दक्षता परीक्षा में शिक्षक यदि फेल हुए तो दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति

लोक शिक्षण संचालनालय

डीपीआई ने कम रिजल्ट वाले स्कूलों के शिक्षकों की पिछले साल ली गई परीक्षा में फेल होने पर 16 शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी  है

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। लोक शिक्षण संचालनालय के सूत्रों के मुताबिक बोर्ड परीक्षा में कमजोर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की दक्षता परीक्षा अब स्कूल खुलने के बाद ही आयोजित की जाएगी। कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए यह परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। डीपीआई के अनुसार जो शिक्षक दोबारा परीक्षा में शामिल होंगे वे प्रश्न को हल करने के लिए किताब की मदद ले सकते हैं। वहीं शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि इसके बाद भी यदि शिक्षक फेल होते हैं तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। बता दें कि लोक शिक्षण संचालनालय ने कम रिजल्ट वाले स्कूलों के शिक्षकों की पिछले साल भी दक्षता परीक्षा ली थी और इसमें फेल पाए जाने पर 16 शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। बहरहाल कई शिक्षक ऐसे हैं जो इस परीक्षा के विरोध में भी हैं। उनका कहना है कि वह जिस विषय को पढ़ाते हैं उनमें छात्र-छात्राओं को अच्छे अंक मिले हैं इसके बाद भी उनका नाम जबरन ही कमजोर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की सूची में डाल दिया गया है। ज्ञात हो कि लोक शिक्षण संचालनालय ने साल के शुरूआत में चार और पांच जनवरी को बोर्ड परीक्षा में कमजोर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की दक्षता परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में भोपाल के चार शिक्षकों सहित प्रदेश भर के 900 से ज्यादा शिक्षक फेल हो गए हैं।
कोरोना की वजह से स्थगित करनी पड़ी परीक्षा
दरअसल विभाग ने इस वर्ष की शिक्षकों की दक्षता परीक्षा पहले मार्च और फिर अप्रैल में कराने का तय किया था लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने की वजह से परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी। इसके बाद अप्रैल महीने से नया सत्र शुरू होने के साथ ही परीक्षा कराने की बात अधिकारियों ने की थी। हालांकि उसी दौरान कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई और इस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि परीक्षा में फेल हुए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई थी ताकि इन शिक्षकों को परीक्षा में मदद मिल सके।
करीब छह सौ शिक्षक रहे गैर हाजिर
उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में प्रदेश भर से करीब दस हजार दो सौ शिक्षकों को शामिल किया गया था। लेकिन इनमें से भी तकरीबन छह सौ शिक्षक कई कारणों से गैरहाजिर भी रहे। हालांकि ऐसे शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।  भोपाल की बात की जाए तो यहां से 62 शिक्षक इस परीक्षा में शामिल हुए थे। खास बात है कि परीक्षा होने के बाद इनका सेंटर पर ही मूल्यांकन करा लिया गया है। इसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय में पूरे प्रदेश के शिक्षकों की जानकारी भेज दी गई है।

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