इंदौर, हरदा, डिंडौरी और सागर में खुलेंगी सायबर तहसीलें: गोविंद सिंह राजपूत

गोविंद सिंह राजपूत

राजस्व एवं परिवहन मंत्री बोले- इस नवाचार के मिले बेहतर परिणाम, अब जल्द पूरे प्रदेश में करेंगे लागू

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सीहोर एवं दतिया जिले से सायबर तहसील के रूप में एक अभिनव प्रयोग करने वाले मध्यप्रदेश राज्य इस पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद योजना के द्वितीय चरण में इसे इंदौर, हरदा, डिंडौरी और सागर में लागू करने जा रहा है। सागर में 10 अक्टूबर से सायबर तहसील प्रारंभ भी हो जाएगी, उसके बाद बांकी तीन जिलों में भी प्रारम्भ हो जाएगी।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि साइबर तहसील लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का इकलौता राज्य है, जिसने इस अभिनव प्रयोग के जरिए लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में आशातीत सफलता पाई है। राजपूत ने कहा कि द्वितीय पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद हम इसे पूरे राज्य में लागू करने की योजना बना रहे हैं। राजस्व एवं परिवहन मंत्री राजपूत ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की इस अभिनव योजना के बहुत ही सुखद परिणाम आए हैं। राजपूत ने कहा कि हमने अविवादित नामांतरण /बंटवारे के प्रकरणों को सरलता से निपटाने के लिए सायबर तहसील का गठन किया था। जिस जिले में सायबर तहसील कार्य करेगी उस जिले के लोगों को अविवादित नामांतरण/बटवारे के प्रकरणों के लिए तहसील कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। आॅनलाइन आवेदन कर के ऐसे अविवादित नामांतरण/बटवारे के प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह मध्यप्रदेश के लिए बहुत बड़ा कदम है।
दूसरे राज्य करने आ रहे हमारा अध्ययन
राजस्व एवं परिवहन ने बताया कि मध्यप्रदेश के सायबर तहसील की परिकल्पना इतनी बेहतर है कि अन्य राज्यों के राजस्व महकमें का दल इसकी संरचना और कार्यप्रणाली के अध्ययन के लिए मध्यप्रदेश आ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में देश के दूसरे राज्य भी राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश की सायबर तहसील के कॉन्सेप्ट को लागू करेंगे। राजपूत ने कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के सेकेंड फेज की सफलता का आंकलन करने के लिए हम 6 महीने तक इसके परिणाम का अध्यन करेंगे, और फिर पूरे प्रदेश में लागू करेंगे।
शिवराज कैबिनेट में स्वीकृत हुआ था 700 करोड़
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने महाकाल लोक पर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि, कांग्रेस सोते-सोते जागने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक कॉरिडोर के निर्माण के लिए 700 करोड़ की धनराशि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में मंजूर हुआ। जिसमें मुख्यमंत्री का विशेष प्रयास था।  राजपूत ने कहा कि सच्चाई यह है कि कॉरिडोर के निर्माण में कांग्रेस का कोई योगदान नहीं है, यह सारा प्रयास प्रदेश की भाजपा सरकार का है।   राजपूत  ने कहा कि 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कॉरिडोर का शुभारंभ करने आ रहे हैं, जिस वजह से प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में भी इसकी चर्चा हो रही है, तथा लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस  राजपूत  ने कहा कि भाजपा ही देश की एकमात्र पार्टी है, जिसने सनातन परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश-प्रदेश के धार्मिक स्थलों का विकास एवं उन्नयन तथा जीर्णोद्वार या नए कॉरिडोर बनाने का काम किया है।  यह सभी कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हिंदुत्व की परंपरा को आगे बढ़ाने वाली पार्टी है।

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