाधन, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग जैसे क्षेत्रों में भी भर्तियां की जानी हैं। इधर, आयुष विभाग में 19 पदों के लिए उम्मीदवार पहले ही आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अब तक परीक्षा की तारीख तय नहीं हुई है। इसमें होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और संबंधित विषयों के विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। वहीं प्रदेश में पहले से ही कुछ महत्वपूर्ण पदों के लिए परीक्षाएं पूरी हो चुकी हैं। डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, वाणिज्यिक कर अधिकारी, वित्त अधिकारी, नगर विकास, महिला एवं बाल विकास, पंचायत विकास और सहकारिता विभाग के पदों पर प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं। इनमें सबसे अधिक पद बाल विकास परियोजना अधिकारी (65) और महिला सशक्तिकरण अधिकारी (6) के लिए हैं। यह दर्शाता है कि महिला और बाल कल्याण सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।

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