भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के रडार पर आए प्रशिक्षण से गैर हाजिर रहने वाले नेता

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भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। अनुशासित मानी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी में मंत्री, सांसदों, विधायकों और नेताओं के प्रशिक्षण वर्ग से गैरहाजिर रहने की चर्चा दिल्ली तक पहुंच गई हैं। दरअसल भाजपा का छह सप्ताह का राष्ट्रीय वर्चुअल प्रशिक्षण सत्ता और संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं का चल रहा है। यह बीस जून से शुरू हुआ है। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा अपनी तमाम व्यस्तताओं के बाद भी डेढ़ घंटे के इस प्रशिक्षण में हर हफ्ते मौजूद रहते हैं। यही नहीं वे विद्यार्थी भाव से इस वर्ग में बताए जा रहे विषय को समझते भी हैं, लेकिन सत्ता और संगठन के इन दोनों प्रमुखों की टीम के कई नेता ऐसे भी हैं जो राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश को भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शिवराज मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के साथ ही प्रदेश के जिलों के पदाधिकारियों के नाम से लगातार गैरहाजिर रहने वाले नेताओं में शामिल है। हालांकि इसकी जानकारी लगते ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के हर जिले से प्रशिक्षण का हाजिरी रिकॉर्ड दिल्ली बुला लिया है। ऐसे में अब प्रशिक्षण से गैरहाजिर रहने वाले मंत्री, विधायक और संगठन के नेता केंद्रीय नेतृत्व के रडार पर आ गए हैं। बता दें कि प्रशिक्षण वर्ग में उपस्थित नहीं होने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं का रिकॉर्ड बुलाने की जिम्मेदारी प्रदेश महामंत्री को दी गई है। वे हर जिले के जिला अध्यक्ष से बात करते हैं और वहां के प्रशिक्षण वर्ग से गैरहाजिर रहने वाले नेताओं के नाम मंगवाते हैं।
मंत्रियों को दौरे के दौरान यह दी सुविधा
प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से हाजिर रहने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों को यह विशेष सुविधा दी गई है कि वे अपने दौरों के दौरान संबंधित जिले के जिला कार्यालय अथवा राजधानी भोपाल में रहने पर प्रदेश कार्यालय अथवा जिला कार्यालय पर पहुंचकर प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं।
20 जून से चल रहा है प्रशिक्षण वर्ग
भाजपा का यह राष्ट्रीय वर्चुअल प्रशिक्षण 20 जून से शुरू हुआ था। इसमें सभी स्तर के प्रशिक्षणार्थियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि जिस तरह एक्चुअल वर्ग में पूरे अनुशासन के साथ शत-प्रतिशत उपस्थिति होती है, उसी तरह वर्चुअल वर्ग की गरिमा और मर्यादा का भी सभी को पालन करना है। इस प्रशिक्षण वर्ग में जहां रविवार को राष्ट्रीय स्तर पर किसी एक विषय पर यह प्रशिक्षण दिया जाता है वहीं अगली कड़ी में बुधवार और शनिवार को क्रमश: प्रदेश के साथ ही जिला स्तर का वर्ग चलता है। बता दें कि भाजपा ने इस प्रशिक्षण वर्ग के लिए सभी पात्र नेताओं को जिला कार्यालय में पहुंचने के निर्देश दिए है। सभी को जिला कार्यालय से ही इस वर्चुअल प्रशिक्षण में शामिल होना है। प्रदेश कार्यालय में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बीस नेताओं के बैठने की व्यवस्था की गई है।
वीडी शर्मा की क्लास
बता दें कि रविवार को एस. जयशंकर प्रसाद द्वारा पांचवें सप्ताह के प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत की गई थी। वहीं अगले प्रशिक्षण वर्ग में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा मुख्य वक्ता रहे हैं। इस वर्ग में वीडी शर्मा द्वारा मोदी सरकार की विदेश नीति की बारीकियां और उपलब्धियां बताई गईं।
नहीं दिख रही कुछ मंत्री, सांसद व विधायकों की रुचि
गौरतलब है कि दूरस्थ और छोटे जिलों में तो मंत्री विधायक और जिले के पदाधिकारी हर सप्ताह जिला कार्यालय पहुंचकर प्रशिक्षण में शामिल रहते हैं। वहीं भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर जैसे महानगरों सहित बड़े जिलों में गैरहाजिर रहने वाले नेताओं की संख्या अधिक है। राजधानी भोपाल की बात की जाए तो यहां के पांच विधायकों में से एक का रिकॉर्ड खराब बना हुआ है। यह भाजपा वरिष्ठ विधायक केवल पहले वर्ग में शामिल हुए थे। उसके बाद से वे गायब हैं। न तो वे प्रदेश कार्यालय पहुंचे और ना जिला कार्यालय में इनकी उपस्थिति दर्ज हुई है। हालांकि बाकी चार विधायक हर हफ्ते प्रशिक्षण लेने पहुंचते हैं। प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। इनमें प्रदेश सरकार के मंत्रियों के अलावा कुछ सांसद भी प्रशिक्षण लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। हालात ये हैं कि प्रदेश भर में गैरहाजिर नेताओं का आंकड़ा करीब बीस से पच्चीस प्रतिशत तक पहुंच गया है। इनमें प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों के अलावा सांसद, विधायक और प्रदेश व जिलों के नेताओं के नाम हाजरी रजिस्टर में अनुपस्थित की जगह दर्ज हैं।
कुछ  नाम कटे तो कई जोड़े गए
भाजपा के हर सप्ताह तीन चरणों में चलने वाले इस प्रशिक्षण वर्ग में प्रदेश भर के करीब ग्यारह हजार वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को शामिल किया जा रहा है। वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पहले प्रदेश स्तर के प्रशिक्षण में शामिल था लेकिन केंद्रीय मंत्री बनने के बाद सिंधिया प्रमोट होकर राष्ट्रीय मंडली में शामिल हो गए हैं। जबकि इस्तीफा देकर राज्यपाल बने थावरचंद गहलोत का नाम इस सूची से कट गया है। इसी प्रकार प्रदेश की टोली में पहले एक हजार 157 सदस्यों को प्रशिक्षण से जोड़ा गया था, लेकिन कई जिलों की कार्यकारिणी इस बीच घोषित होने से यह संख्या और बढ़ गई है। नए जिलों के महामंत्रियों को भी प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है।

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