मालिनी गौड़ का विजन व दक्षता रही कई महापौरों पर भारी

मालिनी गौड़

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम।
सूबे के सबसे बड़े महानगर और मप्र की आर्थिक राजधानी के रुप में प्रसिद्व इंदौर शहर आज कई मायनों में देश में अपना नाम कमा रहा है। इसका श्रेय दिया जाता है, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ के विजन और प्रशासनिक दक्षता को। यही वजह है कि वे इसके पहले भाजपा के ही कई कद्दावर नेताओं के महापौर के कार्यकाल पर भारी नजर आती हैं। दरअसल गौड़ प्रदेश की ऐसी पहली महापौर हैं, जिन्होंने लगातार चार बार स्वच्छता अभियान में देश भर में पहले स्थान का अवार्ड ग्रहण किया है। इसके अलावा उनके बाद दो बार यह अवार्ड प्रशासनिक अफसरों ने हासिल किए हैं। यह अवार्ड इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि वे मातृशक्ति के रुप में नगर सरकार की मुखिया थीं। उनके महापौर रहते नगर निगम की प्रशासनिक कमान मनीष सिंह और आशीष सिंह के पास बतौर निगमायुक्त थी। उनके कार्यकाल में अफसरों को अच्छा काम करने के लिए पूरी तरह से फ्री हैंड दिया गया था, फलस्वरुप दोनों अफसरों ने वह कर दिखाया जो नामुमकिन लगता था। सबसे अहम बात तो यह है कि इन तीनों चेहरों ने मिलकर शहर की जनता को ऐसा जागरूक किया कि जनता खुद स्वच्छता अभियान में पूरी तरह से भागीदार बन गई। खास बात यह है कि स्वच्छता अभियान में लगातार बाजी उस समय मारी गई, जब निगम में कोई स्वच्छता अधिकारी नहीं था। इसकी वजह से इंदौर में कई ऐसे काम हुए , जिसकी बाट अब भी राजधानी यानि की भोपाल शहर देख रहा है। महापौर व निगमायुक्त के बीच बेहतर तालमेल ही रहा है कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की सड़कों के किनारे न तो अवैध होर्डिंग दिखेगें और न ही गौवंश और  सूअर जैसे आवार पशु। इसके उलट राजधानीवासियों के लिए यह दोनों ही बड़ी समस्या आज जस की तस बनी हुई हैं। इंदौर नगर निगम की यह उपलब्धियां बेहद अहम तब और हो  जाती हैं , जब उनके कार्यकाल की तुलना पूर्व में महापौर रह चुके कैलाश विजवर्गीय,उमा शशि शर्मा और कृष्ण मुरारी मोघे जैसे नेताओं के समय से की जाती है। इसकी वजह है इसी तरह के कई वादे तो इन नेताओं द्वारा किए गए , लेकिन वे उन पर खरे कभी नहीं उतरे।
रिकार्ड समय में हुए यह काम
इंदौर शहर की नगर निगम में कई ऐसे काम भी हुए हैं, जिनको रिकार्ड समय में पूरा किया गया है। इनमें चंद्रभागा पुल और जवाहर मार्ग का पुल, महू नाका से मल्हारगंज तक सड़क और जयरामपुर से गोराकुण्ड तक की सड़क भी शामिल है। इसके पहले तक माना जाता रहा है कि नगर निगम कभी भी कोई काम समय से पहले तो ठीक तय समय में कभी भी नहीं कर पाता है।
यह भी दी सौगातें
श्रीमति गौड़ के कार्यकाल को याद करने की वजहें  भी कई हैं। इनमें उनके ही कार्यकाल में शहर के लिए अतिरिक्त 180 एमएलडी पानी का मिलना,   एलईडी लाइटों का लगना, स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत राजबाड़ा ,गोपाल मंदिर और ,बाँके बिहारी मंदिर का का पुर्नद्धार किया जाना। यही नहीं यह उनकी दृढ़ता ही थी की उनके कार्यकाल में ही सालों से चला आ रहा मुख्य अटाला बाजार , निहालपुरा, इमामबाड़ा, लोहारपट्टी और कनाडिया रोड जैसे इलाकों के अतिक्रमण को पूरी तरह से हटाया जा सका।  
इस तरह के बन गए थे हालात
हमेशा 2 नंबरी नेताओ के विवाद की वजह से इंदौर नगर निगम का महापौर सुर्खियों में रहता रहा है। हालात इसी तरह के मालिनी गौड़ के कार्यकाल में भी रहे। यह बात अलग है कि उनके द्वारा इसके बाद भी साहस दिखाते हुए काम जारी रखे गए , जिसकी वजह से 2 नंबर के पार्षदों और एमआईसी सदस्यों ने तो नगर निगम आना तक बंद कर दिया था।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री शिवराज जी ने मुझ पर भरोसा जताया में उनके विश्वास पर में खरी उतरी और जनता ने जो भरोसा और विश्वास मुझ पर किया था उसे न टूटने देने का प्रयास मेरे द्वारा किया गया। मैने जो- जो वादे चुनाव के दौरान किए थे उसे पूरा किया गया है।

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