पूरे देश के सोशल मीडिया में जांगिड़ को मिल रहा समर्थन

लोकेश कुमार जांगिड़
  • भाजपा सांसद सहित अधिकारी और कर्मचारियों  का मिला साथ, एसोसिएशन व सरकार विरोध में…
    भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
    युवा आईएएस अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ द्वारा बड़वानी अपर कलेक्टर पद से 42 दिनों में ही तबादला किए जाने से नाराज होकर डाली गई पोस्ट के बाद मचे बबाल के बाद उनकी एक और पोस्ट इन दिनों चर्चा में बनी हुई है। यह पोस्ट उनके द्वारा अपने वाट्सएप के स्टेटस में डाली गई है। इन पोस्टों की वजह से वे न केवल देशभर में चर्चा में आ गए हैं बल्कि उन्हें समर्थन भी मिल रहा है। खास बात यह है कि उनके समर्थन में युवाओं का ही नहीं, बल्कि हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है।  उनके समर्थन में मप्र के विभिन्न कर्मचारी संगठन, स्थानीय सांसद और प्रदेश के कुछ आईएएस भी आ गए हैं। अब उनका विरोध सिर्फ एसोसिएशन से जुड़े अफसर और सरकार द्वारा ही किया जा रहा है। जांगिड़ को मिल रहे समर्थन का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि उनको नोटिस मिलने के बाद राज्य शिक्षा केन्द्र का अधिकारी व कर्मचारी संगठन बाकायदा उनके पक्ष में न केवल खड़ा हो गया है, बल्कि एक बयान जारी कर उनका समर्थन करते हुए तारीफ भी कर रहा है। इस संगठन का कहना है कि वे न्यायप्रिय और मृदुभाषी अफसर हैं। वे कभी भी आईएएस अफसर होने का रौब नहीं दिखाते हैं, बल्कि बात सुनकर उसके निराकरण का प्रयास करते हैं। यही नहीं अब उनके पक्ष में स्थानीय भाजपा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी भी खड़े हो गए हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि तबादला और पदस्थापना करना सरकार का अधिकार है,लेकिन बड़वानी में अपर कलेक्टर रहते अच्छा काम किया है। मेरी जानकारी के अनुसार इस दौरान उनके द्वारा पूरी मेहनत से काम किया गया है। उन्होंने जांगिड़ की कार्यशैली की जमकर तारीफ करते हुए उनका बचाव किया है। इसी तरह से प्रदेश के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बाला बच्चन भी उनके समर्थन में आ चुके हैं। गौरतलब है कि उनको लेकर खड़े हुए विवाद के बाद अब वे अपना पक्ष मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के सामने रखने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उनके द्वारा मुलाकात का समय भी मांगा गया है। उन्हें प्रशासन की ओर से एक नोटिस भी जारी किया गया है, जिसमें उनसे तय समय सीमा में जवाब मांगा गया है। इस पूरे विवाद के केन्द्र में जांगिड़  के साथ ही बड़वानी कलेक्टर शिवराज वर्मा बने हुए हैं। बीते साढ़े चार साल में आठ तबादलों का शिकार होने की वजह से जांगिड़ नाराज चल रहे हैं।  इसकी वजह से अब उन्होंने अपने गृह प्रदेश जाने का फैसला कर लिया है। उनके द्वारा इसके लिए दिए गए आवेदन में महाराष्ट्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की वजह पारिवारिक बताई गई है।  
    यह लिखा स्टेटस पर
    जांगिड़ ने वाट्सएप स्टेटस में अपना दर्द एक शायरी के जरिए बयां करते हुए लिखा है कि …ईमानदारी तेरा किरदार है, तो खुदकुशी कर लें, सियासी दौर को तो जी हुजूरी की जरुरत है। यही नहीं उनके द्वारा दूसरी शायरी भी लिखी गई है जिसमें लिखा है …इधर उधर की न बात कर यह बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है…।  इन दोनों शायरी के बहाने उनके द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से सरकार और आला अफसरों को आईना दिखाने वाले कटाक्ष के साथ ही सरकार से सवाल पूछने के रूप में देखा जा रहा है। उनकी यह दोनों ही शायरी सोशल मीडिया पर जमकर छायी हुई हैं।  
    आईएएस भी हुए दो फाड़
    बताया जा रहा है कि इस मामले में अब आईएएस अफसर भी दो फाड़ हो चुके हैं। एसोसिएशन से जुड़े अफसर जहां जांगिड़ के विरोध में हैं तो वहीं अन्य अफसर उनके पक्ष में अप्रत्यक्ष रुप से खड़े हो गए हैं। उनके पक्ष में आने वाले आईएएस अफसरों का कहना है कि जो आरोप लगाए गए हैं उनकी जांच होनी चाहिए , जिससे कि हकीकत सामने आ सके।

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